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चलते-फिरते ‘टाइम बम’ हैं बांग्लादेशी! मलेशिया ने 36 को पकड़कर जेल में डाला, नहीं तो कर जाते बड़ा कांड

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Malaysia Police Nab 36 Bangladeshi: मलेशिया की पुलिस ने आतंकी गतिविधियों के आरोप में 36 बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया है. इन सभी में मलेशिया में इस्लामिक स्टेट के लिए काम करने का आरोप है.

चलते-फिरते 'टाइम बम' हैं बांग्लादेशी! मलेशिया ने 36 को पकड़कर जेल में डाला

मलेशिया ने आतंकी गतिविधियों के आरोप में 36 बांग्लादेशी गिरफ्तार किए.(Image:AI)

हाइलाइट्स

  • मलेशिया पुलिस ने आतंकवाद के आरोप में 36 बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया.
  • सभी पर इस्लामिक स्टेट के लिए काम करने का आरोप.
  • अवैध बांग्लादेशी प्रवासी अब केवल भारत के लिए ही सिरदर्द नहीं रह गए.

कुआलालंपुर. अवैध बांग्लादेशी प्रवासी अब केवल अपने पड़ोसी देश भारत के लिए ही सिरदर्द नहीं रह गए हैं. अब इनके आतंक से कई और देश भी संकट का अनुभव करने लगे हैं. अवैध रूस से घुसपैठ करने में माहिर बांग्लादेशी कई देशों में दूसरी गतिविधियों की आड़ लेकर आतंकवाद को पालने- पोसने के काम में माहिर होते जा रहे हैं. ऐसा ही एक मामला मलेशिया में सामने आया है. जहां पुलिस ने एक अभियान चला करके चरमपंथी और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल 36 संदिग्ध बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया है.

शुक्रवार (27 जून) को एक बयान में गृह मंत्री दातुक सेरी सैफुद्दीन नासुतिओन इस्माइल ने कहा कि इस हफ्ते के अभियान के बाद 36 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया, जो कथित रूप से कट्टरपंथी आतंकवादी गतिविधियों में शामिल थे. उन्होंने कहा कि यह योजनाबद्ध सुरक्षा अभियान 24 अप्रैल को शुरू हुआ और सेलंगोर तथा जोहोर में तीन चरणों में चलाया गया. खुफिया प्रयासों और विशेष शाखा की कार्रवाइयों से पता चला कि यह समूह देश में इस्लामिक स्टेट की विचारधारा को ला रहा था.

खबरों में कहा गया कि शाह आलम और जोहोर बारू में पांच संदिग्धों पर आरोप लगाए गए हैं, जबकि 15 को निर्वासन के आदेश जारी किए गए हैं. इस उग्रवादी आंदोलन में उनकी भूमिका के लिए 16 अन्य लोग अभी भी जांच के दायरे में हैं. बताया जाता है कि इस समूह ने अपने समुदाय के भीतर एक भर्ती प्रकोष्ठ बनाया है. जिसका मकसद कट्टरपंथी विचारधारा को बढ़ावा देना, आतंकवादी कार्रवाइयों के लिए फंड जुटाना और अपने देश में सरकार को गिराने का प्रयास करना है.

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उन्होंने कहा कि ‘मैं इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि मलेशिया किसी भी विदेशी चरमपंथी आंदोलन के लिए शरणस्थली बनना तो दूर उनको पनपने का मौका भी नहीं देगा. पुलिस की इस कार्रवाई से यह पता चलता है कि सरकार बहुत गंभीर है और वह ऐसे किसी भी तत्व को बर्दाश्त नहीं करेगी जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता हो. यह सफलता राष्ट्र की संप्रभुता, सद्भाव और सार्वजनिक व्यवस्था की रक्षा करने में राष्ट्रीय सुरक्षा बलों, विशेषकर पुलिस की कुशलता और पेशेवर दक्षता को भी साबित करती है.’

Rakesh Singh

Rakesh Singh is a chief sub editor with 14 years of experience in media and publication. International affairs, Politics and agriculture are area of Interest. Many articles written by Rakesh Singh published in …और पढ़ें

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