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The girl who got bail after 20 months for her murder is alive | जिसकी हत्या पर 20 माह बाद जमानत, वो लड़की जिंदा: दुष्कर्म और कत्ल के आरोपी बोले- पीटकर पुलिस ने कागजों पर दस्तखत कराए – Madhya Pradesh News

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’20-21 सितंबर 2023 की रात 3 बजे पुलिस मेरे घर आई। घर का दरवाजा खुलवाया, उन्होंने जैसे ही मुझे देखा, पीटना शुरू कर दिया। पीटते और घसीटते हुए उन्होंने मुझे अपनी गाड़ी में बैठा लिया। इसके बाद वो ऐजाज के घर गए। उसे भी इसी तरह पीटते हुए गाड़ी में बैठाया औ

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हमने फिर भी दस्तखत करने से मना कर दिया। इसके बाद उन्होंने कहा- तुम बहुत बुरे फंस चुके हो। अब तुम्हें इन कागजों पर दस्तखत करने ही होंगे। हम नहीं माने तो उन्होंने हमें बर्फ की सिल्लियों पर घंटों तक लिटाया और लगातार पीटा। हमारे पैरों में इतने डंडे मारे कि हम कई दिन तक ठीक से खड़े भी नहीं हो पा रहे थे। आखिरकार हमें उन कागजों पर दस्तखत करने ही पड़े। इसके बाद उन्होंने हम पर एक ऐसी लड़की के साथ रेप और हत्या का मामला दर्ज किया, जो अब भी जिंदा है।’

ये कहना है इमरान का। उसके साथ ही शाहरुख, एजाज और सोनू को भी पुलिस ने रेप और हत्या के मामले में गिरफ्तार किया। 20 महीने बाद अब उन्हें जमानत पर रिहा किया गया है।

विडंबना ये है कि जिस हत्या के मामले में उनकी गिरफ्तारी हुई, वो लड़की जिंदा है। अगर इन चारों पर जिस लड़की हत्या का आरोप है, वो जिंदा है तो जिसकी लाश मिली वो कौन थी? पुलिस ने जिंदा लड़की की हत्या का केस कैसे दर्ज कर लिया? 20 महीने तक जेल में बंद रहे लड़के और उनके परिवार वालों का क्या कहना है, पुलिस अपनी इस कार्रवाई पर क्या कहती है…इन तमाम सवालों के जवाब जानने दैनिक भास्कर की टीम झाबुआ और मंदसौर जिले के संबंधित क्षेत्रों में पहुंची।

सबसे पहले आरोपियों के बारे में जान लीजिए रेप के बाद हत्या के मामले में जिन शाहरुख, सोनू, इमरान और ऐजाज को गिरफ्तार किया गया, वो मंदसौर जिले के भानपुरा के रहने वाले हैं। सभी गरीब हैं और मजदूर वर्ग से आते हैं। जिस लड़की के साथ रेप और हत्या के मामले में ये जेल गए थे, वो मंदसौर जिले के ही गांधी सागर थाना क्षेत्र के नावली गांव की है।

ललिता जब लौटकर आई तो उसे पता चला कि परिजन उसका अंतिम संस्कार भी कर चुके हैं।

ललिता जब लौटकर आई तो उसे पता चला कि परिजन उसका अंतिम संस्कार भी कर चुके हैं।

शाहरुख बोला- मुझसे 2 मुस्लिम और एक हिंदू दोस्त का नाम पूछा सबसे पहले हमने मुख्य आरोपी बनाए गए शाहरुख से बात की। शाहरुख ने बताया कि मैं यहीं भानपुरा मार्केट में हम्माली करता था। 19 सितंबर 2023 को घर आया। खाना खाकर सो गया। उसी रात 3 बजे पुलिस मेरे घर आई। मुझे बोला कि एक लड़की गुमशुदा हो गई है। उस मामले में पूछताछ के लिए चलना पड़ेगा।

थाने पर ले जाकर मुझे पीटना शुरू कर दिया। बोले कि अपने 2 दोस्तों का नाम बता और एक किसी ट्रक चलाने वाले का नाम बता। वो मुझे लगातार पीट रहे थे, उन्होंने मेरी उंगली में पेन फंसाकर दबाया। कुर्सी में पैर बांधकर लोहे के पाइप मारे। जिल्लत भरी गालियां दीं। वो मुझे बेहोश होने तक मारते रहे।

मैंने अपने 2 दोस्तों के इमरान और ऐजाज के नाम बता दिए, जो मेरे साथ रहते थे। इसके बाद मैंने उन्हें भूरा भाई की गाड़ी चलाने वाले छोटू का नाम बताया। छोटू मुस्लिम था, इसलिए उन्होंने कहा कि किसी हिंदू का नाम बता। फिर मैंने सोनू का नाम बताया।

मुझे पता था कि छोटू के साथ सोनू भी ट्रक चलाता है, लेकिन मैंने उसका नाम बता दिया जबकि सोनू मुझे जानता भी नहीं था। वो हिंदू का नाम इसलिए पूछ रहे थे ताकि मामला हिंदू-मुस्लिम का ना बने। वो कह रहे थे कि मामला हिंदू-मुस्लिम का बन गया, तो बड़ा हो जाएगा।

अब जानिए कि आखिर किसके हत्यारे तलाश रही थी पुलिस दरअसल, 9 सितंबर 2023 को थांदला थाना क्षेत्र में एक महिला का क्षत-विक्षत शव मिला। उसकी पहचान ललिता बाछड़ा (28) पिता रमेश बाछड़ा निवासी नावली गांव के रूप में हुई। परिजन ने शव की पहचान कर अंतिम संस्कार भी कर दिया। पुलिस ने हत्या का केस दर्ज किया।

शाहरुख ने बताया कि मुझे पुलिस ने इसलिए फंसाया क्योंकि क्योंकि ललिता से मेरा परिचय था। वो 6 सितंबर को मुझसे मिलने भानपुरा आई थी। इसके बाद 7 तारीख को मैंने उसे वापस गांव की बस में बिठाकर भेज दिया।

ललिता जिंदा निकली, खुद थाने पहुंच गई रेप और हत्या का मामला दर्ज होने के 18 महीने बाद 11 मार्च 2025 को ललिता अपने घर जिंदा पहुंच गई। इसके बाद उसने अपने परिवार के साथ गांधी सागर थाने में पहुंचकर जानकारी दी कि वह जिंदा है। उसने अपना आधार कार्ड, वोटर आईडी और अन्य दस्तावेज भी दिखाए।

लाैटकर आई ललिता ने कहा-शाहरुख ने मुझे बेचा 18 महीने बाद घर वापस लौटने के बाद ललिता ने भास्कर से बात करते हुए कहा कि अगस्त 2023 में घर से बिना बताए चली गई थी। भानपुरा के रहने वाले शाहरुख के साथ रहने लगी। उसने कहा था कि वह मुझसे प्यार करता है और शादी करेगा। वहां दो दिन रहने के बाद उसने 5 लाख रुपए में मुझे बेच दिया। जिसने मुझे खरीदा, उसका नाम भी शाहरुख था। वह मुझे कोटा ले गया। यहां अपने घर में रखा। वहां डेढ़ साल तक कैद रही। एक दिन शाहरुख ने ही मुझे खरीदकर लेकर आने की बात कही थी।

इसके बाद कई बार भागने की कोशिश, लेकिन सफल नहीं हो सकी। एक दिन मौका मिला, मैं वहां से भाग निकली। डेढ़ साल के दौरान कभी मेरे परिवार वालों से बात नहीं करने दी। वहां हम पति-पत्नी की तरह रहे। वहां मारपीट नहीं की। चूंकि मेरा ऑपरेशन हो चुका है, तो बच्चे पैदा नहीं हुए। मुझे पहले से एक लड़का और एक लड़की है। दोनों अब मुझे जिंदा देखकर बहुत खुश हैं। मुझे यहां आने के बाद पता चला कि यहां मेरा अंतिम संस्कार तक हो चुका है। मेरे मरने की खबरें चल रही हैं।

ललिता ने लौटकर आने के बाद शाहरुख पर उसे बेचने के आरोप लगाए।

ललिता ने लौटकर आने के बाद शाहरुख पर उसे बेचने के आरोप लगाए।

शाहरुख बोला- बाप-बेटी फंसाने की साजिश कर रहे 5 लाख में बेचने वाले आरोप पर शाहरुख ने कहा कि मैंने उसे कहीं नहीं बेचा। बाप-बेटी की मुझे फंसाने की साजिश थी। वो जहां भी गई होगी, अपनी मर्जी से गई होगी। अगर मैंने उसे बेचा होता तो मेरे ऊपर बेचने का केस चलता, लेकिन मर्डर केस चल रहा है। अभी वापस आने के बाद भी ललिता और उसके पिता हमें ब्लैकमेल कर रहे हैं।

कोर्ट में लड़की के जिंदा होने वाले बयान देने के लिए उन्होंने हम चारों के घर वालों से एक-एक लाख यानी कुल 4 लाख रुपए लिए हैं। वो हमारे परिवार वालों को धमका रहे थे कि बयान नहीं देंगे और तुम्हारे बेटे जेल में ही सड़ते रहेंगे। गांधी सागर पुलिस के लड़की जिंदा होने की जानकारी थांदला, झाबुआ को देने के बाद भी थांदला, झाबुआ पुलिस ने आगे कोई कार्रवाई नहीं की।

इस केस के कारण 2 कमरे का मकान तक गिरवी शाहरुख ने कहा कि इस केस में मेरा 2 कमरे का मकान तक गिरवी हो गया है। अभी हम सब 50-50 हजार रुपए जमा कर जमानत पर वापस आए हैं। 1 लाख रुपए जिंदा लड़की ललिता और उसके परिवार को कोर्ट में बयान देने के लिए दिए हैं।

हमारे परिवार में मैं अकेला कमाने वाला था। मेरे जाने के बाद घर की माली हालत बहुत ज्यादा खराब हो गई थी। परिवार वालों को कर्ज लेकर 2 साल मुकदमा लड़ने, वकील की फीस और यहां से 400 किमी दूर झाबुआ जाने में लाखों रुपए खर्च करने पड़े हैं।

अब हम चाहते हैं कि मामले की ठीक से जांच हो और गलत तरीके से जांच करने वाले टीआई राजकुमार कंसारिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। हमें पता चला है कि टीआई राजकुमार के परिवार के बहुत से लोग पुलिस डिपार्टमेंट में बड़े-बड़े पदों पर हैं, इसलिए वो किसी से नहीं डरता और मनमानी करता है।

टीआई राजकुमार कंसारिया पर कई गंभीर आरोप लगे हैं।

टीआई राजकुमार कंसारिया पर कई गंभीर आरोप लगे हैं।

सोनू बोला- मैं तो तीनों को जानता तक नहीं था शाहरुख के बाद हमने सोनू उर्फ अरुण खन्नीवाल से बात की। अरुण खन्नीवाल ने बताया कि पुलिस ने मुझे वडोदरा से गिरफ्तार किया था। तब मैं अपने ट्रक में ही था। गिरफ्तार करने के बाद वो मुझे अपनी गाड़ी में रास्ते भर पीटते हुए लाए। वो कह रहे थे कि तूने गाड़ी चढ़ा कर एक लड़की की हत्या की है। तेरा नाम शाहरुख ने बताया है। जबकि मैं किसी शाहरुख को जानता तक नहीं था। उन्होंने मुझे जेल में लाकर बंद कर दिया।

वहां मुझे पता चला कि पहले से तीन लोग शाहरुख, इमरान और ऐजाज इसी मामले में पुलिस हिरासत में हैं। मैं इनमें से किसी को नहीं जानता था। इसके बाद पुलिस ने मुझे 10 कोरे कागज दिए और उन पर दस्तखत करने को कहा। मैंने दस्तखत करने से मना किया तो उन्होंने पीटना शुरू कर दिया। मैं फिर भी नहीं माना तो उन्होंने मुझे बर्फ की सिल्ली पर लिटा दिया और मारना शुरू कर दिया। आखिरकार मुझे कागजों पर दस्तखत करने पड़े।

मेरी बेटी एक साल की थी और पत्नी ब्लड प्रेशर की मरीज सोनू ने कहा कि मैं बिना किसी गुनाह के 20 महीने जेल में काटकर जमानत पर बाहर आया हूं। मैं एक मामूली सा ट्रक ड्राइवर था। रोज कमाता, रोज खाता था। जब मुझे जेल भेजा गया था, तब मेरी बच्ची 1 साल की थी। मेरी पत्नी को ब्लड प्रेशर की गंभीर बीमारी है। उसका इलाज कोटा में होता है। मेरे जेल जाने के बाद घर की रोजी-रोटी छिन गई। मेरी पत्नी को बीमारी में रहते हुए मजदूरी कर रोटी कमानी पड़ी है।

सोनू ने आगे कहा कि हमें संदेह है कि ये उन्होंने जानबूझकर किया है, क्योंकि असल में जिस लड़की की मौत हुई थी उसके बारे में तो 2 साल में कोई जानकारी ही नहीं लग पाई है। शायद पुलिस ने पता लगाने की कोशिश भी नहीं की। जो लड़की जिंदा है उसके रेप और मर्डर के झूठे केस की सजा हम भुगत रहे हैं।

इमरान ने कहा- मेरे 5 छोटे-छोटे बच्चे, मैं अकेला कमाने वाला पहले जब हमें पुलिस ले गई और हमें पता चला कि हमारा नाम शाहरुख ने लिया है तो जेल में ही हमारी शाहरुख से काफी लड़ाई-बहस हुई। फिर शाहरुख ने हमें पूरी कहानी बताई और बताया कि पुलिस ने उसपर दबाव बनाकर हमारे नाम लिखे हैं। इसके बाद भी हमें शाहरुख पर पूरी तरह भरोसा नहीं हुआ।

लेकिन जब 18 महीने बाद वो ललिता नाम की लड़की जिंदा वापस आ गई तब हमें शाहरुख की बात पर भरोसा हो गया कि उसने कुछ नहीं किया है। हम तो उस लड़की को जानते ही नहीं थे फिर भी हमें 20 महीने जेल में बिताने पड़े। अभी भी केस चल रहा है। हम जमानत पर बाहर आए हैं। मेरे 5 छोटे-छोटे बच्चे हैं। मैं घर का अकेला कमाने वाला था। इस केस में 3 से 4 लाख रुपए का कर्ज हो गया है।

जमानत पर रिहाई के बाद इमरान अपने घर में बच्चों के साथ।

जमानत पर रिहाई के बाद इमरान अपने घर में बच्चों के साथ।

इमरान की पत्नी बोली- हमें भरपाई चाहिए इमरान की पत्नी रुखसार ने कहा कि पुलिस वाले रात 3 बजे घर आकर मेरे पति को ले गए। मैंने उनसे बात करनी चाही तो बोले- तुम्हारे पति ने मर्डर किया है, जो बात करनी है थाने में आकर करना। अगली सुबह मैं गांधी सागर थाने गई तो पुलिस उसे थांदला ले गई थी। 4 दिन बाद जब मैं झाबुआ जिले के थांदला पहुंची तो मेरे पति की हालत बेहद खराब थी।

पुलिस ने इतना पीटा कि वो चल भी नहीं पा रहे थे। पति के जेल जाने के बाद मुझे लोगों से कर्ज लेना पड़ा, घर गिरवी रखना पड़ा। दूसरों के घर से मांग कर अपने बच्चों का पेट भरना पड़ा। हमें जांच अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई चाहिए और इसकी वजह से हम जिस गरीबी के हाल में पहुंचे हैं उसकी भरपाई चाहिए।

ऐजाज के बुजुर्ग पिता, शाहरुख की मां ने भी झेली पीड़ा एजाज के पिता 70 साल के हैं और बेटे के जेल जाने के बाद से ही सहमे सहमे रहते हैं। उन्होंने पैसे ना होने के बावजूद ऐजाज को छुड़ाने के लिए कर्जा लिया। इस उम्र में भानपुर से करीब 400 किमी दूर कई बार झाबुआ कोर्ट गए।

शाहरुख की मां मुन्नी ने भरी हुई आंखों के साथ बताया, कि मेरे पति बीमार रहते हैं। मेरा बेटा ही घर का इकलौता कमाने वाला था। अपने बच्चे को बचाने के लिए मैंने दिन-रात एक कर दिए। अब तक करीब 5 लाख रुपए खर्च हो गए हैं।

मेरा 2 कमरे का मकान तक गिरवी रख दिया है। लोगों के घरों में बर्तन तक मांजे। बच्चे को छुड़ाने के लिए झाबुआ जाती थी। इस दौरान लोगों ने मुझे बदनाम किया, ताने मारे।

तकलीफें बताते हुए शाहरुख की मां मुन्नी की आंखें भर आईं।

तकलीफें बताते हुए शाहरुख की मां मुन्नी की आंखें भर आईं।

सरकारी वकील का तर्क: जांच बीच में, कोर्ट में नया डॉक्यूमेंट नहीं आरोपियों के खिलाफ केस लड़ रहे सरकारी वकील मानसिंह भूरिया ने कहा कि इस केस में थाने से ही जानकारी मिलेगी। यहां तो कोर्ट में पहले जो प्रकरण चल रहा था वही है, उसके आगे कुछ नहीं है। उन्होंने उस समय जो लड़की को मृत घोषित कर जांच की थी और चालान पेश किया था, उसी मामले में कोर्ट में ट्रायल चल रहा है। नया कोई अपडेट नहीं है।

जांच बीच में ही फंसी हुई है। कोर्ट में कोई डॉक्यूमेंट नहीं आया है। जांच में जो भी त्रुटियां हुईं इसके बारे में हम कुछ नहीं कह सकते। नई जांच होकर जब तक कोर्ट के सामने कागज नहीं आएंगे तब तक क्या कह सकते हैं। कोर्ट ने अभी कोई आदेश भी नहीं दिया। हमारे पास जब तक कोई नया चालान नहीं आएगा, हम आगे कार्रवाई नहीं कर सकते।

अब वो लड़की जिंदा है या नहीं है, इसकी जांच थांदला पुलिस और गांधी सागर पुलिस कर रही है।

मानसिंह भूरिया ने कहा-

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आरोपियों को जमानत इसलिए मिली है, क्योंकि लड़की के माता-पिता ने बयान बदल दिया है। पहले माता-पिता ने मृत लड़की खुद की बताया था। अब वो मुकर गए।

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आरोपियों के वकील की दलील- पुलिस ने सही जांच नहीं की आरोपियों के वकील मोहम्मद युनुस लोदी ने कहा- जिस केस में गिरफ्तारी हुई उसमें पता चला कि 18 महीने बाद लड़की जिंदा घर वापस आ गई है। उसने अपने पास के ही गांधी सागर थाने में बयान दर्ज कराए। उसका डीएनए टेस्ट भी हुआ। इसके बाद पूरे मामले में ये निकलकर सामने आया कि जांच अधिकारी राजकुमार कंसारिया ने इसमें घोर लापरवाही करके निर्दोषों को फंसाया है। इसी को आधार बनाकर हम इंदौर हाईकोर्ट के पास पहुंचे और आरोपियों को जमानत मिली।

मामले के सभी गवाहों के बयान दर्ज हो चुके हैं। जांच अधिकारी रहे टीआई ने भी लड़की के जीवित होने के बयान कोर्ट में दिए हैं। असल बात ये है कि जब पुलिस के पास आधार कार्ड था, फिंगर प्रिंट थे तो उसने लड़की के पति से बयान क्यों नहीं किए? फिंगर प्रिंट क्यों मैच नहीं कराए? असल में जो लड़की मरी है, उसके संबंध में पुलिस ने कोई जांच नहीं की है। प्रकरण को समाप्त करने के किए बेगुनाहों को दोषी बना दिया।

डीएनए रिपोर्ट आने के बाद भी आरोपियों को अरेस्ट किया जा सकता था लेकिन पुलिस ने ऐसा नहीं किया।

एसपी ने बाहर होने की बात कही, मिले ऑफिस में इसके बाद हमने जांच और आगे की कार्रवाई पर पुलिस का पक्ष लेने की कोशिश की। सबसे पहले हमने जांच अधिकारी रहे टीआई राजकुमार कंसारिया से फोन पर बात की, मिलने को कहा। पहले उन्होंने कहा कि मैं सीएम के कार्यक्रम में हूं। फ्री होकर मिलता हूं। इसके बाद से दिनभर उनका फोन स्विच ऑफ बताता रहा। बीच में एक बार कॉल कनेक्ट हुआ, लेकिन रिसीव नहीं हुआ।

इसके बाद हमने एसपी पदम विलोचन शुक्ल को कॉल किया। उन्होंने भी कहा कि मैं सीएम के कार्यक्रम में हूं। आज नहीं मिल पाऊंगा। दैनिक भास्कर रिपोर्टर ने कहा कि सीएम तो कार्यक्रम करके चले गए हैं तो एसपी बोले- मैं गांव में ही हूं। आज नहीं मिल पाऊंगा।

इसके कुछ देर बाद ही हम एसपी ऑफिस पहुंचे तो ऑफिस में एसपी और आईजी की गाड़ी खड़ी दिखी। दोनों एसपी केबिन में थे। भास्कर रिपोर्टर ने करीब डेढ़ घंटे तक उनका इंतजार किया। जब आईजी को छोड़ने एसपी बाहर निकले तब उन्होंने इस मामले पर कोई भी बात करने से साफ मना कर दिया।

एसपी सीएम के कार्यक्रम में व्यस्त होने की बात कहकर मिलने से मना करते रहे।

एसपी सीएम के कार्यक्रम में व्यस्त होने की बात कहकर मिलने से मना करते रहे।

जिस टीआई पर सवाल, वो रेप मामले में लाइन अटैच थांदला टीआई रहे राजकुमार कंसारिया पर 28 मार्च 2024 को भोपाल महिला थाने में एक एफआईआर दर्ज की गई थी। जिसमें एक महिला ने टीआई पर रेप का मामला दर्ज कराया था। महिला ने अपने बयान में ये भी कहा था कि टीआई ने शादी का झांसा देकर उसके साथ रेप किया।

अपने ड्राइवर की मौजूदगी में कार में जंगल में रेप किया। मुझे लगातार नशे की गोलियां दीं। उसके परिवार के लोग पुलिस विभाग में बड़े पदों पर हैं। एफआईआर कराने के लिए मैं 2 साल तक भटकती रही। ये मामला दर्ज होने के बाद टीआई कुछ दिन फरार रहा। अभी झबुआ पुलिस लाइन में लाइन अटैच है। मामला कोर्ट में चल रहा है।

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