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नाइजीरिया यूनिवर्सिटी में ब्रा चेकिंग विवाद छात्राओं का उत्पीड़न और निजता हनन

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Nigeria News Hindi: नाइजीरिया की ओलाबिसी ओनाबंजो यूनिवर्सिटी में ब्रा चेक के नाम पर छात्राओं के प्राइवेट पार्ट को छूने का वीडियो वायरल हुआ है. इसे यौन उत्पीड़न और निजता का हनन बताया जा रहा है.

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हाइलाइट्स

  • नाइजीरियाई यूनिवर्सिटी में ब्रा चेक के नाम पर छात्राओं का यौन उत्पीड़न
  • वीडियो वायरल होने पर दुनिया भर में निंदा
  • छात्रसंघ अध्यक्ष ने इसे ड्रेस कोड नीति बताया

अबुजा: उनकी आंखों में घबराहट थी. शरीर अकड़ा हुआ, लेकिन बोलना मना था. एक-एक कर हर लड़की के प्राइवेट पार्ट पर हाथ रखकर ‘जांच’ की जा रही थी, जैसे कोई गुनाह पकड़ा जाना हो. ये कोई जेल नहीं, न ही कोई धार्मिक शिविर था… ये एक यूनिवर्सिटी थी. नाइजीरिया की एक नामी यूनिवर्सिटी. ओगुन स्टेट स्थित ओलाबिसी ओनाबंजो यूनिवर्सिटी में हाल ही में सामने आए एक वीडियो ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है. वीडियो में महिला स्टाफ छात्राओं के शरीर को छूकर ये जांच करती दिख रही हैं कि उन्होंने ब्रा पहनी है या नहीं. ये सब कुछ तब हो रहा था जब वे परीक्षा देने पहुंची थीं.

इस चौंकाने वाले वीडियो में यूनिवर्सिटी की महिला स्टाफ कतार में खड़ी छात्राओं के शरीर के ऊपरी हिस्से पर हाथ रखती दिखती हैं. वह यह चेक कर रही थीं कि छात्राओं ने ब्रा पहनी है या नहीं. अगर ब्रा नहीं, तो एग्जाम हॉल में घुसने की इजाजत नहीं. वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आते ही दुनिया भर से तीखी प्रतिक्रियाएं आने लगीं. X पर इसे ‘यौन उत्पीड़न’, ‘निजता का हनन’ और ‘महिलाओं के प्रति अपमानजनक व्यवहार’ बताया जा रहा है.

छात्रसंघ नेता ने दी अजीब दलील

जब सोशल मीडिया पर वीडियो आग की तरह फैला तो भी यूनिवर्सिटी खामोश रही, लेकिन छात्रसंघ अध्यक्ष मुइज ओलारेंवाजू ओलातुंजी सामने आए और इस अमानवीय प्रक्रिया को ‘ड्रेस कोड की नीति’ बता दिया. उन्होंने कहा, ‘यह एक सम्मानजनक और ध्यानमुक्त माहौल बनाए रखने की कोशिश है.’ इतना ही नहीं, उन्होंने दावा किया कि ये नीति पहले से है और यूनिवर्सिटी ने ‘अशोभनीय कपड़ों’ को रोकने के लिए यह कदम उठाया है. छात्रसंघ अध्यक्ष ने यूनिवर्सिटी की ‘आधिकारिक गाइडलाइन’ का हवाला भी दिया, जिसमें प्राइवेट पार्ट या बेली बटन को दिखाना प्रतिबंधित बताया गया है.

नियम के नाम पर अश्लीलता

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक एक छात्रा ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि यूनिवर्सिटी में पहले से ही कपड़ों की सख्त निगरानी की जाती है. अब ब्रा चेक के नाम पर उन्हें टच किया जाता है जो एक नया स्तर है. ह्यूमन राइट्स नेटवर्क के वरिष्ठ अधिकारी हारुना आयागी ने इस पर कहा, ‘बिना सहमति शरीर को छूना एक कानूनी अपराध है. यूनिवर्सिटी अगर इस तरह से जांच कर रही है, तो उस पर केस हो सकता है.’ वहीं, मानवाधिकार वकील इनिबेहे एफियोंग ने इस नियम को ‘तानाशाही’ और ‘अमानवीय’ कहा. उन्होंने चेताया कि ऐसी नीतियां मेडिकल परिस्थितियों की अनदेखी करती हैं और छात्राओं की गरिमा को खत्म करती हैं.

Yogendra Mishra

योगेंद्र मिश्र ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म में ग्रेजुएशन किया है. 2017 से वह मीडिया में जुड़े हुए हैं. न्यूज नेशन, टीवी 9 भारतवर्ष और नवभारत टाइम्स में अपनी सेवाएं देने के बाद अब News18 हिंदी के इंटरने…और पढ़ें

योगेंद्र मिश्र ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म में ग्रेजुएशन किया है. 2017 से वह मीडिया में जुड़े हुए हैं. न्यूज नेशन, टीवी 9 भारतवर्ष और नवभारत टाइम्स में अपनी सेवाएं देने के बाद अब News18 हिंदी के इंटरने… और पढ़ें

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