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Muslim Road Namaz: किसी मुसलमान ने यह शिकायत… ‘हिंदुओं के त्योहार भी सड़क पर मनाए जाते हैं, फिर नमाज पर विवाद क्यों’

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Abu Azmi Controversy: अबू आजमी ने नमाज पढ़ने के दौरान रास्ते जाम होने पर सवाल उठाया और मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने का विरोध किया. उन्होंने मराठी भाषा के सम्मान के साथ हिंदी का अपमान न करने की बात कही.

'हिंदुओं के त्योहार भी सड़क पर मनाए जाते हैं, फिर नमाज पर विवाद क्यों'

सड़क पर नमाज पढ़ने को लेकर विवाद होते रहते हैं. (फाइल फोटो)

सोलापुर (महाराष्ट्र). समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी ने रविवार को एक विवादित बयान में कहा कि वारी यात्रा के बारे में कहा कि इससे रास्ते जाम हो जाते हैं, जिससे आम जनता को दिक्कत होती है. अबू आजमी ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हम अपने हिंदू भाइयों के साथ कदम-कदम मिलाकर चलते हैं. आज तक किसी मुसलमान ने यह शिकायत नहीं की कि सड़क पर त्योहार क्यों मनाया जाता है. लेकिन, जब मस्जिद भर जाती है तो मजबूरी में कुछ लोग पांच या दस मिनट के लिए बाहर नमाज पढ़ने आते हैं तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कहते हैं कि नमाजियों का पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा.

अबू आजमी ने कहा, “मैं पुणे से आ रहा था तो कहा गया कि पालकी जाने वाली है, जल्दी जाना होगा, नहीं तो रास्ता जाम हो जाएगा. हमने कभी रास्ता जाम होने का मुद्दा नहीं उठाया और न ही उसका विरोध किया. लेकिन हमारे सड़क पर नमाज पढ़ने का हर जगह विरोध किया जाता है. देश में जानबूझकर मुसलमानों को परेशान करने का काम किया जा रहा है.” महाराष्ट्र में संत ज्ञानेश्वर महाराज और तुकाराम महाराज की पालकी धूमधाम से निकाली जाती है. इसी पालकी को लेकर अबू आजमी ने यह बात कही है.

महाराष्ट्र में मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतारे जाने का अबू आजमी विरोध करते रहे हैं. उनका कहना है कि न्यायालय ने किसी भी धार्मिक स्थान से लाउडस्पीकर हटाने का आदेश दिया था. लेकिन, महाराष्ट्र में सिर्फ मुसलमानों को टारगेट किया जा रहा है और मस्जिदों से स्थानीय नेताओं के कहने पर प्रशासन लाउडस्पीकर हटवा रहा है.

महाराष्ट्र में एक बार फिर मराठी भाषा को लेकर राज ठाकरे मुखर हैं और हिंदी की जगह इसे प्राथमिकता दिए जाने की मांग कर रहे हैं. इस पर अबू आजमी ने कहा, “महाराष्ट्र में अगर तीन भाषाएं होती हैं तो पहली मराठी हो, दूसरी हिंदी और तीसरी अंग्रेजी. संसद की एक समिति देशभर में हिंदी को बढ़ावा देने का काम करती है. मराठी का सम्मान होना चाहिए, लेकिन हिंदी का अपमान नहीं होना चाहिए.”

Rakesh Ranjan Kumar

राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h…और पढ़ें

राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h… और पढ़ें

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