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आपके पास भी कोई ऐसी जींस, टी-शर्ट या दूसरे कपड़े जरूर होंगे, जिन पर टॉमी हिलफिगर (Tommy Hilfiger) छपा होगा. टॉमी हिलफिगर आज एक बहुत बड़ा ब्रांड है. दुनिया के तमाम देशों में इसके कपड़े बिकते हैं. लेकिन आप यह जानकर जरूर हैरान होंगे कि टॉमी हिलफिगर कैसे रातों-रात ब्रांड बना. एक भ्रम पैदा किया गया, जिसने लोगों के दिलो-दिमाग में ब्रांड का नाम डाल दिया. हद तो ये है कि जब लोगों को इस ब्रांड के बारे में पता चला, तब तक कंपनी ने कपड़े बनाने शुरू भी नहीं किए थे. पहले ब्रांड बना और बाद में कपड़े. फैशन इंडस्ट्री में इस तरह का यह अनोखा उदाहरण है. टॉमी हिलफिगर की कहानी सिर्फ फैशन की नहीं, बल्कि एक ऐसी चतुर रणनीति की है, जिसने एक अनजान नाम को रातों-रात मशहूर कर दिया.
एक बिलबोर्ड ने बदल दी पूरी इंडस्ट्री
फैशन उनकी रग-रग में था. 1980 के दशक में टॉमी ने फैशन की दुनिया में फिर से कदम रखा, लेकिन इस बार उनके पास सिर्फ डिजाइन नहीं, बल्कि एक बड़ा सपना था. 1985 में जब उन्होंने अपनी कंपनी शुरू की तब उनके पास ज्यादा पूंजी नहीं थी. उनके पास केवल अपना दिमाग था और एक पार्टनर था- जॉर्ज लोइस (George Lois). जॉर्ज लोइस मार्केटिंग का जादूगर था. दोनों ने मिलकर एक ऐसी रणनीति बनाई, जिसने फैशन की दुनिया को हिला दिया. न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर में एक विशाल बिलबोर्ड लगाया गया. इस बिलबोर्ड पर एक सिंपल सा मैसेज था. बिलबोर्ड पर चार नाम लिखे थे. चार में तीन नाम ऐसे थे, जो उस समय के मशहूर फैशन डिजाइनर थे. लेकिन चौथा नाम ऐसा था, जिसे कोई नहीं जानता था. तीन नामों में राल्फ लॉरेन, पेरी एलिस और केल्विन क्लेन थे. चौथा नाम था- टॉमी हिलफिगर. न्यूयॉर्क में कोई नहीं जानता था कि टॉमी हिलफिगर कौन हैं. लेकिन यही तो रणनीति थी.
Image – rshotton@twitter
1992 में शेयर बाजार में आई कंपनी
हिप-हॉप कल्चर के साथ टॉमी का जुड़ाव भी उनकी सफलता का एक दूसरा पहलू था. 1990 के दशक में, जब हिप-हॉप कलाकारों जैसे स्नूप डॉग और कूलियो ने उनके ओवरसाइज कपड़े पहनने शुरू किए, तो टॉमी का ब्रांड यूथ कल्चर का प्रतीक बन गया. टॉमी ने इस मौके को भुनाया और अपने डिजाइनों को और अधिक स्ट्रीट-फ्रेंडली बनाया. यह एक ऐसा कदम था, जिसने उनके ब्रांड को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई. 1992 में उनकी कंपनी पब्लिक हुई, और कुछ ही सालों में टॉमी हिलफिगर एक अरब डॉलर (लगभग 8500 करोड़ रुपये) का ब्रांड बन गया.
आज टॉमी हिलफिगर एक ग्लोबल नाम है, जिसके स्टोर्स 100 से ज्यादा देशों में हैं. लेकिन उनकी कहानी सिर्फ फैशन की नहीं, बल्कि यह सिखाने की है कि सही समय पर सही दांव कैसे खेला जाता है. टॉमी ने कभी अप्रूवल का इंतजार नहीं कि कि लोग कहेंगे तो वे बड़े बनेंगे. अपनी मुहर वे खुद बन गए. वह बिलबोर्ड सिर्फ एक विज्ञापन नहीं था, बल्कि एक बड़ा स्टेटमेंट था कि सपने और समझदारी मिलकर कोई भी मंजिल पा सकते हैं.
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