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भोपाल के जनजातीय संग्रहालय में महुआ संस्था की 12वीं वर्षगांठ पर आयोजित महुआ महोत्सव में खरगोन जिले के लोक गायक शिव गुप्ता ने अपनी लोक प्रस्तुतियों से श्रोताओं का मन मोह लिया। शिव गुप्ता ने निमाड़ और नर्मदा महिमा पर आधारित पारंपरिक गीतों की प्रस्तुति
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संत नकी भूमि… और धन-धन रेवा… जैसे गीतों से दी सांस्कृतिक झलक कार्यक्रम में शिव गुप्ता ने निमाड़ी लोकगीत “संत नकी भूमि प हमारो निमाड़ छे…”, “धन-धन रेवा माय थारो नाम छे सवाई…”, “महुआ का गुण छे बड़ा अनमोल…” और “राणूबाई पाणी क जाए…” जैसे गीतों की प्रस्तुति दी। गीतों के साथ उनके दल के कलाकारों ने वाद्य यंत्रों की संगत दी।
ढोलक पर रामबली पटेल, तबले पर राम यादव, झांझ पर दीपक धनगर, कोरस में दीपक पेठरी, मुकेश यादव और घुंघरू पर शुभम गुप्ता ने सहयोग किया।

शिव गुप्ता के साथ उनके दल के कलाकारों ने वाद्य यंत्रों की संगत दी।
कलाकारों का हुआ सम्मान कार्यक्रम के समापन पर जनजातीय संग्रहालय के निदेशक धर्मेंद्र पारे ने शिव गुप्ता और उनकी टीम को गुलदस्ता भेंटकर सम्मानित किया।
एक दशक से कर रहे प्रस्तुति शिव गुप्ता खरगोन जिले के सेल्दा गांव के रहने वाले हैं। वे पिछले एक दशक से प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में राष्ट्रीय पर्वों और लोक महोत्सवों पर निमाड़ी संस्कृति को लोकगीतों के माध्यम से प्रस्तुत कर रहे हैं। उनके गीत खास तौर पर निमाड़ी त्योहारों और परंपराओं पर आधारित होते हैं, जिन्हें श्रोताओं से खूब सराहना मिलती है।

जनजातीय संग्रहालय के निदेशक धर्मेंद्र पारे ने शिव गुप्ता और उनकी टीम को सम्मानित किया।
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