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Indian Navy Story: फौजी परंपरा की नायाब कहानी, सेना में दादा, वायुसेना में पिता, बेटी बनी नेवी में अफसर

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Indian Navy Story: हरियाणा की प्रतिभाशाली बेटी हिमांशी ने भारतीय नौसेना में सब-लेफ्टिनेंट बनकर नया इतिहास रच दिया. गांव लौटने पर लोगों ने ढोल-नगाड़ों और फूलों से उनका भव्य स्वागत किया.

फौजी परंपरा की नायाब कहानी, वायुसेना में पिता, अब बेटी बनी नेवी में अफसर

Indian Navy Story: नेवी में अफसर बनकर रच दी इतिहास

Indian Navy Story: अगर कुछ करने का जज्बा और जुनून हो, तो सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता है. ऐसे ही हरियाणा की होनहार बेटी हिमांशी (Himanshi) ने भारतीय नौसेना में सब-लेफ्टिनेंट बनकर इतिहास रच दिया है. सेना में कमीशन प्राप्त कर जब हिमांशी अपने गांव लौटीं, तो उनका स्वागत एक उत्सव में तब्दील हो गया. गांव के लोगों और परिजनों ने ढोल-नगाड़ों और फूल मालाओं के साथ उनका जोरदार स्वागत किया.

केंद्रीय विद्यालय से स्कूलिंग

हिमांशी मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले के भाड़ावास गांव की रहने वाली हैं. उन्होंने केंद्रीय विद्यालय से स्कूलिंग की हैं. उनकी इस उपलब्धि पर एक विशेष सम्मान समारोह का आयोजन भी किया गया, जिसमें ग्राम पंचायत और आसपास के गांवों के लोगों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया. गांववासियों ने गर्व से कहा कि हिमांशी ने लड़कियों की श्रेणी में पूरे देश में पहला स्थान प्राप्त कर न केवल अपने परिवार बल्कि पूरे क्षेत्र का नाम ऊंचा किया है. ग्रामीणों के अनुसार, हिमांशी की सफलता आज की बेटियों के लिए प्रेरणा बन गई है और इससे पूरे समाज में बेटियों को लेकर सकारात्मक संदेश गया है.

देशभक्ति परिवार की नई पीढ़ी सेना में

हिमांशी की सफलता कोई संयोग नहीं, बल्कि उनके परिवार की देशसेवा की परंपरा का हिस्सा है. उनके पिता विश्वकर्मा भारतीय वायुसेना में वारंट ऑफिसर के पद पर कार्यरत हैं, जबकि मां सुशीला एक गृहिणी हैं. उनके दादा स्व. हरदयाल सिंह सेना में सूबेदार थे और उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध में भाग लिया था. वहीं हिमांशी के तीन ताऊ अरुण कुमार, राजेन्द्र सिंह और राजेश कुमार भी भारतीय सेना में सेवाएं दे चुके हैं और उन्होंने कारगिल युद्ध व 1971 की लड़ाई में हिस्सा लिया था.

गांव में उमड़ा जनसैलाब, बना गर्व का क्षण

हिमांशी के गांव लौटते ही पूरे गांव में उत्सव जैसा माहौल बन गया. छोटे-बड़े सभी लोग उनकी एक झलक पाने को उमड़ पड़े. गांव की गलियों में ढोल-नगाड़ों की थाप गूंजती रही और लोग फूलों की वर्षा कर रहे थे. यह दृश्य पूरे गांव के लिए यादगार बन गया.

Munna Kumar

पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव. दूरदर्शन, ज़ी मीडिया और News18 के साथ काम किया है. इन्होंने अपने करियर की शुरुआत दूरदर्शन दिल्ली से की, बाद में ज़ी मीडिया से जुड़े और वर्तमान में News18 Hin…और पढ़ें

पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव. दूरदर्शन, ज़ी मीडिया और News18 के साथ काम किया है. इन्होंने अपने करियर की शुरुआत दूरदर्शन दिल्ली से की, बाद में ज़ी मीडिया से जुड़े और वर्तमान में News18 Hin… और पढ़ें

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