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झांसी रेल मंडल: ऑपरेशन नार्कोस में 304.5 किलो गांजा जब्त, 40 गिरफ्तार

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indian railway- आरपीएफ ने ऑपरेशन नार्कोस के तहत झांसी डिवीजन में 304.5 किलो गांजा जब्त किया, जिसकी कीमत 53 लाख रुपये है. 26 मामले दर्ज हुए और 40 लोग गिरफ्तार हुए. यह अभियान नशे की तस्करी रोकने के लिए चलाया गया.

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तस्‍करी में 40 लोगों को गिरफ्तार किया गया.

झांसी. झांसी रेल मंडल के रेल सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने नशे और उसकी तस्करी करने वालों के खिलाफ कड़ा अभियान चलाया है. 1 अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 तक डिवीजन के विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर कार्रवाई करते हुए आरपीएफ ने 304.5 किलो गांजा जब्त किया. इस मादक पदार्थ की कीमत लगभग 53 लाख 12 हजार रुपये है. यह कार्रवाई “ऑपरेशन नार्कोस” के तहत की गई, जिसमें 26 मामले दर्ज किए गए और 40 लोगों को गिरफ्तार किया गया.

भारतीय रेलवे देश का सबसे बड़ा परिवहन नेटवर्क है, जो यात्रियों और माल को एक जगह से दूसरी जगह ले जाता है. लेकिन अपराधी इसका फायदा उठाकर लंबी दूरी की ट्रेनों में सामान्य यात्रियों की आड़ में गांजा और अन्य नशीले पदार्थों की तस्करी करते हैं. इससे रेलवे को अवैध तस्करी का माध्यम बनने से रोकना सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती है. इस समस्या से निपटने के लिए आरपीएफ ने ऑपरेशन नार्कोस शुरू किया है, जिसके तहत तस्करों पर सख्त नजर रखी जा रही है.

डीआरएम दीपक कुमार सिन्हा ने बताया कि ऑपरेशन नार्कोस के तहत झांसी डिवीजन में नशे की तस्करी के खिलाफ कड़े कदम उठाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि नशीले पदार्थ युवाओं के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं और देश की अर्थव्यवस्था व समाज को भी कमजोर करते हैं. नशे की लत से व्यक्ति का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य खराब होता है, जिसके लंबे समय तक बुरे परिणाम भुगतने पड़ते हैं.

आरपीएफ की इस कार्रवाई से न केवल तस्करों पर लगाम लगी है, बल्कि रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में यात्रियों की सुरक्षा भी बढ़ी है. यह अभियान दिखाता है कि रेलवे नशे की तस्करी को रोकने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. आरपीएफ की टीमें लगातार स्टेशनों पर निगरानी कर रही हैं और संदिग्ध गतिविधियों पर तुरंत कार्रवाई कर रही हैं. इस तरह की कार्रवाइयों से तस्करों में डर पैदा होता है और समाज में नशे के खिलाफ जागरूकता बढ़ती है.

आरपीएफ के जांच के दौरान एक ट्रेन के जनरल कोच में यात्री महंगा ब्रीफकेस लिए बैठा था. आरपीएफ ने खोलने को कहा तो नहीं खोल पाया. इस पर शक हुआ. जब ब्रीफकेस खोला तो होश उठा गए. अंदर नशीले पदार्थ भरा हुआ था. इस तरह के कई मामले पकड़े गए.

यह प्रयास न केवल रेलवे को सुरक्षित बनाता है, बल्कि युवाओं को नशे के खतरे से बचाने में भी मदद करता है. झांसी रेल मंडल की यह पहल एक मिसाल है कि सख्ती और सतर्कता से नशीले पदार्थों की तस्करी को रोका जा सकता है. इससे समाज में सकारात्मक बदलाव आएगा और रेलवे यात्रियों का भरोसा और मजबूत होगा.

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