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रीवा जिले के ओढ़की खुर्द प्राथमिक स्कूल में कक्षाओं को प्याज भंडारण केंद्र बना दिया गया। मामला सामने आते ही कलेक्टर प्रतिभा पाल ने प्रधानाध्यापक नरेंद्र पांडेय को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। जांच में पुष्टि हुई कि यह स्टॉकिंग खुद उनके निर्देश प
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कक्षाओं में प्याज की बोरियां भरी मिलीं स्थानीय लोगों ने शिकायत की थी कि स्कूल परिसर, जहां बच्चों को पढ़ना चाहिए, वहां कक्षाओं में प्याज की बोरियां भर दी गई हैं। ग्रामीण शिव शुक्ला ने बताया कि 15 जून से स्कूल खुलने वाला है, लेकिन कक्षाओं में बैठने तक की जगह नहीं बची है। सवाल यह है कि क्या अब बच्चों को प्याज के बोरे पर बैठकर पढ़ना होगा?
शिक्षा विभाग के नियमों का खुला उल्लंघन मामले में कई सरकारी नियमों का उल्लंघन पाया गया। ‘शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009’ के तहत बच्चों के लिए सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण अनिवार्य है। साथ ही, IPC की धारा 188 (सरकारी आदेश की अवहेलना) और धारा 269 (जनस्वास्थ्य को खतरे में डालना) भी इस पर लागू होती है।
इसके अलावा IPC की धारा 269- लापरवाही से जनस्वास्थ्य को खतरे में डालना। यदि प्याज सड़ते हैं तो संक्रमण फैलने का खतरा। यही सब कारणों की वजह से प्रधानाचार्य को निलंबित किया गया। मामले में जनपद शिक्षा अधिकारी और न ही खंड शिक्षा अधिकारी की ओर से कोई संज्ञान लिया गया।
कलेक्टर ने दी बाकी स्कूलों को चेतावनी कलेक्टर ने सोमवार शाम कार्रवाई करते हुए प्रधानाध्यापक को निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश दिए। उन्होंने अन्य स्कूलों को भी सख्त चेतावनी दी कि परिसर में किसी तरह की गैर-शैक्षणिक गतिविधि न हो और बच्चों की पढ़ाई में कोई बाधा न आए। स्कूलों को तत्काल परिसर खाली कर स्वच्छ बनाए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
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