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ग्राम ढिकवा में शिवलिंग पर जल चढ़ाते मंत्री प्रहलादसिंह पटेल।
रतलाम पहुंचे प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास व श्रम विभाग मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने पौधारोपण को लेकर बढ़ी बात कही है। मंत्री ने कहा कि मैंने तीन साल के पौधारोपण की स्थिति देखी, परिणाम अच्छे नहीं रहे है। जिनका में उल्लेख नहीं कर सकता। मैं इस विभाग
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चुनाव तो पांच साल में हो जाते है। आज कोई है कल और कोई होगा लेकिन आने वाली पीढ़ियां तो रहेगी। इनके लिए जल सरंचनाओं के साथ तीन साल पुराना पौधा हे तो उसकी रक्षा कर लो।
मंत्री पटेल रतलाम से करीब 28 किमी दूर गांव ढिकवा में कूडेल नदी के उद्गम स्थल का पूजन करने आए थे। इस दौरान वह मौजूद ग्रामीणों को संबोधित किया। नदी के उद्गम स्थल पर बने गंगा माता मंदिर व शिव मंदिर पर मंत्री ने पूजा अर्चना की। इसके बाद नदी के उद्गम स्थल में नीचे उतरकर पूजा पाठ कर कुदाली चलाई।
जीतू पटवारी द्वारा डिप्टी सीएम को डोडाचूरा मंत्री बताने के सवाल पर मंत्री पटेल ने ऐसी भाषा उपयोग न करने की सलाह दी।

नदी उद्गम स्थल पर जिला पंचायत सीईओ श्रृंगार श्रीवास्तव से जानकारी लेते मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल।
मंत्री ने नहीं कराया अपना सम्मान मंत्री अपने तय समय से दो घंटे देरी से शाम 6.30 बजे ग्राम ढिकवा पहुंचे। पहले उन्होंने सम्मान न कराते हुए सीधे कार्यक्रम की शुरूआत कर दी। मंत्री पटेल ने कहा कि इस बार मैंने सशर्त पौधा रोपण की अनुमति दी है यदि आपके पास तार फेसिंग, ट्री गार्ड हो। पौधारोपण की सुरक्षा करने की गारंटी ले तो ही पौधा लगाएं, वरना मत लगाईए। ग्रामीण विधायक मधुरालाल डामर, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप उपाध्याय, रतलाम जनपद अध्यक्ष साधना जायसवाल आदि बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, अधिकारी मौजूद रहे।
नदियों को आर्ट ऑफ लिविंग सहेज रहा नदियो के पुनर्जीवित करने के लिए देश में 100 से अधिक स्थानों पर आर्ट ऑफ लिविंग परिवार का एमओयू सरकार से हुआ है। उसी के तहत ग्राम ढिकवा की कुडेल नदी को भी सहेजने का जिम्मा आर्ट ऑफ लिविंग परिवार ने लिया है। यह नदीं रतलाम जनपद की 24 ग्राम पंचायतों के कैचमेंट क्षेत्रों से गुजर रही है।

नदी उद्गम स्थल का पूजन करते मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल।
पटवारी के सवाल पर कहा- भाषा से बचेंगे तो अच्छा रहेगा कार्यक्रम के बाद मंत्री पटेल से मीडिया से चर्चा में कहा कि गंगा संवर्धन अभियान के मुख्य दो लक्ष्य है। नए जल स्त्रोतों का निर्माण व पुराने जल स्त्रोतों का रखरखाव, जिस प्रकार से भी हो। छोटी नदी व नाले बारहमासी होंगे तभी बड़ी नदियों का अस्तित्व बचेगा। वहां पर काम करने की गुंजाइश है।
हमारा जल स्तर जो नीचे जा रहा है हमने उसको नहीं संभाला तो स्थिति गंभीर होगी। मध्यप्रदेश में जल राशि बहुत है। लेकिन जो चुनौती हमारे सामने है जो कुड़ेल में काम हो रहा है यह काम गति के काम है सतत चलने वाले है।
मध्यप्रदेश नदियों का माइका है। और वह मायका जीवंत रहे इसके लिए जरूरी है पौधारोपण। प्रदेश में लव जिहाद के घटनाएं बढ़ने पर मंत्री पटेल ने कहा इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी द्वारा डिप्टी सीएम के डोडा चूरा कहने के सवाल पर मंत्री पटेल ने कहा कि इस तरह की भाषा से बचेंगे तो अच्छा रहेगा।
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