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दादाजी मंदिर नवनिर्माण का थ्री डी मॉडल।
सोमवार 30 जून को इसी धूनीवाले दादाजी मंदिर के नवनिर्माण को लेकर भूमिपूजन होना हैं। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ आधा दर्जन मंत्री और संत शामिल होने जा रहे हैं। कार्यक्रम जितना भव्य होने जा रहा है, उतना ही गरिमापूर्ण होगा।
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अतिथियों का स्वागत और सत्कार फूल-मालाओं नहीं होगा। न ही मंच पर सोफा या कुर्सियां लगेगी। धर्मसभा के दौरान अतिथि और भक्त गादी पर बैठेंगे।
न सीएम न संत चला पाएंगे गेंती, कन्याएं करेगी भूमिपूजन अफसरों के मुताबिक, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भूमिपूजन नहीं कर पाएंगे। न ही संतों के हाथों गेंती चलेगी। भूमिपूजन सिर्फ पांच कन्याएं करेंगी और अतिथि भूमिपूजन वाले स्थान पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। भूमिपूजन का मुहूर्त सुबह 11 बजकर 40 मिनट से 12 बजकर 15 मिनट के बीच रहेगा। सीएम यादव भूमिपूजन होने के बाद दादाजी धाम पहुंचेंगे और पूजन-अर्चन कर धर्मसभा में शामिल हाेंगे।
संत श्री-श्री रविशंकर नहीं आएंगे भूमिपूजन कार्यक्रम में संत श्री-श्री रविशंकर का आना तय हुआ था लेकिन उनका कोई कार्यक्रम नहीं आया। निर्माण समिति के मुताबिक, श्री-श्री रविशंकर नहीं आ रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ मंत्री प्रहलाद पटेल, कैलाश विजयवर्गीय, तुलसी सिलावट, धर्मेंद्र लोधी, विजय शाह सहित संत उत्तम स्वामी, अवधेशानंद महाराज, छोटे सरकार, दादा गुरू आदि का कार्यक्रम मिला हैं।
मंदिर ट्रस्ट, सेवादार ले चुके थे आपत्ति
मंदिर निर्माण समिति के पदेन सदस्य और खंडवा सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने दावा किया था कि भूमिपूजन कार्यक्रम का राजनीतिकरण नहीं होगा। दादा धूनीवाले की गरिमा का ख्याल रखा जाएगा। शुरूआत में कार्यक्रम भी मंदिर परिसर से बाहर रखा गया। लेकिन फिर बदलाव हुआ और कार्यक्रम का स्थान दादाजी मंदिर परिसर में रखा गया।
इस पर मंदिर ट्रस्ट और सेवादारों ने भी आपत्ति जताई। जिस पर कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने कहा कि अतिथियों को गादी पर बैठाएंगे, फूल-माला की जगह चादर प्रसादी से स्वागत करेंगे। आयोजन पर निर्माण समिति करीब 20 लाख रूपए से ज्यादा की राशि खर्च करेगी। तैयारियों को लेकर पिछले 10 दिन से लगातार बैठकें हो रही हैं।
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