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Rajasthan Politics : बीजेपी के संस्थापक सदस्य, राजस्थान के तीन बार सीएम और देश के उपराष्ट्रपति रहे भैरों सिंह शेखावत की राजनीति का न केवल राजस्थान बल्कि पूरा देश कायल रहा है. जानिए भैरों सिंह शेखावत की वो पांच …और पढ़ें
‘बाबोसा’ के नाम से प्रसिद्ध रहे भैरोंसिंह शेखावत राजस्थान की राजनीति के पुरोधा माने जाते हैं. वे पर्ची सिस्टम के खिलाफ थे.
हाइलाइट्स
- भैरों सिंह शेखावत तीन बार राजस्थान के सीएम रहे.
- शेखावत ने ‘अंत्योदय योजना’ शुरू की.
- शेखावत का फोकस गांव के गरीब इंसान पर था.
सूबे के कौने-कौने की और पल-पल की खबर रहती थी
शेखावत की याददाश्त इतनी जबर्दस्त थी कि वे अगर किसी से एक बार मिल लेते तो उसे भूलते नहीं थे. गांव-गांव के कार्यकर्ताओं का नाम उन्हें याद रहता था. दूसरी बार मिलने पर वे या तो उसे नाम से पुकारते थे. उनका यही आत्मीय संबंध उन्हें अन्य नेताओं से जुदा करता था. उनसे मिलने के लिए किसी कार्यकर्ता को पर्ची की जरुरत नहीं पड़ती थी. उनका दरबार सबके के लिए हमेशा खुला रहता था.
शेखावत आलस से कोसों दूर रहते थे. थकावट उनके चेहरे पर कभी नहीं झलकी. भले ही वे दिनभर दौरे करने के बाद आधी रात को घर पहुंचे हों लेकिन वे रोजना सुबह सात बजे नहा धोकर बाहर बैठ जाते थे. आने जाने वालों से मिलते. उनकी समस्याएं सुनते. किसी को इंतजार करवाना उनको पसंद नहीं था. उनकी हाजिरी जवाबी गजब की थी. ऐसा कोई सवाल नहीं था जिसके वे जवाब नहीं देते थे. उनकी इस खासियत का मीडिया भी कायल था.
भैरोंसिंह शेखावत का पूरा फोकस गांव गुवाड़ के गरीब इंसान पर था. राजनीति के जानकार बताते हैं कि चूंकि वे खुद गरीबी से निकले थे लिहाजा उन्हें इसका पूरा अहसास था कि आखिर गरीब क्या होती है. खेत में काम करना कितना मुश्किल है. अकाल की पीड़ा क्या होती है. पैसे की क्या कीमत होती है. वे इन सब बातों को ही ध्यान में रखकर सरकारी योजनाएं बनाते और फिर उनको आगे बढ़ाते.
विपक्ष के साथियों के प्रति भी उनमें बड़ा आदर भाव था. विपक्ष का कोई भी नेता ऐसा नहीं था जिससे उनके आत्मीय संबंध नहीं हो. हंसी मजाक करने वाले शेखावत ने मजाक में भी कभी किसी का दिल नहीं दुखाया. देश के उपराष्ट्रपति बनने के बाद शेखावत जब पहली बार अपने गांव गए तो ग्रामीणों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. उस समय वे मीडिया के साथ अपने उस कमरे में गए जहां उनका जन्म हुआ था. उस मौके पर शेखावत मां को याद करके भावुक हो गए और उनके मुंह से सिर्फ इतना ही निकला ‘आज अगर मां होती तो….’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी उनका बेहद अच्छा संपर्क रहा. भैरों सिंह शेखावत ने मोदी की लिखी कविताओं की पुस्तक के विमोचन सामारोह में भविष्यवाणी की थी कि नरेन्द्र मोदी एक दिन भारत के प्रधानमंत्री बनेंगे. शेखावत ने यह भी कहा था….मैं रहूं या नहीं रहूं.. अयोध्या में राम मंदिर जरूर बनेगा. सरल जीवन शैली के कारण वे जन-जन में “बाबोसा “के नाम से प्रसिद्ध हुए. शेखावत के उपराष्ट्रपति बनने पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने कहा था ‘भैरों सिंह जी आज देश के माथे का चंदन बन गए हैं’.
संदीप ने 2000 में भास्कर सुमूह से पत्रकारिता की शुरुआत की. कोटा और भीलवाड़ा में राजस्थान पत्रिका के रेजीडेंट एडिटर भी रह चुके हैं. 2017 से News18 से जुड़े हैं.
संदीप ने 2000 में भास्कर सुमूह से पत्रकारिता की शुरुआत की. कोटा और भीलवाड़ा में राजस्थान पत्रिका के रेजीडेंट एडिटर भी रह चुके हैं. 2017 से News18 से जुड़े हैं.
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