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बालाघाट के गढ़ी क्षेत्र के माना और लापटी के 50 से अधिक आदिवासी ग्रामीण शुक्रवार को बारिश में भीगते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे।
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मध्यप्रदेश आदिवासी विकास परिषद युवा प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष शुभम उईके के नेतृत्व में ग्रामीणों ने अपर कलेक्टर जीएस धुर्वे को ज्ञापन सौंपा।

बैहर तहसील के गढ़ी क्षेत्र में स्थित माना पंचायत का पुल 2024 की बारिश में बह गया था। ग्रामीणों ने आवागमन के लिए लकड़ी का पुल बनाया।
प्रशासन ने भी वैकल्पिक पुल बनाया, लेकिन वह भी अब बहने की स्थिति में है। युवा अध्यक्ष शुभम उईके ने कहा कि एक साल बीत जाने के बाद भी प्रशासन पुल नहीं बना सका।
उन्होंने चिंता जताई कि वैकल्पिक पुल के बहने से गर्भवती महिलाओं और बीमार लोगों को परेशानी हो सकती है। बारिश से कई ग्रामीणों के घर गिरने का मुआवजा भी अभी तक नहीं मिला है।

अपर कलेक्टर जी.एस. धुर्वे ने पीएमजीएसवाय के अधिकारी के माध्यम से आश्वासन दिया कि माना और लपटी के बीच पुल का निर्माण बरसात के बाद किया जाएगा।
इस बरसात के लिए लोहे का अस्थायी पुल बनाया जाएगा, जिससे आवागमन की समस्या नहीं होगी।

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