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धार जिले में स्थित चिखल्दा गांव के प्राचीन मंदिरों को बचाने के लिए स्थानीय निवासी धीरेंद्र पांडे ने जलसत्याग्रह शुरू किया है। सरदार सरोवर बांध की डूब में आने वाले इन मंदिरों में शिव मंदिर, आग्नेश्वर तीर्थ और तारकेश्वर हनुमान मंदिर शामिल हैं।
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चिखल्दा गांव में जन्मे धीरेंद्र पांडे, जो वर्तमान में इंदौर में रहते हैं, ने बताया कि यह क्षेत्र आग्नेश्वर तीर्थ के नाम से जाना जाता है। यहां कई ऋषि-मुनियों ने तपस्या की है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, यहां ऋषियों ने तप कर अग्नि देव को प्रकट किया था, जिन्होंने यहां नित्य निवास का वरदान दिया था।
सरदार सरोवर बांध की डूब से मध्य प्रदेश के 192 गांव और एक नगर प्रभावित हुए हैं। चिखल्दा गांव भी पूरी तरह उजड़ चुका है। पिछले 4-5 वर्षों से बांध की डूब के कारण मंदिर जीर्ण-शीर्ण हो रहे हैं। पांडे की मांग है कि मंदिरों के संरक्षण के लिए एक सुरक्षा दीवार का निर्माण किया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे मंदिरों का विस्थापन नहीं, बल्कि संरक्षण चाहते हैं।
धीरेंद्र पांडे ने कहा कि वे महज आश्वासन नहीं चाहते। जब तक मंदिरों के संरक्षण के लिए सुरक्षा दीवार का निर्माण कार्य शुरू नहीं होगा, तब तक उनका जलसत्याग्रह जारी रहेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि आगामी बारिश में जलस्तर बढ़ने से मंदिरों को नुकसान पह
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