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इंदौर के सरकारी एमटीएच में रविवार को मेल-फीमेल नवजात की अदला-बदली के आरोप को लेकर परिजन ने हंगामा कर दिया। हालांकि कुछ देर बाद ही मामला शांत हो गया। इस मामले में किसी की ओर से कोई शिकायत या रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई है।
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दरअसल, यहां एडमिट सावित्री पति बलवीर (30), निवासी शुभम नगर नामक महिला की शनिवार को डिलीवरी हुई थी। ऑपरेशन से उसे 2.1 किलो वजन की बेटी हुई थी। रविवार को परिवार ने इलाज से जुड़े दस्तावेज देखे तो उसमें एक स्थान पर 3 किलो का मेल चाइल्ड लिखा था। इस पर परिजन को शंका हुई। उन्होंने कहा कि मेल चाइल्ड हुआ था, लेकिन फीमेल चाइल्ड दी गई। इसके बाद परिजन ने हंगामा शुरू कर दिया।
परिजन का कहना था- हमें गलती से बालिका सौंपी गई
परिजन ने कहा कि डिलीवरी के बाद जो बच्चा सौंपा गया, वह बालिका थी। इसके बाद जब हमें एक दस्तावेज दिया गया, उसमें बालिका की जगह बालक लिखा था। परिजन का कहना था कि हमें गलती से बालिका सौंपी गई। हंगामे की सूचना के बाद सुपरिंटेंडेंट डॉ. अनुपमा दवे मौके पर पहुंचीं और पूरी स्थिति को समझा।
परिजन को सीसीटीवी फुटेज दिखाए गए, जिसमें डिलीवरी के बाद उन्हें बेटी ही सौंपी गई थी और वह उनकी ही है। नवजात को बदला नहीं गया था, बल्कि एक अन्य महिला की भी कुछ देर बाद डिलीवरी हुई थी, जिसे मेल चाइल्ड हुआ था। अस्पताल के दस्तावेजों में लिखा-पढ़ी में गलती हो गई थी। सभी दस्तावेज और सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद परिजन संतुष्ट हुए।
डॉ. दवे बोलीं- परिजन को गलतफहमी हो गई थी
डॉ. दवे ने बताया कि दस्तावेजों में हल्की काटा-पिटी के कारण परिजन को गलतफहमी हो गई थी। उन्हें डिलीवरी के बाद का पूरा घटनाक्रम मय समय और फुटेज के साथ बताया गया। दस्तावेजों को भी दिखाकर समझाया गया। परिवार की यह तीसरी बच्ची है, यह भी तुरंत बताया था। इसके बाद उन्होंने सारी स्थिति समझी। अब वे संतुष्ट हैं।
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