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पनागर तहसील के शिवाजी वार्ड में मंगलवार देर रात 46 वर्षीय महिला पार्वती उर्फ प्रीति तिवारी ने ब्लेड से गला काटकर आत्महत्या कर ली। प्रीति अचानक छत पर गई और थोड़ी देर बाद उसकी चीख सुनाई दी। पति मंगल तिवारी दौड़कर छत पर पहुंचे तो देखा कि प्रीति के गले से
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पनागर थाना प्रभारी विपिन ताम्रकार ने बताया कि घटना की सूचना मिलने के बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। प्रारंभिक जांच में महिला की मानसिक स्थिति ठीक न होना और संतान न होने की पीड़ा सामने आई है। घर से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है और पति से भी पूछताछ की जा रही है।
20 साल से नहीं हुई संतान, टूट चुकी थीं मानसिक रूप से
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रीति और मंगल तिवारी की शादी को 20 साल से अधिक हो चुके थे, लेकिन दंपती को संतान नहीं थी। दंपती ने इलाज और धार्मिक उपायों का कराए, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। इस कारण प्रीति लंबे समय से मानसिक तनाव से जूझ रही थी। परिजनों के अनुसार, बीते एक साल में उन्होंने कई बार आत्महत्या का प्रयास भी किया था। कभी हाथ की नस काट ली, तो कभी बिना बताए घर छोड़कर चली गई।
पति बाहर से दरवाजा बंद करके जाते थे काम पर
पत्नी की बिगड़ती मानसिक स्थिति को देखते हुए मंगल तिवारी हमेशा सतर्क रहते थे। वह जब भी काम से बाहर जाते, तो घर का दरवाजा बाहर से लॉक कर देते थे, जिससे पत्नी कोई गलत कदम न उठा सके। हालांकि लगातार देखभाल के चलते उनका काम भी प्रभावित हो रहा था।
सामाजिक दबाव और चुप्पी ने किया अंदर से कमजोर
परिजन और पड़ोसियों का कहना है कि प्रीति संतान न होने के चलते समाज के सवालों और तानों से बेहद परेशान थी। हर रिश्ते में झांकती नजरें, बार-बार पूछे जाने वाले सवाल और सामाजिक अपेक्षाओं ने उन्हें भीतर ही भीतर तोड़ दिया था। बाहर से सामान्य दिखने वाली प्रीति अंदर ही अंदर डिप्रेशन में डूबती चली गईं।
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