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Rahul Gandhi On BJP-RSS | ‘इन्हें मनुस्मृति चाहिए, संविधान नहीं’, संघ नेता दत्तात्रेय होसबोले के बयान से भड़के राहुल गांधी बोले- नकाब फिर उतर गया

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Rahul Gandhi Latest News: आरएसएस सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले की संविधान की प्रस्तावना से ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द हटाने की बात पर राहुल गांधी ने तीखा हमला बोला.

'इन्हें मनुस्मृति चाहिए, संविधान नहीं' संघ नेता होसबोले के बयान पर भड़के राहुल

‘संविधान चुभता है RSS को!’ – राहुल बोले, नकाब फिर उतर गया (फाइल फोटो)

हाइलाइट्स

  • आरएसएस नेता होसबोले के बयान पर राहुल गांधी का तीखा हमला.
  • राहुल गांधी ने कहा, ‘संविधान नहीं, मनुस्मृति चाहिए.’
  • विपक्ष ने एक सुर में होसबोले के बयान की निंदा की.
नई दिल्ली: संविधान को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सीनियर नेता दत्तात्रेय होसबोले के बयान से सियासत में तूफान आ गया है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को इस बयान को लेकर तीखा हमला करते हुए कहा कि ‘आरएसएस का नकाब फिर उतर गया है. इन्हें संविधान नहीं, मनुस्मृति चाहिए.’ उन्होंने साफ आरोप लगाया कि संघ और भाजपा बहुजनों और गरीबों के अधिकार छीनकर उन्हें फिर से गुलाम बनाना चाहते हैं.
क्या कहा था दत्तात्रेय होसबोले ने?

एक कार्यक्रम के दौरान आरएसएस के सरकार्यवाह होसबोले ने कहा कि संविधान की मूल प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द नहीं थे. ये शब्द इमरजेंसी के दौरान जोड़े गए थे, जब संसद नहीं चल रही थी और मौलिक अधिकार निलंबित थे. उन्होंने कहा कि अब इस पर फिर से विचार किया जाना चाहिए कि क्या ये शब्द प्रस्तावना में रहने चाहिए या नहीं.
राहुल गांधी का सीधा वार

राहुल गांधी ने एक्स (पहले ट्विटर) पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, ‘संविधान इन्हें चुभता है क्योंकि वो समानता, धर्मनिरपेक्षता और न्याय की बात करता है. आरएसएस-भाजपा को संविधान नहीं, मनुस्मृति चाहिए.’ उन्होंने आरोप लगाया कि ये ताकतवर संविधान को कमजोर करके बहुजनों के अधिकार छीनना चाहते हैं. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि हर देशभक्त भारतीय आखिरी दम तक संविधान की रक्षा करेगा.

विपक्ष का एक सुर में विरोध

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी इस मुद्दे को लेकर आरएसएस पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि आरएसएस ने कभी भी संविधान को पूरी तरह से स्वीकार नहीं किया. रमेश ने ये भी दावा किया कि 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी का नारा ही था ‘नया संविधान’. लेकिन जनता ने उसे साफ तौर पर खारिज कर दिया.

राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने लिखा, ‘देश के सबसे बड़े जातिवादी संगठन ने संविधान बदलने की बात कह दी है. इनकी इतनी हिम्मत नहीं कि आरक्षण की तरफ आंख उठाकर देखें.’ उन्होंने सवाल किया कि ऐसे संगठनों को संविधान से इतनी नफरत क्यों है?

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने भी होसबोले के बयान की निंदा की और इसे संविधान के मूल आदर्शों पर हमला बताया. माकपा ने एक बयान में कहा कि यह संघ का पुराना एजेंडा है, भारत को हिंदू राष्ट्र में बदलने का.

भाजपा नेताओं का समर्थन

दूसरी ओर भाजपा नेताओं ने होसबोले के बयान का परोक्ष रूप से समर्थन किया. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि संविधान में ये शब्द आपातकाल के दौरान जोड़े गए थे, और इस बात को हर कोई जानता है. जब उनसे पूछा गया कि क्या भाजपा इन शब्दों को हटाने के पक्ष में है, तो उन्होंने कहा, ‘कौन ऐसा नहीं चाहता?’

भाजपा प्रवक्ता अजय आलोक ने भी कहा कि अगर कोई संगठन समीक्षा की मांग कर रहा है तो इसमें कोई समस्या नहीं है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इन शब्दों को विपक्ष को जेल में डालकर और लोकतंत्र कुचलकर जोड़ा गया था.

Deepak Verma

Deepak Verma is a journalist currently employed as Deputy News Editor in News18 Hindi (Digital). Born and brought up in Lucknow, Deepak’s journey began with print media and soon transitioned towards digital. He…और पढ़ें

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