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एरेस को मिली अधूरी आजादी: कोर्ट के आदेश पर नगर निगम के चंगुल से छूटा पेट डॉग, लेकिन घर नहीं लौट पाएगा – High Court scolds Hyderabad Municipal Corporation for Impounding pet dog in quarrel between brothers

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Hyderabad Pet Dog News: हैदराबाद के युवक ने तेलंगाना हाईकोर्ट में याचिका दायर की, आरोप लगाया कि GHMC ने बिना इजाजत उसके पेट डॉग को जबरन उठा लिया. इस शख्‍स के भाई की शिकायत पर डॉग को जब्‍त किय गया था. उसे एक पिं…और पढ़ें

एरेस को मिली अधूरी आजादी: नगर निगम के चंगुल से छूटा पेट डॉग, घर नहीं लौट पाएगा

डॉग लवर तेलंगाना हाईकोर्ट पहुंचा. (Representational Picture)

हाइलाइट्स

  • हाईकोर्ट ने पेट डॉग को तुरंत रिहा करने का आदेश दिया.
  • नगर निगम ने बिना इजाजत पेट डॉग को जब्त किया था.
  • मालिक को डॉग को मौजूदा घर में नहीं रखने का आदेश.

हैदराबाद: एक बुजुर्ग ने तेलंगाना हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. उसका आरोप था कि ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम यानी GHMC के अधिकारी उसके घर आए बिना उसकी इजाजत के जबरन उनके पेट डॉग एरेस को उठाकर ले गए. मालिक का आरोप है कि कुत्‍ता नियमों और कानूनों को ध्‍यान में रखते हुए ही खरीदा गया था. सभी नियमों का पालन किया गया है. कुत्‍ते को एक छोटे से पिंजरे में बंद कर नगर निगम वाले दयनीय स्थिति में रख रहे हैं. युवक की दलीलों को सच मानते हुए हाईकोर्ट ने पेट डॉग को तुरंत रिहा करने का निर्देश दिया. हालांकि वो अपने उस घर में नहीं लौट पाएगा, जहां वो मालिक के साथ रह रहा था.

नगर निगम से हुई चूक

कोर्ट ने भी माना कि नगर निगम की कार्रवाई कानून की उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना और जानवर के लिए पर्याप्त चिकित्सा देखभाल के बिना की गई थी. अदालत ने कुत्ते को रिहा करते समय मालिक पर शर्तें भी लगाईं. न्यायमूर्ति बी विजयसेन रेड्डी ने चिक्कड़पल्ली के 58 वर्षीय शख्‍स ज्योतिषी ईबी दक्षिणा मूर्ति दायर याचिका पर अंतरिम आदेश पारित किया. पुलिस शिकायत के आधार पर नगर निगम ने यह एक्‍शन लिया था.

पुलिस शिकायत पर जब्‍त हुआ डॉग

याचिका में मूर्ति ने कहा कि उनके पेट डॉग को बिना उचित खाने और चिकित्सा देखभाल के एक छोटे से पिंजरे में बंद कर दिया गया था और अदालत से उसे रिहा करने का निर्देश देने का आग्रह किया. मूर्ति ने तर्क दिया कि वैध पालतू लाइसेंस होने के बावजूद उनके कुत्ते को 19 मई को जीएचएमसी अधिकारियों ने उनके भाई ईबी नरसिम्हा मूर्ति की शिकायत के आधार पर जबरन ले लिया. पुलिस और जीएचएमसी के अनुसार इस संबंध में पेट डॉग के मालिक के भाई ने शिकायत दर्ज कराई थी.

अब नए घर में रहेगा एरेस

आरोप लगाया कि कुत्ते का इस्तेमाल उसे और अन्य निवासियों को धमकाने के लिए किया जा रहा था. शिकायत के कारण भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के विभिन्न प्रावधानों के तहत चिक्कड़पल्ली पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई. अधिकारियों ने मेडिकल रिकॉर्ड भी प्रस्तुत किए, जिसमें दिखाया गया कि शिकायतकर्ता को कुत्ते के कारण कथित रूप से चोटें आई थीं. हालांकि, अदालत ने कहा कि जीएचएमसी ने याचिकाकर्ता को नोटिस जारी किए बिना या कुत्ते की उचित देखभाल सुनिश्चित किए बिना कार्रवाई की थी. कोर्ट ने माना कि पेट डॉग को जब्‍त करते वक्‍त उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था.  अदालत ने मालिक को आदेश दिया कि वो इस डॉग को अपने मौजूदा घर नहीं रखेगा. उसे अजनबियों से दूर सुरक्षित वातावरण में ले जाने का निर्देश दिया गया.

Sandeep Gupta

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और…और पढ़ें

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और… और पढ़ें

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