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पटना. आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने बड़े बेटे तेजप्रताप यादव को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है. लालू के इस फैसले से सबको हैरानी हुई है. लेकिन यह भी साफ हो गया है कि लालू यादव ही नहीं, बल्कि पूरे परिवार को तेजप्रताप यादव और अनुष्का यादव के रिश्ते की जानकारी थी. लालू द्वारा तेजप्रताप को पार्टी व परिवार से छह साल के लिए निष्कासित करने का फैसला कई सवाल खड़े करता है. सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर तेजप्रताप और अनुष्का का रिश्ता इतने सालों से था, तो लालू परिवार ने इसे अब तक क्यों छुपाया? क्या इसके पीछे तेजस्वी यादव के राजनीतिक करियर को मजबूत करने की रणनीति थी? या फिर लालू की लाचारी, बेबसी या फिर तेजस्वी का राजनीतिक भविष्य?
लालू प्रसाद यादव के दोनों बेटे तेजप्रताप और तेजस्वी यादव पार्टी में उत्तराधिकारी की भूमिका के लिए हमेशा से चर्चा में रहे हैं. करीबियों की मानें तो तेजप्रताप का स्वभाव थोड़ा अस्थिर, गैर-राजनीतिक और सनकी जैसा शुरू से ही रहा है. लेकिन मां राबड़ी का बड़े बेटे को लेकर लगाव और प्रेम ने लालू यादव को सख्त एक्शन लेने से हर बार रोक देता था. वहीं, तेजस्वी को गंभीर, रणनीतिक और जनता के प्रिय नेता के रूप में स्थापित किया गया.
लालू यादव ने क्यों छुपाया यह राज?
तेजप्रताप यादव का अब तक का राजनीतिक सफर विवादों से भरा रहा है. राम बनने की कोशिशें, शिव का वेश, योग गुरु अवतार, और अब यह अनुष्का प्रकरण. इन सबने उनकी एक गैर-गंभीर और अपरिपक्व नेता की छवि बना दी. तेजप्रताप यादव ने 24 मई 2025 को फेसबुक पर अनुष्का यादव के साथ अपनी तस्वीर साझा करते हुए 12 साल पुराने रिश्ते का खुलासा किया. इस खुलासे ने यह सवाल उठाया कि अगर यह रिश्ता 2013 से चला आ रहा था, तो 2018 में ऐश्वर्या राय से शादी क्यों की गई?
ऐश्वर्या राय से क्यों करवाया शादी?
कई विश्लेषकों का मानना है कि ऐश्वर्या से शादी एक राजनीतिक गठजोड़ थी, जिसका मकसद लालू परिवार और चंद्रिका राय के बीच सियासी रिश्तों को मजबूत करना था. यह शादी उस समय हुई जब आरजेडी बिहार में अपनी स्थिति को मजबूत करने की कोशिश कर रही थी और तेजप्रताप का यह रिश्ता सार्वजनिक करना पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा सकता था.
क्या आरजेडी को होगा नुकसान?
तेजप्रताप का अनुष्का प्रकरण सामने आने से आरजेडी की छवि को नुकसान हो सकता था, जो 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले तेजस्वी के लिए नुकसानदायक होता. लालू परिवार ने तेजप्रताप के रिश्ते को इसलिए दबाए रखा ताकि तेजस्वी की सियासी छवि और आरजेडी की चुनावी रणनीति पर कोई असर न पड़े. तेजप्रताप की हरकतों, जैसे कि अनुष्का के साथ तस्वीरें साझा करना और फिर अकाउंट हैक होने का दावा करना, ने पार्टी को असहज स्थिति में डाल दिया. इसीलिए लालू ने तेजप्रताप को निष्कासित कर तेजस्वी की राह को और मजबूत करने की कोशिश की.
लेकिन अब क्यों हुआ खुलासा?
इसका उत्तर खुद तेजप्रताप के बदले तेवरों में छिपा है. यह संभव है कि आरजेडी की रणनीति के तहत तेजस्वी यादव को ‘एकमात्र उत्तराधिकारी’ साबित करने के लिए तेजप्रताप से जुड़ी हर संभावित ‘विवादजनक’ जानकारी को दबाया गया हो. अब जब यह राज सामने आया है, तो यह सिर्फ तेजप्रताप की नाराजगी नहीं, बल्कि आरजेडी के अंदरूनी समीकरणों और तेजस्वी के नेतृत्व को लेकर नई चर्चाओं की शुरुआत भी है.
तेजप्रताप की ऐश्वर्या राय से शादी और तलाक का मामला पहले से ही कोर्ट में है. अगर अनुष्का के साथ उनकी शादी की बात सही होती, तो हिंदू विवाह अधिनियम 1955 और IPC की धारा 494 के तहत बिगैमी का मामला बन सकता था, जिसमें सात साल की सजा का प्रावधान है. लालू परिवार ने इस रिश्ते को छुपाकर कानूनी और सामाजिक विवादों से बचने की कोशिश की होगी. इसके बाद भी तेजप्रताप के निष्कासन से लालू परिवार में तनाव की स्थिति बन सकती है. उनकी बहन रोहिणी ने लालू के फैसले का समर्थन किया, लेकिन मीसा भारती और राबड़ी देवी का रुख अभी स्पष्ट नहीं है. तेजस्वी ने इस मामले को निजी बताते हुए कहा कि तेजप्रताप को अपने फैसले लेने का हक है, लेकिन उन्होंने लालू के फैसले का समर्थन भी किया. यह दिखाता है कि तेजस्वी अपनी सियासी छवि को लेकर सतर्क हैं और पार्टी में अपनी स्थिति को और मजबूत करना चाहते हैं.
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