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नई दिल्ली. पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने ईरान पर अमेरिका और इजरायल की हालिया सैन्य कार्रवाई को मंगलवार को ‘अवैध आक्रमण’ करार दिया. एक सप्ताह से अधिक समय पहले शुरू हुए संघर्ष के दौरान इजरायल और ईरान ने एक-दूसरे के शहरों और सैन्य तथा सामरिक प्रतिष्ठानों पर सैकड़ों मिसाइल और ड्रोन दागे हैं. ईरान के तीन प्रमुख परमाणु स्थलों पर रविवार सुबह अमेरिका की बमबारी के बाद तनाव काफी बढ़ गया.
पूर्व उपराष्ट्रपति ने कहा, “इसे स्वीकार किया गया है. यह अमेरिका के सहयोग से किया गया था और यह एक आक्रामक युद्ध था. इसमें कोई दो राय नहीं है. यह एक आक्रामक युद्ध था, जिसे अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अवैध कहा जाना चाहिए.”
पूर्व उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘किसी भी देश ने यह नहीं कहा है कि उन्होंने (ईरान ने) अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया है… आरोप हैं, संदेह है, लेकिन उन्होंने उल्लंघन नहीं किया है. किसी ने यह नहीं कहा है कि उन्होंने बम बनाया है, लेकिन हम उन्हें प्रौद्योगिकी तैयार करने से कैसे रोक सकते हैं….’
अंसारी ने कहा कि अमेरिका के साथ दोस्ती होनी चाहिए, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि जो कहा जाए वही किया जाए. पूर्व उपराष्ट्रपति ने कहा, “भारत और ईरान के बीच बहुत पुराना रिश्ता है और इसमें बहुत मजबूती है. इसलिए, इस रिश्ते को आसानी से नहीं तोड़ा जाना चाहिए. यह हमारे और ईरान के हित में है. जब भी मौका आया है, ईरान ने हमारी मदद की है. जब भी मौका आया है, हमने ईरान की मदद की है.’’
उन्होंने कहा, ‘इसलिए हमें इस रिश्ते को सावधानी से संभालना होगा. हमें इसे छोटी-छोटी बातों पर खराब नहीं करना चाहिए. हमारी एक पारंपरिक नीति रही है. उदाहरण के लिए, गाजा में, पूरी दुनिया कह रही है कि नरसंहार हो रहा है, लेकिन हम चुप हैं. नरसंहार नरसंहार है, चाहे वह दक्षिण अफ्रीका में हो या कहीं और.’ अंसारी ने कहा कि ‘अस्थायी निर्णय’ अच्छे नहीं होते.
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