[ad_1]
इंदौर की महिला के छह माह के गर्भस्थ शिशु की दो दिन पहले मौत हो गई थी। पति का आरोप है कि उन्होंने पत्नी को पेट दर्द होने पर एक प्राइवेट हॉस्पिटल की डॉक्टर को दिखाया था। उन्होंने उसे एक्सपायरी दवा दी। उसके सेवन से गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई। जांच के तहत
.
दूसरी ओर डॉक्टर ने आरोप को झुठलाया है। उन्होंने कहा कि परिजन जिस दवा की बात कर रहे हैं वह प्रिस्क्रिप्शन में लिखी ही नहीं है। परिजन दवा कहीं और से लाए थे और उसके सेवन से गर्भस्थ शिशु की मौत हुई।
दर्द बंद नहीं हुआ तो कहा सरकारी अस्पताल ले जाओ मामला रूपराम नगर निवासी रिंकी पति राहुल राजपूत का है। राहुल का कहना है उनकी पत्नी का इलाज संगम नगर निवासी डॉ. वंदना तिवारी से चल रहा था। उनका घर में सन्मति नाम से हॉस्पिटल है। 23 मई को पत्नी को पेट दर्द होने पर वे उसे साथ लेकर उन्हें दिखाने गए थे। इस दौरान डॉ. तिवारी ने उसे एक्सपायरी डेट की दवा दे दी। इससे पेट दर्द बंद नहीं हुआ।
राहुल ने यह बताया कि जब पत्नी को तेज दर्द होने लगा तो उन्होंने डॉ. तिवारी को फोन किया। इस पर उन्होंने कहा कि उसे सरकारी अस्पताल में लेकर जाओ। 24 मई की सुबह 6 बजे उसने पत्नी को एमटीएच में एडमिट कराया। वहां डॉक्टरों ने जब दवाई और दस्तावेज देखे तो वे चौंक गए। उन्होंने कहा कि संबंधित दवा जून 2024 में एक्सपायर हो चुकी है। डॉक्टरों का कहना है कि इस दवाई को खाने से पेट में गर्मी बढ़ गई और 6 माह का गर्भ गिर गया।
‘फिजिशियन सैंपल नॉट फॉर सेल’ लिखा था
राहुल का कहना है कि डॉ. तिवारी ने जो एक्सपायरी दवाई गर्भवती को दी थी उस पर ‘फिजिशियन सैंपल नॉट फॉर सेल’ लिखा था। ऐसी दवाइयां आमतौर पर मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव डॉक्टरों को देकर जाते हैं। आशंका है कि यह वही सैंपल वाली दवाई थी जो कि एक्सपायर हो चुकी थी। डॉ. तिवारी ने बिना देखे ही मरीज को दे दी।
राहुल ने 24 मई को वह डॉ. तिवारी के खिलाफ शिकायत लेकर एरोड्रम थाने पहुंचे थे तो पुलिस ने कहा कि इसकी शिकायत स्वास्थ्य विभाग में होगी। इसके बाद वह दोबारा 26 मई को आवेदन लेकर थाने गया लेकिन उसका आवेदन पुलिस ने नहीं लिया। इसके बाद सोमवार को फिर थाने पहुंचा और आवेदन दिया।
इस पर शाम को पुलिस सन्मति हॉस्पिटल पहुंची और डीवीआर जब्त किया। पुलिस का मानना है कि 23 मई को डॉ. तिवारी ने जो सैंपल की एक्सपायरी दवा दी थी, इसमें उसका खुलासा हो जाएगा।
मामले में डॉ. तिवारी ने कहा-
जिस एक्सपायरी दवा की बात की जा रही है, मैंने नहीं दी। यह दवा प्रिस्क्रिप्शन में भी नहीं लिखी गई थी। मुझे पर झूठे आरोप लगाया गया है।

[ad_2]
Source link



