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पावर परचेजिंग एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर करने के दौरान मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और कम्पनियों के अफसर मौजूद रहे।
एमपी सरकार अरुणाचल प्रदेश से 252 मेगावाट बिजली की खरीदी करेगा। इसको लेकर एमपी पावर मैनेजमेंट कम्पनी और एनएचपीसी के बीच एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए गए और एमओयू का आदान-प्रदान किया गया है। एमपी सरकार एग्रीमेंट के आधार पर एनएचपीसी की अरुणाचल प्रदेश के लो
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पावर परचेजिंग एग्रीमेंट (पीपीए) पर एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी के मुख्य महाप्रबंधक राकेश ठुकराल और एनएचपीसी के महाप्रबंधक ओंकार यादव ने हस्ताक्षर किए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अनुबंध को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि फ्यूचर की डिमांड को देखते हुए पारम्परिक ऊर्जा स्रोतों के अलावा नवकरणीय ऊर्जा स्रोतों से भी विद्युत खरीदी अनुबंध जरूरी हैं। प्रदेश में घरेलू और औद्योगिक आवश्यकताओं के साथ ही कृषि क्षेत्र में बिजली की खपत निरंतर बढ़ रही है। ऐसे में भविष्य की जरूरत का आकलन भी किया जा रहा है। इस नाते आने वाले वर्षों में बिजली की डिमांड में वृद्धि की संभावनाओं को देखते हुए अरुणाचल प्रदेश से विद्युत खरीदी करने का निर्णय लिया गया।
लगातार बढ़ रही बिजली की डिमांड
प्रदेश में औद्योगिक एवं कृषि क्षेत्रों में बिजली खपत में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। मौजूदा डिमांड के आधार पर बिजली कम्पनी ने यह आकलन किया है कि चालू वित्तीय वर्ष के अंत तक डिमांड 20000 मेगावाट हो सकती है। इसमें आने वाले वर्षों में लगातार बढ़ोत्तरी होगी। इस मौके पर अपर मुख्य सचिव ऊर्जा नीरज मंडलोई, एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी के प्रबंध संचालक अविनाश लवानिया, एनएचडीसी के प्रबंध संचालक राजीव जैन उपस्थित थे।
कहां है बहुउद्देश्यीय जल विद्युत परियोजना
अरुणाचल प्रदेश में डिवांग नदी पर एक बड़ी बहुउद्देश्यीय जलविद्युत परियोजना डेवलप की जा रही है। इसके वित्तीय वर्ष 2031-32 तक चालू होने की संभावना है। इस परियोजना से मिलने वाली बिजली रबी फसल के महीनों में पीक ऑवर्स डिमांड के दौरान 3 घंटे से अधिक और शेष समय में लगभग 9 से 19 घंटे तक की बिजली सप्लाई की डिमांड को पूरा करने में सहायता करेगी।
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