नई दिल्ली. ब्रोकरेज फर्म Jefferies ने इंजीनियरिंग और कंस्ट्रक्शन सेक्टर में चार प्रमुख कंपनियों को टॉप पिक्स के तौर पर चुना है. यह स्टॉक्स हैं- हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL), Siemens, Larsen & Toubro (L&T) और KEI Industries. इन कंपनियों के मजबूत ऑर्डर बुक, डिफेंस और पावर सेक्टर की मांग, और ऑपरेटिंग लेवरेज को ध्यान में रखते हुए Jefferies ने इन स्टॉक्स पर बुलिश रुख अपनाया है.
Jefferies के अनुसार, डिफेंस ऑर्डर फ्लो में साल-दर-साल 89% की बढ़त देखी गई है, जो इन कंपनियों के लिए सकारात्मक संकेत है. ब्रोकरेज का मानना है कि मौजूदा वित्तीय वर्ष में ऑपरेटिंग लेवरेज इन कंपनियों के नतीजों को और बेहतर बना सकता है. वहीं पावर और डिफेंस सेगमेंट में भविष्य की ग्रोथ को लेकर भी अच्छी स्पष्टता है, जबकि रेलवे सेक्टर का आउटलुक भी अब सुधरता दिख रहा है.
HAL
HAL को लेकर Jefferies का बुल केस (अगर बाजार में बहुत तेजी आई) टारगेट ₹7,500 का है, जो मौजूदा कीमत से 50% ऊपर है, जबकि बेस केस (अगर वृद्धि सामान्य रही) टारगेट ₹6,475 है (30% अपसाइड). फर्म को HAL के पास ₹1.7 लाख करोड़ तक की ऑर्डर पाइपलाइन का भरोसा है, जो मीडियम टर्म ग्रोथ को सपोर्ट करती है. वहीं “मेक इन इंडिया” के तहत घरेलू ऑर्डर शेयर में बढ़त से कंपनी की स्थिति और मज़बूत होगी.
Siemens
Siemens पर Jefferies का बुल केस टारगेट ₹4,500 है, जो 36% की बढ़त दर्शाता है. इसके मुताबिक यदि भारत, पैरेंट कंपनी के लिए मैन्युफैक्चरिंग हब बनता है और मार्जिन पुराने स्तरों को पार करते हैं, तो स्टॉक में तेजी संभव है. हालांकि बेस केस में ₹3,700 के टारगेट के साथ केवल 12% अपसाइड का अनुमान है.
Larsen & Toubro (L&T)
Larsen & Toubro (L&T) के शेयर में पिछले एक महीने में 9% की तेजी पहले ही आ चुकी है, लेकिन Jefferies को बेस केस में इसमें और 9% बढ़त की संभावना दिखती है. ₹3,965 के बेस टारगेट में 18% CAGR रेवेन्यू ग्रोथ और मार्जिन में सुधार शामिल है. बुल केस में ₹4,310 का टारगेट तब मुमकिन होगा जब मैक्रो इनवेस्टमेंट साइकल में तेज रिकवरी आए.
KEI Industries
KEI Industries पर Jefferies ने सबसे बड़ा अपसाइड दिखाया है. ₹5,625 का बुल केस टारगेट मौजूदा कीमत से 59% अधिक है. ब्रोकरेज मानता है कि FY25-FY27 के दौरान कंपनी की आय 31% सालाना की दर से बढ़ सकती है. वहीं बेस केस टारगेट ₹4,000 रखा गया है, जिसमें 25% की अनुमानित ग्रोथ शामिल है.
चारों स्टॉक्स में अलग-अलग रिस्क भी सामने रखे गए हैं जैसे डिफेंस में ऑर्डरिंग में देरी, मार्जिन प्रेशर, एक्सपोर्ट में गिरावट या इन्वेंट्री साइकिल में सुधार न होना. फिर भी, इन कंपनियों की मजबूत फंडामेंटल्स और सेक्टर टेलविंड्स इन्हें दीर्घकालिक निवेश के लिए आकर्षक बनाते हैं.
(Disclaimer: यहां बताए गया स्टॉक्स सिर्फ जानकारी देने के उद्देश्य से हैं. यदि आप इनमें से किसी में भी पैसा लगाना चाहते हैं तो पहले सर्टिफाइड इनवेस्टमेंट एडवायजर से परामर्श कर लें. आपके किसी भी तरह की लाभ या हानि के लिए लिए News18 जिम्मेदार नहीं होगा.)