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Work was done in Banda’s government college during the tenure of the current principal and payment was also made | आर्थिक अनियमितता: बंडा के शासकीय कॉलेज में मौजूदा प्राचार्य के कार्यकाल में ही कराए काम, भुगतान भी हुआ – Sagar News

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बंडा के शासकीय राजीव गांधी काॅलेज में आर्थिक अनियमितताओं में एक नया फर्जीवाड़ा सामने आया है। यहां जनभागीदारी मद से 27.28 लाख रुपए बगैर स्वीकृति के खर्च किए गए हैं। यानी जिन कामाें पर जनभागीदारी मद से खर्च दिखाया जा रहा है उन कामाें के प्रस्ताव समिति

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बावजूद इसके भुगतान किया है। इनमें खरीदी के साथ ही काॅलेज में कराए गए निर्माण व मरम्मत के काम हैं। इनमें शासन के भंडार क्रय नियमाें की भी अनदेखी की गई है। खास बात यह कि जनभागीदारी के सचिव प्राचार्य द्वारा जिन कामाें पर खर्च दिखाया गया है, उनके प्रस्ताव समिति से पारित दिखा रहे हैं, जबकि इसी समिति के अध्यक्ष जिनकी अध्यक्षता में बैठक हाेती रही है, उनके पास ऐसी काेई जानकारी नहीं है। यानी खर्च करने के लिए दस्तावेजाें में भी कूटरचना की गई है।

प्रस्ताव में काट-छांट की गई

शासकीय राजीव गांधी काॅलेज में जनभागीदारी मद से 2022-23 व 2023-24 में जाे खर्च बताया है, वह पारित प्रस्तावाें से मेल नहीं खा रहा है। पारित प्रस्तावाें के क्रमांक व काम सहित अन्य बिंदु अलग-अलग हैं। खास बात यह कि काॅलेज के प्राचार्य व जनभागीदारी समिति के सचिव डाॅ. बीडी अहिरवार जिन कामाें पर खर्च व समिति के प्रस्ताव बता रहे हैं, उन पर अध्यक्ष के हस्ताक्षर तक नहीं हैं। हुए खर्च काे जनभागीदारी से दिखाने के लिए प्रस्तावाें में छेड़छाड़/ काट-छांट की गई। जरूरत के मुताबिक पृष्ठों काे बदला भी गया है।

जांच की जा रही : बगैर पारित प्रस्ताव के काम कराने पर प्राचार्य व समिति के सचिव बीडी अहिरवार ने बताया कि इस संबंध में विधानसभा प्रश्न में उत्तर दिया गया। मामले की जांच की जा रही है। जनभागीदारी अध्यक्ष काे 8-10 बार निमंत्रण भेजने के बाद भी जनभागीदारी समिति की बैठक नहीं बुलाई है।

पुराने प्रस्तावाें पर दिखाया खर्च

नई समिति के बन जाने व काम शुरू करने के बाद भी पुराने प्रस्तावाें पर खर्च किया है, जबकि इन पुराने प्रस्तावाें काे मंजूर ही नहीं किया गया है। नई समिति ने स्वीकृति नहीं दी है बावजूद इसके इस समिति के कार्यकाल में खर्च दिखाया है। इन प्रस्तावाें काे नई समिति के सामने लाया ही नहीं गया या फिर पारित नहीं किया गया है। पारित व स्वीकृति नहीं हाेने के बावजूद मनमाने ढंग से भुगतान किया।

अनियमितता सामने आने के बाद भी कर दिया भुगतान

जनभागीदारी के कामाें में अनियमितता सामने आने व काम सही नहीं हाेने के कारण अध्यक्ष ने भुगतान पर राेक लगाने के लिए सचिव काे पत्र लिखा है। बावजूद इसके भुगतान नहीं राेका गया। जनभागीदारी समिति अध्यक्ष की आपत्ति पर बेहतर काम कराने का भराेसा समिति सचिव व प्राचार्य बीडी अहिरवार ने दिया था। इसके बावजूद घटिया काम का भी नियमविरुद्ध भुगतान किया है।

समिति में विधायक व एसडीएम भी शामिल, फिर भी अनियमितता

बंडा काॅलेज की जनभागीदारी समिति में कुल 22 सदस्य हैं। इसमें विधायक व एसडीएम सहित काॅलेज के प्राध्यापक, हायर सेकंडरी स्कूल के प्राचार्य, पीडब्ल्यूडी के एसडीओ भी शामिल हैं। इन सबके बावजूद जनभागीदारी समिति के नाम से फर्जीवाड़ा किया गया है। इसमें अध्यक्ष प्रभुदयाल राठाैर हैं। उन्हाेंने खुद इन खर्चाें पर आपत्ति जताई है। साथ ही विभाग काे सूचना दी है। बावजूद इसके अनियमतता राेकने के लिए अब तक काेई कार्रवाई नहीं की गई है।

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