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मां की डांट से नाराज 13 साल की बच्ची ने खुद के अपहरण की झूठी कहानी रच दी। मोबाइल चलाने, दोस्तों से बात करने और लिपस्टिक लगाने से मना किया गया था। इसी से नाराज होकर सातवीं में पढ़ने वाली छात्रा ने एक पेज का अपहरण वाला नोट लिखा और घर से गायब हो गई।
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घटना रविवार दोपहर की है। बच्ची की मां को कमरे में एक नोट मिला, जिसमें लिखा था- ‘आपकी बच्ची हमारे पास है। 15 लाख रुपए लेकर बड़ी खेरमाई मंदिर आ जाना। पुलिस को खबर की तो बुरा अंजाम होगा।’
परिजनों ने तुरंत खमरिया थाना पुलिस को सूचना दी। मामला बच्ची से जुड़ा था, इसलिए जबलपुर से भोपाल तक पुलिस अलर्ट हो गई।
पांच घंटे की मशक्कत के बाद मिली बच्ची
पुलिस ने घर और आसपास के CCTV कैमरे चेक किए। घर के पास खड़े ऑटो वालों से पूछताछ की गई। एक ऑटो चालक ने बताया कि वह बच्ची को सदर इलाके में छोड़कर आया था। इसके बाद पुलिस ने फोटो के आधार पर तलाशी शुरू की और करीब 5 घंटे बाद बच्ची सदर की गली नंबर 7 में घूमती मिली।
किराए का कमरा ढूंढ रही थी बच्ची
बच्ची ने पुलिस को बताया कि वह घर के डांट-फटकार से तंग आ गई थी। मोबाइल चलाने और बाहर घूमने से मना किया जाता था। इसलिए वह गुल्लक से 3 हजार रुपए निकालकर घर से निकल गई और सदर पहुंचकर हॉस्टल में कमरा ढूंढ रही थी।
अपहरण का नोट भी खुद लिखा था
बच्ची ने जो नोट छोड़ा था, वह खुद के हाथ से लिखा था। पुलिस ने उसकी कॉपी से हैंडराइटिंग मिलाई तो यह साफ हो गया। सीएसपी सतीष साहू ने बताया कि बच्ची का कहना था- “मैं एक महीने तक मां और नानी की डांट के बिना रहना चाहती थी, इसलिए यह सब किया।”
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