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तारों के नीचे से त्रिपुरा में घुसे 7 बांग्‍लादेशी हिन्‍दू, पुलिस ने पूछा कौन हो? बोले- CAA के तहत नागरिक बनने आए हैं – Bangladesh Hindu Family of 7 reached Tripura demand Indian Citizenship under CAA Law of modi government

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Bangladesh News: बांग्‍लादेशी हिन्‍दू 70 साल के सुधीर सरकार अपने परिवार के 6 अन्‍य सदस्‍यों के साथ बॉर्डर पार कर भारत में पहुंचे हैं. बांग्‍लादेश में जान का खतरा होने के कारण वो जैसे-तैसे अपनी जान बचाकर भारत मे…और पढ़ें

त्रिपुरा में घुसे 7 बांग्‍लादेशी हिन्‍दू, बोले- CAA के तहत नागरिक बनने आए हैं

बांग्‍लादेश हिन्‍दू परिवार भारत पहुंचा. (Representational Picture)

हाइलाइट्स

  • तारों के नीचे से 7 लोगों का हिन्‍दू बांग्‍लादेशी परिवार भारत पहुंचा.
  • त्रिपुरा में इस परिवार से सीएए के तहत भारत की नागरिकता मांगी है.
  • बांग्‍लादेश में इस वक्‍त लगातार हिन्‍दुओं पर अत्‍याचार हो रहा है.
नई दिल्‍ली. पड़ोसी देश बांग्‍लादेश में इस वक्‍त हिन्‍दुओं की क्‍या हालत है यह हर कोई जानता है. वहां मोहम्‍मद यूनुस की अंतरिम सरकार कट्टरपंथी ताकतों के आगे बुरी तरह दबी हुई नजर आ रही है. यही वजह है कि बांग्‍लादेश में आए दिन हिन्‍दुओं पर हमले हो रहे हैं. इसी कड़ी में लोग अपनी जान बचाने के लिए अंतरराष्‍ट्रीय बॉर्डर पार कर भारत में घुसने की फिराक में रहते हैं. इसी बीच सात बांग्‍लादेशी हिन्‍दू एक दिन पहले जान बचाने के लिए तारों के नीचे से बॉर्डर पार कर भारत में दाखिल हुए. यहां पुलिस ने इन्‍हें धर दबोचा. सभी ने कहा कि वो सीएए के तहत भारत की नागरिकता लेना चाहते हैं.
जानकारी के मुताबिक यह बांग्‍लादेशी हिंदू परिवार के सात सदस्य हैं. अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने के बाद इन्‍हें त्रिपुरा के धलाई जिले से पकड़ा गया. आज अदालत ने सभी को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. इस परिवार में तीन नाबालिगों को अगरतला के एक किशोर गृह में भेज दिया गया है, जिसमें दो लड़कों और एक लड़की शामिल है. परिवार को एक दिन पहले अंबासा में हिरासत में लिया गया था.

CAA के तहत नागरिक बनने आए

परिवार के मुखिया 70 वर्षीय सुधीर सरकार को अब नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 के माध्यम से भारतीय नागरिकता मिलने की उम्मीद है. यह अधिनियम 31 दिसंबर, 2014 से पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई जैसे अवैध प्रवासियों को भारतीय राष्ट्रीयता प्रदान करने में मदद करता है.

भारत सरकार दिखाए सहानुभूति

सुधीर सरकार ने कहा, “कोई भी अपना जन्मस्थान नहीं छोड़ना चाहता, लेकिन अगर ऐसी स्थिति पैदा हो गई है जहां बांग्लादेश से आए हिंदू परिवार को भारत में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है, तो भारतीय प्रशासन को सहानुभूतिपूर्वक इससे निपटना चाहिए.” उन्होंने कहा कि उन्हें किशोरगंज जिले में अपना घर, सब कुछ छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा. उन्होंने कहा, “हमारे मुस्लिम पड़ोसी, जिनके साथ हमारे परिवार पीढ़ियों से शांतिपूर्वक रह रहे थे, रातों-रात हमारे कट्टर दुश्मन बन गए. हमारे पास छोड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं था.”

Sandeep Gupta

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और…और पढ़ें

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और… और पढ़ें

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