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GST New slab : साल 2017 में जीएसटी कानून लागू होने के बाद राज्यों को हुए राजस्व की भरपाई के लिए सरकार ने कुछ उत्पादों पर उपकर लगा दिया था. इसकी अवधि 31 मार्च को समाप्त हो जाएगी. लिहाजा सरकार अगले वित्तवर्ष…और पढ़ें
सरकार जीएसटी की दर 60 फीसदी करने की तैयारी में है.
हाइलाइट्स
- सरकार जीएसटी की अधिकतम दर 60% करने पर विचार कर रही है.
- उपकर हटने के बाद भी उच्च-राजस्व वस्तुओं पर ज्यादा टैक्स रहेगा.
- मार्च 2026 के बाद मुआवजा उपकर समाप्त हो जाएगा.
नई दिल्ली. सरकार अगले वित्तवर्ष से जीएसटी की अधिकतम दर बढ़ाकर 60 फीसदी करने जा रही है. वित्त मंत्रालय ने इसे लेकर मंथन भी शुरू कर दिया है. साथ ही इस बात पर भी चर्चा शुरू हो गई है कि आखिर ऐसे कौन से उत्पाद हैं, जिन पर 60 फीसदी का जीएसटी लगाया जाएगा. वैसे जीएसटी के बारे में ज्यादातर लोगों को यही पता है कि इसमें सरकार कुछ चीजों पर 28 फीसदी का मैक्सिमम रेट लगाती है. इन प्रोडक्ट में लग्जरी और सेहत को नुकसान या नशे से जुड़ी चीजें शामिल हैं.
1 अप्रैल से खत्म हो जाएगा मुआवजा उपकर
मामले से जुड़े सूत्रों का कहना है कि 1 अप्रैल 2026 से मुआवजा उपकर समाप्त होने वाला है, जिसे साल 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद अप्लाई किया गया था. इसका मकसद जीएसटी की वजह से राज्यों को टैक्स में हुए नुकसान की भरपाई करना था. लिहाजा केंद्र ने लग्जरी और हानिकारक प्रोडक्ट पर जीएसटी की अधिकतम दर लगाने के बाद राज्यों के मुआवजे के लिए उपकर भी जोड़ दिया. अब जबकि मुआवजे की अवधि 31 मार्च, 2026 को पूरी हो रही है तो इससे पहले ही सरकार टैक्स वसूली के नया पैंतरा आजमाने वाली है.
मुआवजा उपकर पर मंथन करने वाले मंत्रियों के समूह (GoM) ने उपकर को GST दरों के साथ मिलाने पर लगभग सहमति बना ली है. यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो सुनिश्चित करेगा कि ऑटोमोबाइल, तंबाकू और एरेटेड ड्रिंक्स जैसी उच्च-राजस्व वस्तुओं पर उपकर हटने के बाद भी ज्यादा टैक्स बना रहेगा. मार्च 2026 के बाद उपकर जारी नहीं रह सकता. इसलिए, समान राजस्व बनाए रखने के लिए दरें बढ़ानी होंगी. सूत्रों का कहना है कि इसके लिए एक संशोधन की आवश्यकता होगी क्योंकि वर्तमान में अधिकतम GST दर 40 फीसदी है. इसे 60 फीसदी तक बढ़ाने की संभावना है.
अभी जीएसटी पर उपकर 12 से लेकर 22 फीसदी तक है. एसयूवी जैसे वाहनों पर जीएसटी के अलावा 22 फीसदी उपकर लिया जाता है. एरेटेड ड्रिंक्स जैसे कोक, बीयर, वाइन आदि पर 12 फीसदी उपकर लिया जाता है. तंबाकू और इससे जुड़े उत्पादों पर उपकर बदलता रहता है. सिगरेट पर तो यह कभी-कभार 55 से 60 फीसदी तक पहुंच जाता है. खास बात ये है कि उपकर जीएसटी की दरों के ऊपर नहीं लगाया जाता, बल्कि उत्पाद की कुल कीमत पर लगाया जाता है.
उपकर का कितना असर
मान लीजिए आप एक एसयूवी कार खरीदने जा रही जिसे बनाने में कंपनी की लागत 20 लाख रुपये आई. इस पर सरकार 28 फीसदी का जीएसटी लगाएगी और 22 फीसदी उपकर भी लेगी. इसका मतलब है कि कार की मूल कीमत पर 50 फीसदी टैक्स लगा दिया गया. अब इसकी कीमत बढ़कर 30 लाख रुपये हो जाएगी. ऐसे में उपकर समाप्त होने पर सरकार की कमाई गिर जाएगी. लिहाजा मुआवजा उपकर की समय-सीमा पूरी होने के बाद सरकार नया नियम लागू करने की तैयारी में है.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि…और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि… और पढ़ें
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