[ad_1]
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नौ जून 2024 को जब तीसरे कार्यकाल के लिए शपथ ली थी, तो उस वक्त राहुल गांधी बेहद उत्साहित नजर आये थे क्योंकि लोकसभा चुनाव में भाजपा अपने दम पर बहुमत हासिल करने से चूक गई थी, जबकि चुनाव प्रचार अभियान के दौरान उसने 543 सदस्यीय निचले सदन में 400 से अधिक सीट जीतने का दावा किया था.
कांग्रेस के एक नेता ने कहा था, “हमने मोदी को मनोवैज्ञानिक रूप से खत्म कर दिया है. उनकी सरकार को जल्द ही सत्ता से हटा दिया जायेगा.” सोमवार को मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ तथा कुल मिलाकर 11वीं वर्षगांठ मनायेगी और प्रधानमंत्री पहले की ही तरह मजबूत स्थिति में और पूरे आत्मविश्वास के साथ नेतृत्व करते नजर आ रहे हैं.
लोकसभा चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन हरियाणा और महाराष्ट्र में उम्मीद से कम रहा था, लेकिन इस पार्टी ने अपने कल्याणकारी उपायों और क्षेत्रीय नेतृत्व के प्रयासों से स्थिति को बदल दिया और विधानसभा चुनाव में इन दोनों राज्यों में जीत हासिल की. भाजपा ने अंततः 26 वर्षों के बाद दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी जीत हासिल की और अपने प्रतिद्वंद्वी आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल को पछाड़ दिया.
उन्होंने कहा, “राजनीति में किसी भी मोड़ पर हमेशा अवसर और चुनौतियां होती हैं. लेकिन ऐसा लगता है कि जब तक प्रधानमंत्री मोदी हैं, उनका कोई ठोस विकल्प नहीं है.” उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत सैन्य कार्रवाई ने एक बार फिर राष्ट्रीय हित में काम करने वाले नेता के रूप में उनकी छवि को मजबूती प्रदान की है.
उन्होंने कहा कि ‘सबका साथ, सबका विकास’ के इर्द-गिर्द निर्मित मोदी के कल्याण मॉडल से भाजपा को मदद मिली है और यह आगे भी मिलती रहेगी, क्योंकि पार्टी के पास प्रधानमंत्री के रूप में एक ऐसा लोकप्रिय करिश्माई और भरोसेमंद नेता है, जिनका कोई प्रतिद्वंद्वी नहीं है. कुमार ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी जैसे नेता भी अपनी सर्वश्रेष्ठ स्थिति में लोकप्रिय स्वीकृति के मामले में इसी स्तर के थे.
यदि भाजपा अपनी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले वर्ष में आम चुनाव में विपक्ष से खोई अपनी राजनीतिक जमीन वापस पाने में सफल होती दिखती है तो अगले वर्ष यह पता चलेगा कि क्या पार्टी अपने प्रतिद्वंद्वियों को और अधिक हैरान कर सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि विपक्ष के कई गढ़ जैसे तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और केरल के अलावा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) शासित दो राज्यों असम और बिहार में भी विधानसभा चुनाव होने हैं.
[ad_2]
Source link


