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प्रयागराज के शोभित कुमार ने बर्तन बनाने के शौक को व्यवसाय में बदलते हुए अपनी कंपनी शुरू की है. अब वह पारंपरिक धातुओं से बने बर्तनों की सप्लाई कई राज्यों तक कर रहे हैं और सरकारी मेलों में भी भाग लेते हैं.
हाइलाइट्स
- शोभित कुमार ने बर्तन बनाने के शौक को व्यवसाय में बदला.
- उनकी कंपनी पारंपरिक धातुओं से बर्तन बनाती है.
- शोभित के उत्पाद कई राज्यों में सप्लाई होते हैं.
प्रयागराज- प्रयागराज शहर केवल अपने धार्मिक महत्व, ऐतिहासिक धरोहर और खानपान के लिए ही नहीं जाना जाता, बल्कि अब यहां के युवा अपनी मेहनत और नवाचार से पहचान बना रहे हैं. ऐसे ही एक युवा हैं शोभित कुमार, जिन्होंने बर्तन बनाने की अपनी रुचि को व्यवसाय में बदल दिया है. शोभित प्रयागराज के अलावा अन्य जिलों और राज्यों में भी अपने उत्पाद भेजते हैं और एक स्थानीय स्तर की कंपनी सफलतापूर्वक चला रहे हैं.
शोभित कुमार की कंपनी में पीतल, तांबा और जस्ता जैसे धातुओं का प्रयोग कर कटोरा, भगोना, थाली, लोटा जैसे पारंपरिक बर्तन तैयार किए जाते हैं. लोकल 18 से बातचीत के दौरान वह बताते हैं कि पहले कच्चे माल को गर्म कर बर्तन के अनुसार सांचे में ढाला जाता है और फिर उन्हें अंतिम रूप दिया जाता है. उनकी यूनिट प्रयागराज से सटे कौशांबी जिले के शमशाबाद क्षेत्र में स्थित है, जहां से तैयार माल की आपूर्ति होती है.
सरकारी मेलों और प्रदर्शनी में मिलती है भागीदारी
शोभित ने बताया कि उन्हें सरकार की ओर से समय-समय पर प्रोत्साहन भी मिलता है. जब भी शिल्प मेलों या प्रदर्शनी का आयोजन होता है, वहां उन्हें अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने और बेचने का मौका दिया जाता है. इससे उन्हें बाजार की समझ मिलती है और ग्राहकों से सीधा संवाद भी होता है, जिससे उनके उत्पादों की बिक्री में इजाफा होता है.
प्रयागराज मंडल से निकलकर राज्यों तक बनाई पहचान
शोभित आज प्रयागराज मंडल के साथ-साथ देश के अन्य हिस्सों में भी अपनी पहचान बना चुके हैं. उनकी मेहनत और बर्तन बनाने की पारंपरिक विधि ने उन्हें एक सफल स्थानीय उद्यमी के रूप में स्थापित किया है. यह कहानी न केवल प्रेरणादायक है बल्कि उन युवाओं के लिए उदाहरण भी, जो अपने शौक को करियर में बदलने का सपना देखते हैं.
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