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पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट को बम की धमकी, पुलिस ने की शांति बनाए रखने की अपील

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Punjab Haryana High Court bomb threat, Chandigarh court bomb alert
Image Source : HIGHCOURTCHD.GOV.IN
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट।

चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट को गुरुवार को एक ई-मेल के जरिए बम की धमकी मिली। इस धमकी में दावा किया गया कि कोर्ट परिसर में एक IED (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) रखा गया है। इस खबर के बाद चंडीगढ़ पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया और कोर्ट परिसर की तलाशी शुरू कर दी। चंडीगढ़ पुलिस के SDPO (सेंट्रल) उदयपाल सिंह ने बताया, ‘हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार ऑफिस को एक ई-मेल मिला, जिसमें बम होने की बात कही गई थी। सूचना मिलते ही पुलिस ने पूरे परिसर की गहन तलाशी शुरू कर दी।’ सुरक्षा के लिहाज से कोर्ट के ज्यादातर हिस्सों को खाली करवा लिया गया है और आम लोगों का प्रवेश अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। अभी तक तलाशी में कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली है, लेकिन पुलिस पूरी सतर्कता के साथ जांच कर रही है।

बुधवार को हरियाणा में दी गई थीं ऐसी ही धमकियां

बता दें कि बुधवार को हरियाणा के अंबाला में डिप्टी कमिश्नर के दफ्तर को भी ऐसे ही बम से उड़ाने की धमकी मिली थी। वहीं, गुरुग्राम और फतेहाबाद में भी सरकारी दफ्तरों को बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी। बाद में जांच में सारी धमकी फर्जी निकली। पिछले कुछ समय में देश के कई हिस्सों में स्कूलों, अस्पतालों और सरकारी दफ्तरों को ऐसी धमकियां मिल रही हैं, जो ज्यादातर फर्जी साबित हुई हैं। उदाहरण के लिए, मई 2025 में दिल्ली के कई स्कूलों और अस्पतालों को भी ई-मेल के जरिए धमकियां मिली थीं, लेकिन जांच में कोई खतरा नहीं पाया गया। हालांकि उस समय भी पुलिस ने एहतियातन तलाशी अभियान चलाया था।

1919 में हुई थी पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की स्थापना

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट चंडीगढ़ में स्थित है और यह पंजाब, हरियाणा और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के लिए सर्वोच्च न्यायिक संस्था है। इसकी स्थापना 1919 में हुई थी और तब इसे लाहौर हाई कोर्ट के नाम से जाना जाता था। यह देश के सबसे पुराने हाईकोर्ट्स में से एक है और इसे मौजूदा नाम 1966 में दिया गया। वर्तमान में इसका भवन चंडीगढ़ के सेक्टर-1 में है, जिसे मशहूर आर्किटेक्ट ली कॉर्बूसियर ने डिजाइन किया था। यह कोर्ट दोनों राज्यों के कानूनी मामलों को देखता है और इसकी कार्यवाही की निगरानी सुप्रीम कोर्ट करता है।

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