[ad_1]
मप्र पुलिस में भर्ती हुए 3,856 नए सिपाहियों की जून महीने से सभी पुलिस ट्रेनिंग स्कूल (पीटीएस) और पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज (पीटीसी) में ट्रेनिंग शुरू होने जा रही है। ऐसा पहली बार होगा जब सिपाहियों को बेसिक ट्रेनिंग के साथ नई विधाओं के गुर भी सिखाए जाएंगे
.
बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) और आईटीबीपी की तर्ज पर मप्र में पहली बार देश के छह राज्यों की मार्शल आर्ट भी सिखाई जाएगी। इसके अलावा उन्हें सर्किट ट्रेनिंग में लोक गीतों पर ऐरोबिक्स की तरह डांस मूव के साथ व्यायाम करवाया जाएगा। इन दोनों ही कलाओं को ट्रेनिंग में इसलिए जोड़ा गया है ताकि सिपाहियों की शारीरिक दक्षता बढ़े और जरूरत पड़ने पर वे मजबूती के साथ अपराधियों से लड़ सकें।

वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा देने की शुरुआत स्थानीय लोककला, संस्कृति, उत्पाद और व्यापार को समर्थन देने के लिए देश में शुरू हुए अभियान वोकल फॉर लोकल की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में की थी। ठीक इसी तर्ज पर अब पुलिस के ट्रेनिंग स्कूल-कॉलेज में भी वोकल फॉर लोकल की शुरुआत की जा रही है। एडीजी ट्रेनिंग राजाबाबू सिंह ने बताया कि अब तक बीएसएफ और आईटीबीपी ने ही अलग-अलग किस्म की मार्शल आर्ट को अपनाया था। अब मप्र पुलिस भी इसका हिस्सा होगी।
सर्किट ट्रेनिंग में लोक गीत, नृत्य ट्रेनिंग में सिपाहियों को सर्किट ट्रेनिंग भी दी जाती है। इसमें व्यायाम करवाए जाते हैं। पहली बार इसमें सर्किट ट्रेनिंग में लोक गीत और लोक नृत्य को भी शामिल किया है। इसे ऐरोबिक क्लास की तर्ज पर डिजाइन किया जा रहा है।
पहले सीखेंगे, फिर सिखाएंगे पीटीसी-पीटीएस अफसर मार्शल आर्ट समझने के लिए बीएसएफ और आईटीबीपी ट्रेनर्स से बात कर रहे हैं। इसके बाद इसकी समझ रखने वालों को ट्रेनिंग के लिए भेजेंगे, जो लौटकर सिपाहियों को यह आर्ट सिखाएंगे।
[ad_2]
Source link



