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पालतू कुत्ते के लिए अब चाहिए 10 पड़ोसियों की ‘हां’, सूरत में नया नियम लागू

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Surat News: सूरत में पालतू कुत्ता पालने के लिए अब 10 पड़ोसियों और सोसायटी अध्यक्ष की लिखित अनुमति जरूरी है. SMC ने बच्ची की मौत के बाद नियम सख्त किए, पशु प्रेमियों ने जताया विरोध.

पालतू कुत्ते के लिए अब चाहिए 10 पड़ोसियों की 'हां', सूरत में नया नियम लागू

सूरत में कुत्ता पालने को लेकर नए नियम लागू. (फाइल फोटो)

हाइलाइट्स

  • सूरत नगर निगम का नया आदेश: कुत्ता पालने से पहले पड़ोसियों की मंज़ूरी अनिवार्य.
  • दस्तावेजों में आधार, टैक्स रसीद, वैक्सीनेशन रिकॉर्ड और नोटरी शपथपत्र शामिल.
  • पशु प्रेमियों का विरोध, कहा- मासूम जानवर को पालना पड़ोसियों की मर्जी पर निर्भर न
सूरत: अगर आप डाइमंड सिटी यानी सूरत में हैं और पालतू कुत्ता पालने का शौक रखते हैं तो अब यह शौक सिर्फ आपकी मर्जी से नहीं चलेगा. सूरत नगर निगम (SMC) ने एक नया नियम लागू किया है. इसके तहत किसी भी नागरिक को कुत्ता पालने के लिए 10 पड़ोसियों और सोसायटी अध्यक्ष की लिखित सहमति लेनी होगी.
यह नया आदेश हाल ही में अहमदाबाद में चार महीने की बच्ची की एक कुत्ते के हमले में हुई दर्दनाक मौत के बाद और सख्ती से लागू किया गया है. इसके बाद सूरत नगर निगम ने पालतू कुत्ते पालने के नियम को और सख्त बना दिया है. अब अगर कोई व्यक्ति अपने कुत्ते के लिए लाइसेंस लेना चाहता है, तो उसे कई जरूरी दस्तावेज जमा कराने होंगे.

क्या है नया नियम?
नए नियम के तहत आवेदक को अपने आस-पड़ोस के कम से कम 10 लोगों की लिखित सहमति लेनी होगी. साथ ही सोसायटी अध्यक्ष या समिति का नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) भी देना होगा. इसके अलावा आधार कार्ड की कॉपी, प्रॉपर्टी टैक्स की रसीद या किरायेदारी से जुड़ा एग्रीमेंट, नोटरी से सत्यापित शपथपत्र, कुत्ते की फोटो और उसका वैक्सीनेशन रिकॉर्ड भी अनिवार्य रूप से जमा करना होगा. SMC के अनुसार यह नियम पहले से 2008 में निगम की जनरल बॉडी द्वारा पारित है. लेकिन अब इसे गंभीरता से लागू किया जा रहा है.

क्यों जरूरी है यह नियम?
नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि कुत्तों को लेकर सोसायटी में झगड़े, पुलिस तक की जांच और फिर नगर निगम को बुलाए जाने की नौबत अक्सर आती है. इसलिए लाइसेंस जरूरी है जिससे मालिक को जिम्मेदार बनाया जा सके.

पशु प्रेमियों में गुस्सा
हालांकि, डॉग लवर्स और पशु अधिकार समूह इस नियम का विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि ये नियम संविधान द्वारा मिले अधिकारों का उल्लंघन है और इससे एक मासूम जानवर को पालने का अधिकार पड़ोसियों की मर्जी पर निर्भर हो जाता है.

अशित गांधी, जो सूरत जिले के Society for the Prevention of Cruelty to Animals (SPCA) के बोर्ड डायरेक्टर हैं. उन्होंने कहा “10 पड़ोसियों और सोसायटी अध्यक्ष की NOC लेना कानूनी रूप से गलत है. SMC जिस आधार पर यह नियम लागू कर रही है, वह दरअसल भैंसों पर बना एक रेजोल्यूशन है.”

शहर में क्या हो रहा है?
सूरत के कई डॉग लवर्स अब जागरूकता सत्र चला रहे हैं हस्ताक्षर अभियान चला रहे हैं और SMC को ज्ञापन सौंप रहे हैं. उनका कहना है कि कुत्तों की देखरेख और सुरक्षा सुनिश्चित करना ज़रूरी है, लेकिन इसके लिए असंगत और भेदभावपूर्ण कागजी प्रक्रिया नहीं होनी चाहिए.

Sumit Kumar

Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master’s degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, …और पढ़ें

Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master’s degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, … और पढ़ें

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