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NEET UG के रिजल्ट पर एमपी हाईकोर्ट की इंदौर बेंच द्वारा रोक लगाने के मामले में गुरुवार (22 मई) को सुनवाई होगी। पिछले सुनवाई में NTA की ओर से जवाब पेश किया गया। इसमें यह बताया गया था कि सभी सेंटरों पर लाइट सहित पर्याप्त व्यवस्था थी। आज इस मामले में या
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खास बात यह कि इस मामले में 25 से ज्यादा सेंटरों से जुड़े स्टूडेंट्स प्रभावित हुए हैं। जिनकी संख्या अब 50 से ज्यादा हो गई हैं। इनकी मांग है कि रिएक्जाम कराई जाए। याचिकाकर्ता के ए़डवोकेट मृदुल भटनागर ने बताया कि याचिकाकर्ता पीड़ित स्टूडेंट्स काफी ज्यादा हैं। सभी ने अपनी परेशानियां बताई कि लाइट गुल होने पर कैसे उनके प्रश्नपत्र बिगड़े।
उज्जैन में भी ऐसी स्थिति बनी थी। वहां के भी 5 से ज्यादा स्टूडेंट्स हैं। ऐसे में आज हाई कोर्ट में रिज्वाइंडर पेश करने के लिए समय मांगा जाएगा। इसके साथ ही मांग की जाएगी कि जिन 25 सेंटरों के स्टूडेंट्स की परीक्षा प्रभावित हुई है उनकी रिएक्जाम कराई जाए ताकि उनका भविष्य खराब न हो। इन स्टूडेंट्स ने काफी मेहनत की है। इनमें से कई तीन-चार अटेम्ट वाले हैं।
पिछली सुनवाई में NTA ने पेश किया था जवाब
पिछली सुनवाई में एनटीए ने जवाब में बताया था कि हमने बहुत शांतिपूर्ण वातावरण और बिना किसी असुविधा के एग्जाम कराया था। साथ ही यह माना कि एग्जाम के दौरान कई सेंटर पर 10 मिनट से एक घंटे तक लाइट नहीं थी। वहां हमने कैंडल और जनरेटर के माध्यम से लाइट की व्यवस्था की थी। चूंकि समर सीजन में परीक्षा आयोजित हुई थी। पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था थी इसलिए कोई असुविधा नहीं हुई जबकि याचिकाकर्ताओं के एडवोकेट भटनागर का कहना है कि ऐसे करीब 25 सेंटर ऐसे हैं जहां पर बच्चों के एग्जाम प्रभावित हुआ है।
तब NTA की यह थी दलील
इस मामले में 16 मई को हुई सुनवाई में एनटीए की ओर से जवाब देने के लिए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए थे। उन्होंने हाईकोर्ट के समक्ष एनटीए का पक्ष रखते हुए कहा था कि यदि पूरा रिजल्ट रोका गया तो सैकड़ों छात्र प्रभावित होंगे। बिजली गुल होने से प्रभावित 11 सेंटर की रिपोर्ट पर 2 दिन में जवाब पेश कर देंगे। तब हाईकोर्ट ने एनटीए, बिजली कंपनी और परीक्षा केंद्र को नोटिस जारी किए थे। इन सभी को 30 जून तक जवाब पेश करना होगा। 4 मई को मध्यप्रदेश के 30 शहरों में हुई इस परीक्षा में करीब ढाई लाख छात्र शामिल हुए थे।
25 केंद्रों की बिजली चली गई, अंधेरा छा गया
इंदौर में 49 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे, जहां लगभग 27 हजार छात्रों ने परीक्षा दी। इसी दौरान अचानक मौसम बदल गया। तेज बारिश और करीब 120 किमी/घंटा की रफ्तार से चली आंधी ने पूरे शहर की बिजली व्यवस्था ठप कर दी। इसके चलते इंदौर-उज्जैन के करीब 25 सेंटरों की बिजली चली गई और परीक्षा केंद्रों में अंधेरा छा गया।
पेपर तक नहीं पढ़ पा रहे थे, मोमबत्ती जलाई
बिजली गुल होने की वजह से कई छात्रों को मोमबत्ती और मोबाइल टॉर्च की रोशनी में पेपर देना पड़ा। घना अंधेरा होने के कारण बहुत से छात्र प्रश्नपत्र तक ठीक से पढ़ नहीं पाए। परीक्षा के बाद कई छात्र रोते हुए बाहर निकले। प्रभावित अभ्यर्थियों का कहना है कि उन्होंने पूरी मेहनत से तैयारी की थी, लेकिन खराब व्यवस्था ने उनका भविष्य संकट में डाल दिया। इंदौर के जिन 11 सेंटरों में बिजली गुल हुई, वहां करीब 600 छात्रों की परीक्षा सीधे तौर पर प्रभावित हुई।
यह पहला मौका था जब NTA ने शहर के सरकारी स्कूलों में परीक्षा केंद्र बनाए थे। यहां पॉवर बैकअप का कोई इंतजाम नहीं था। दूसरी परेशानी यह भी है कि नीट के अलावा मेडिकल, नर्सिंग, वेटरनरी, होम्योपैथी, आयुर्वेदिक कॉलेजों में एडमिशन का विकल्प नहीं है। छात्रों का पूरा साल बर्बाद हो जाएगा।
उज्जैन में भी बिजली गुल होने पर हुआ था हंगामा
उज्जैन के शासकीय माधव महाविद्यालय में नीट यूजी परीक्षा के दौरान बिजली गुल हो गई थी। इसके बाद छात्रों और अभिभावकों ने हंगामा किया। रूम नंबर-212 के परीक्षार्थियों का आरोप था कि लाइट जाने के बाद अन्य कमरों में तो अतिरिक्त समय दिया गया, लेकिन उन्हें कोई अतिरिक्त समय नहीं मिला, जबकि उनका पेपर भी देरी से शुरू हुआ था। अब मामले में उज्जैन के भी 5 से ज्यादा पीड़ित स्टूडेंट्स हैं जिन्होंने याचिकाएं लगाई हैं।
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