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देश के जाने-माने कथावाचक बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र शास्त्री इन दिनों विदेश में कथा कर रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया के बाद फिजी और अब बाबा बागेश्वर न्यूजीलैंड पहुंचे हैं। यहां एयरपोर्ट पर भक्तों ने अपने अंदाज में बाबा का स्वागत किया, जिसे देख कर बाबा हैरान रह गए।
बाबा जब एयरपोर्ट पहुंचे तो लोगों ने उनके नाम के जयकारे लगाए। बाबा को महिला भक्तों ने अपने पास बुलाया। उनके बुलावे पर बाबा भक्तों के पास गए। भक्तों ने बाबा बागेश्वर के हाथ में कलेवा बांधा। बाबा ने सभी की कुशलक्षेम पूछी। एयरपोर्ट के अंदर ही न्यूजीलैंड की स्थानीय पोशाक पहने लोगों ने स्थानीय भाषा में बाबा बागेश्वर का अभिवादन किया। इसके बाद एयरपोर्ट से बाबा बाहर निकले।
बाबा भी रह गए हैरान
बता दें कि बाबा बागेश्वर देश के साथ अब विदेशों में भी अपनी धाक जमा चुके हैं। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेन्द्र शास्त्री इन दिनों विदेश में कथा कर विदेश में बसे सनातनियों को रसपान करा रहे हैं। बाबा ऑस्ट्रेलिया के बाद फिजी में तीन दिनों की हनुमंत कथा के बाद न्यूजीलैंड पहुंचे तो एयरपोर्ट पर भक्तों ने कुछ अपने अंदाज में बाबा का स्वागत किया, जिसे देख कर बाबा बागेश्वर हैरान रह गए।
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कालिया मर्दन से जुड़ा है नाग मंदिर
पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने ऑस्ट्रेलिया के बाद फिजी में तीन दिनों की हनुमंत कथा के दौरान यहां रहने वाले हजारों फिजी इंडियंस के साथ मुलाकात की और फिजी देश के कई अलग-अलग शहरों में कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। इस दौरान फिजी के नाडी शहर में तीन दिवसीय हनुमंत कथा हुई और इसके बाद उन्होंने फिजी के विश्व प्रसिद्ध नाग मंदिर पहुंचकर इस प्राचीन मंदिर के दर्शन किए। मान्यता है कि यह महाभारत काल का नाग मंदिर है। फिजी के लंबासा में स्थित यही नाग मंदिर भगवान कृष्ण द्वारा महाभारत काल में किए गए कालिया मर्दन से जुड़ा है।
दरअसल, महाभारत काल में भगवान कृष्ण ने यमुना में रहने वाले विषैले नाग कालिया का मर्दन किया था, उसके अहंकार को तोड़ा था, और उसके बाद कालिया नाग की पत्नियों के आग्रह पर उन्हें यमुना से दूर इसी रमणीक द्वीप पर स्थान दिया था। ऐसा माना जाता है कि कालिया नाग इसी रमणीक द्वीप पर रहते हैं और उन्हीं की स्मृति में यहां एक प्राचीन नाग मंदिर है।
हजारों लोग पहुंचे
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर ने नाडी और लंबासा के बाद फिजी की राजधानी सुबा में भी एक दिवसीय प्रवचन माला का आयोजन किया। उनकी उपस्थिति में सुबा के एक बड़े जिमनेशियम हॉल में आयोजित हुई इस एक दिवसीय कथा के दौरान सुबा में रहने वाले हजारों लोग उन्हें सुनने पहुंचे।
वीआईपी का लगा तांता
बाबा को सुनने राजनीतिक पार्टियों के दिग्गज पहुंचे तो वहीं दूसरी तरफ मंच के ठीक सामने फिजी की सभी राजनीतिक पार्टियों के बड़े-बड़े राजनीतिक दिग्गज भी मौजूद रहे। यहां फिजी के दो उप-प्रधानमंत्री जिनमें विमान चंद्र प्रसाद और उप प्रधानमंत्री मानोआ कमिकमिदा मौजूद रहे और बाबा की कथा का रसपान करते रहे, तो वहीं पूर्व प्रधानमंत्री महेंद्र पाल चौधरी और सांसद प्रवीण बाला भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान फिजी में भारतीय राजदूत भी उपस्थित मौजूद रहे, इन राजनीतिक हस्तियों की उपस्थिति में और हजारों सेवा भावी भक्तों की मौजूदगी में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर ने एक दिवसीय प्रवचन माला के माध्यम से हनुमान जी के चरित्र को सभी के समक्ष रखा। उन्होंने कहा कि हनुमान जी का चरित्र संपूर्ण विश्व को आनंद देने वाला चरित्र है और लोगों को संकटों से मुक्ति दिलाने वाला चरित्र है। दावा किया जा रहा है कि पहली बार फिजी के इतिहास में इतना बड़ा आयोजन हुआ, जिसमें सभी राजनीतिक दलों के बड़े दिग्गज राजनेता उपस्थित रहे। इस मौके पर फिजी के उप-प्रधानमंत्री मकाऊ कमीदा ने मंच पर आकर बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर का स्वागत किया।
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फिजी के बाद न्यूजीलैंड पहुचे बाबा स्वागत देखकर हुए हैरान
फिजी में तीन दिनों की हनुमंत कथा के बाद बाबा बागेश्वर न्यूजीलैंड पहुचे तो एयरपोर्ट पर भक्तो ने कुछ अपने अंदाज में बाबा का स्वागत किया। महिलाओ ने अपने अंदाज में बाबा के स्वागत में मंगल गीत गाए। अपनी भाषा, भेषभूषा, पहनावे में बाबा का अभिनदंन किया तो महिलाओ ने तिलक लगाया। युवाओं ने बाबा के साथ जमकर सेल्फी भी ली।
क्या बोले धीरेन्द्र शास्त्री
इस मौके पर बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर ने मंच से कहा कि फिजी और भारत दोनों ही आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रूप से आपस में जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि फिजी अगर चाहे, तो भारत की संस्कृति और भारत के लोगों के माध्यम से अपने देश के विकास में एक अहम भूमिका निभा सकता है।

लोगों के स्वागत से अभिभूत हुए धीरेंद्र शास्त्री।

लोगों के स्वागत से अभिभूत हुए धीरेंद्र शास्त्री।

प्रवचन के दौरान बाबा को प्रतीक चिन्ह भेंट किया गया।
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