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ये बातें एक नहीं बल्कि कई लोगों के मुंह से निकलीं जब हम मंदसौर जिले के बनी गांव पहुंचे। ये वही गांव हैं जहां के नेता मनोहरलाल धाकड़ का नेशनल हाईवे पर अश्लील वीडियो वायरल हो गया है। इस बीच धाकड़ ने भानपुरा थाने की पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है। पुलिस ने न्यायालय के सामने पेश किया। जहां से उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया।
धाकड़ ने पुलिस के सामने कबूला कि वो महिला मित्र के साथ खुशनुमा पल बिताने दूर तक गए थे। ये बताते हुए वो शर्मिंदा हों या नहीं लेकिन धाकड़ के गांव वाले इस पूरे प्रकरण से खुद को शर्मिंदा महसूस कर रहे हैं।
दैनिक भास्कर की टीम राजधानी भोपाल से 343 किमी दूर धाकड़ के गांव पहुंची और उनके बारे में पूछताछ की तो हमें कई चौंकाने वाली बातें पता चलीं।

दैनिक भास्कर टीम मनोहरलाल के गांव बनी पहुंची और लोगों से बातचीत की।
मनोहरलाल धाकड़ के गांव बनी से ये रिपोर्ट…
मंदसौर से दालौद होते हुए करीब 37 किमी का सफर तय कर हम बनी गांव पहुंचे। गांव में प्रवेश करते ही एकदम शांत माहौल दिखा, लेकिन हम जैसे ही आगे बढ़े एक बड़ा सा तिराहा दिखाई दिया। ये बस स्टैंड का तिराहा है। यहां एक यात्री प्रतीक्षालय बना हुआ है। प्रतीक्षालय में गांव के कुछ बुजुर्ग एक साथ बैठे हुए हैं। यहां दिखाई दिया की चाहे चाय की दुकान हो, किराने की या फिर ज्वेलरी की हर जगह एक कही बात है। महिला, युवा, बुजुर्ग और यहां तक की बच्चे भी वीडियो वायरल होने के 5 दिन बाद भी नेता और उसके वीडियो के बारे में ही बातें कर रहे हैं।
गांव में कुल 2800 वोटर हैं। गांव में माली समाज और धाकड़ समाज के लोगों की तादाद ज्यादा है। हमने पूरे गांव में कई लोगों से वीडियो को लेकर बात की।
एक दिन पहले झंडा लेकर तिरंगा यात्रा निकाल रहा था
ग्रामीण बुजुर्ग रामविलास धनगर ने कहा कि मनोहरलाल धाकड़ ने क्या किया है ये पूरे गांव को मालूम है। बच्चे-बच्चे को मालूम है। वीडियो देखने के बाद हमारे तो होश ही उड़ गए थे। ऐसा काम जानवर भी नहीं करते। मर्यादा में रहते हैं। जानवरों से भी बदतर काम किया है उसने। पूरे गांव में गंदी बात फैल गई है। गांव का नाम खराब हो गया। उसने गलत और गंदी हरकत की है। प्रशासन को ऐसे लोगों पर कठोर से कठोर कार्रवाई करनी चाहिए।

पूर्व विधायक की शह पर गांव में अपना राजनीतिक रसूख दिखाता था। वो भाजपा से जुड़ा हुआ था। गांव में भाजपा के हर कार्यक्रम को वही लीड करता था। अभी वीडियो वायरल होने के एक दिन पहले झंडा लेकर पूरे गांव में घूमा था। तिरंगा यात्रा निकाली थी। उसकी पत्नी जिला पंचायत सदस्य है। गांव से तो हार गए थी, लेकिन ओवरऑल 13 वोट से चुनाव जीती थी।
सफेदपोश धाकड़ गांव में संस्कारी बनता था
गांव में चाय की दुकान चलाने वाले चंद्र शेखर उपाध्याय ने कहा कि ये वीडियो हमारी संस्कृति पर गलत असर डाल रहा है। ये हमारी आने वाली पीढ़ी को बर्बाद करने वाली हरकत है। शासन-प्रशासन से मांग करते हैं कि कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। हमें नहीं लगा था कि हमेशा सफेद कपड़े पहनने वाला नेता इतना गलत काम करेगा।
मनोहरलाल धाकड़ की समाज से ही ताल्लुक रखने वाले युवा विक्रम धाकड़ ने कहा कि ये वीडियो सामने आते ही उनका दोहरा चरित्र सामने आया है। यहां गांव में तो वो बहुत ही संस्कारी बनते थे। ज्ञान की बातें करते थे। दूसरा थोड़ा भी गलत कर दे तो निंदनीय टिप्पणी करते थे, लेकिन जब से ये वीडियो सामने आया है, उनको जानने वाला हर व्यक्ति हैरान है।
विक्रम कहते हैं-
बच्चों पर बेहद बुरा असर पड़ा है। सोशल मीडिया के जरिए सब वीडियो देख चुके हैं। बाप-बेटे भी आपस में नजरें चुरा रहे हैं।

उनकी हरकत से भाजपा कार्यकर्ता भी शर्मसार
विक्रम धाकड़ ने कहा कि उनकी असलियत सामने आई है। अपनी निजी जिंदगी में कोई कुछ भी करे, लेकिन एक सार्वजनिक जगह पर ये सब करना बेहद निंदनीय है। उनकी पत्नी इतने उच्च पद पर हैं। जिला पंचायत सदस्य हैं। उन्हीं ने अपने दम पर पत्नी को चुनाव जिताया। इसके बाद भी इतनी ओछी हरकत करेंगे इसकी उम्मीद नहीं थी। हम सख्त कार्रवाई की मांग करते हैं।
गांव के लोग आक्रोशित हैं। भाजपा कार्यकर्ता भी शर्मसार हैं। वो भी किसी से नजर नहीं मिला पा रहे हैं। गांव का नाम खराब हुआ है। अगर कोई कार्रवाई नहीं होगी तो इससे समाज के बीच गलत मैसेज जाएगा। इस तरह की हरकतें और बढ़ेंगी।

लोगों के फोन का जवाब देकर थक गए हैं
गांव में हेयर कटिंग का काम करने वाले राहुल भाटी ने कहा, ये बहुत ही गलत काम हुआ है। हमारे यहां धाकड़ समाज सबसे बड़ा और समृद्ध समाज है। यही समाज गांव का संचालन करता है। इस समाज में ऐसा हुआ तो आने वाली पीढ़ी क्या करेगी।
पहले गांव में मनोहरलाल की अच्छी छवि थी। लोगों की मदद भी किया करते थे। आसपास के गांव से रिश्तेदारों और जान-पहचान वालों के फोन आ रहे हैं। हमारे गांव में ऐसी स्थिति हो गई है जैसे कोई मर गया हो। हम लोगों के फोन कॉल का जवाब देकर थक गए हैं।

गांव की महिलाएं भी मनोहरलाल की कारस्तानी से काफी नाराज हैं।
मेरे छोरे-छोरी के पास वीडियो, पत्नी को सहेली ने दिखाया
पप्पू लाल राठौर ने कहा, पुरुषों क्या महिलाओं के बीच भी वीडियो वायरल है। पान की दुकान चलाने वाले लक्ष्मण ने कहा, मेरी आधी से ज्यादा जिंदगी बीत गई। इस तरह का मामला पहली बार सुना, वो भी हमारे गांव का है। इसका बुरा असर बच्चों पर पड़ेगा। आज सबके पास फोन हैं। मेरे पास वो वीडियो है, मेरे छोरे के पास है, मेरी छोरी के पास है, पत्नी को उसकी सहेलियों ने दिखा दिया है। इससे पूरे गांव का माहौल गंदा हो गया है।

मनोहरलाल के गांव में चहल-पहल की जगह अजीब सी मायूसी नजर आई।
हम उसे समाज से अलग करने पर विचार कर रहे
धाकड़ समाज से ही आने वाले गांव के पूर्व प्रिंसिपल सोहन लाल धनोरा ने कहा, हमारे गांव के समाज के ग्रुपों में वीडियो वायरल हुआ। तभी हमने देखा। सामाजिक और राजनैतिक दोनों दृष्टि से ये शर्मनाक वीडियो है। हमारा समाज मनोहरलाल को समाज से अलग करने पर विचार कर रहा है। समाज शर्मसार है। वीडियो देखकर दुख हुआ।
अभी 20 दिन पहले ही उसके बेटे की शादी हुई थी, वो लड़का और बहू क्या सोच रहे होंगे। उन पर क्या गुजर रही होगी। हमारे लिए ये अच्छी बात थी कि वो राजनीतिक तौर पर सक्रिय था। सत्ता पक्ष में उसकी अच्छी पकड़ थी, लेकिन अब इस घटना के बाद से उसके सामाजिक और राजनैतिक कॅरियर में गिरावट ही आएगी।
गांव के ही रामलाल माली और गुस्से में दिखे। कहा कि ऐसे आदमी को शर्म के मारे मर जाना चाहिए। मुंह काला करके इसे गांव से भगा देना चाहिए। पूरे देश में गांव को बदनाम कर दिया।

मनोहरलाल को गिरफ्तार कर पुलिस ने कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जमानत मिल गई।
मेरे बच्चे ने पूछा- गांव में पुलिस क्यों आई, नहीं बता पाया
यशवंत धाकड़ ने कहा, ये वीडियो मैने 22 तारीख को देखा। ऐसे घिनौने अपराध पर समाज जैसा एक्शन एक आम व्यक्ति के खिलाफ लेता, उसे वैसा ही एक्शन इस बड़े नेता के खिलाफ लेना चाहिए। इनके पास पैसा है, पावर है, पार्टी भी पावर में है, इसलिए इनको ऐसा लगता है कि ये जो चाहें कर सकते हैं।
बच्चों के लिए ये बहुत ज्यादा बुरी चीज है। मेरा एक 13 साल का बच्चा है। उसने मुझसे पूछा कि गांव में पुलिस क्यों आई थी। मुझे उसे बताने में बेहद शर्मिंदगी महसूस हुई, नहीं बता पाया। उसने बाजार से पूरी जानकारी निकाल ली। उसने मुझे बताया कि पापा ऐसा-ऐसा हुआ है, इसलिए मनोहरलाल के घर आई थी। सोचिए उस पर क्या असर पड़ेगा।
महिलाओं ने कहा- सुनने में आया वो लड़की गांव की ही बहू है
गांव में ही रहने वाली रुकमन बाई ने कहा, व्हाट्सएप के जरिए फोन पर वीडियो आया। मैंने देखा तो तुरंत बंद कर दिया। गांव की ही बेटी मनीषा बोहरा ने कहा, गांव की बदनामी हो रही है।

गांव की ही रहने वाली एक बुजुर्ग महिला नर्वदा ने कहा, मैंने वीडियो देखा तो बेशर्मी देखकर हैरान रह गई। औरत को भी शर्म नहीं आ रही। ऐसा तो सेक्स वर्कर भी नहीं करती। वो भी चोरी-छिपे ये सब करते हैं।
गांव के पंडित की 11 बीघा जमीन हड़पी, कीमत करीब 2 करोड़
ग्रामीण रामलाल माली ने बताया कि मनोहरलाल का राजनीति से अलग एक दूसरा पक्ष भी है। उसने गांव के एक गरीब पंडित की जमीन हड़प ली है। उसे उन्हीं की हाय लगी है। पूरा गांव उनकी फिक्र करता है। वो बहुत सीधे और बुजुर्ग हैं। वो दो बार केस जीत भी चुके हैं, लेकिन मनोहर ने अपने पॉलिटिकल पावर का इस्तेमाल कर उस जमीन का नामांतरण नहीं होने दिया।
हमने पंडित के घर पहुंचकर उनसे बात की। पंडित ईश्वरलाल ने बताया कि मनोहरलाल ने उनकी साढ़े 11 बीघा जमीन पर 2009 से कब्जा कर रखा है। साल 2009 से ही मैं केस लड़ रहा हूं। दरअसल, मैं ससुराल में रह रहा हूं। मेरी पत्नी ने अपने पिता की सेवा की। पिता ने अपनी वसीयत पत्नी शांति के नाम कर दी। शांति की 2 बहनें भी थीं। मनोहर ने उन बहनों को भड़काया और अवैध तरीके से उनसे जमीन खरीद ली।

पंडित ईश्वरलाल उस खेत के पास ले गए जिस पर मनोहरलाल ने कब्जा जमा रखा है।
मामले मैं मंदसौर के कोर्ट से 2 बार केस जीत चुका हूं। इसके बावजूद उसने 2014 में रात के वक्त खेत बो दिया और मेरी जमीन पर पूरी तरह कब्जा कर लिया। इससे पहले मैं वहां खेती करता था। एक दिन उसने मजदूर भेजकर हमारी पूरी फसल कटवा ली थी। हम शिकायत लेकर थाने गए। थाने वालों ने मनोहरलाल को भी बुलाया। पुलिस ने उससे पूछा कि शांति बाई को पहचानता है। इसके बाद मनोहरलाल ने कहा हमारे गांव में जमीन ऐसे ही बिकती है। इसके बाद पंडित ईश्वरलाल ने हमें कोर्ट केस जीतने वाले और जमीन को लेकर की गई शिकायत संबंधी कई डॉक्यूमेंट दिखाए।
उन्होंने आगे कहा कि केस जीतने के बाद नामांतरण के लिए तहसील में अर्जी लगाता हूं तो वहां से मेरा नामांतरण नहीं होने देता है। मैं अधिकारियों से बात करता हूं तो वो कहते हैं कि हमारे ऊपर दवाब आता है।
मनोहरलाल के यहां के पूर्व भाजपा विधायक यशपाल सिसौदिया से अच्छे संबंध हैं। ये उसी के जरिए अधिकारियों पर दबाव बनवाता था। अभी मैंने फिर नामांतरण की अर्जी लगाई है। उसके पास पैसा है, अब उसने जमीन को लेकर इंदौर हाईकोर्ट में अपील कर दी है। यहां उसकी दादागिरी चलती है। उसका परिवार बड़ा है। मैं यहां अकेला ही हूं, इसलिए डरना पड़ता है।

मनोहरलाल के आलीशा घर पर भी सन्नाटा पसरा था।
मनोहरलाल का आलीशान घर, दरवाजा बंद
हम बनी बस स्टैंड पर ही बने मनोहरलाल के आलीशान घर भी पहुंचे। दरवाजा बंद था। दरवाजे में ही बनी एक खिड़की पर एक बुजुर्ग दिखाई दिए। हमने उनसे मामले को लेकर बात की। उन्होंने कहा मुझे इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। घर पर भी कोई नहीं है। सब घूमने गए हैं। आप दो दिन बाद आइएगा।
दिन में हाईवे ज्यादा व्यस्त, रात में सन्नाटा
दैनिक भास्कर की टीम भारत माला प्रोजेक्ट के तहत बने 8 लेन दिल्ली-मुंबई नेशनल एक्सप्रेस वे पर भी गई, जहां के सीसीटीवी कैमरों से ये वीडियो वायरल हुआ था। भानपुरा टीआई रमेशचंद्र डांगी द्वारा दी जानकारी की मदद से हम उस स्पॉट पर पहुंचे, जहां ये अश्लील वीडियो रिकॉर्ड हुआ था। वहां हमने देखा कि दिन के वक्त तो नेशनल हाईवे पर काफी वाहन गुजरते हैं, लेकिन रात में सन्नाटे जैसे हालात रहते हैं।

हाईवे का वो इलाका जहां का अश्लील वीडियो देशभर में वायरल हुआ।
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