विदाई समारोह में जबलपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने कहा कि मध्यप्रदेश आने से पहले वह हाईकोर्ट में पदस्थ केवल तीन जजों को जानते थे। जस्टिस विशाल धगट को व्यक्तिगत रूप से जानते थे और दो जजों को यूट्यूब के माध्यम से पहचानते थे। ये दोनों जज कौन हैं, इस संबंध में आप जानते हैं। आज मैं सभी जजों को जानता हूं और वे मुझे भी जानते हैं। मैं खुली किताब हूं।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में कुल जजों की संख्या 53 निर्धारित है और वर्तमान में 33 जज पदस्थ हैं। मैंने 32 जजों के पद बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा है, स्वीकृत होने के बाद मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में जजों की संख्या 85 हो जाएगी। उन्होंने कहा कि फुल कोर्ट मीटिंग ने लोअर जुडिशियरी में चयन के लिए एलएलबी में 70 प्रतिशत अंक तथा तीन साल के अनुभव की अनिवार्यता को समाप्त करने का निर्णय लिया है। सरकारी कॉलेज में 70 प्रतिशत अंक प्राप्त करना कठिन कार्य है। प्राइवेट कॉलेज में इससे अधिक अंक प्राप्त किए जा सकते हैं। योग्य व होनहार व्यक्ति की प्रतिभा का सही उपयोग हो सके, इसीलिए यह निर्णय लिया गया है।
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उन्होंने कहा कि इंदौर जिला एवं सत्र न्यायालय की नई बिल्डिंग के निर्माण के संबंध में दायर तीन याचिकाओं को उन्होंने सुनवाई के लिए मुख्य पीठ जबलपुर बुलाया था, जिससे नई बिल्डिंग के निर्माण का कार्य शीघ्र प्रारंभ हो सके जो संस्थान के लिए हितकारी था। तीनों याचिकाओं का निराकरण करते हुए निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया। प्रदेश के न्यायालयों में चल रहे प्रोजेक्ट्स के संबंध में वे रजिस्ट्रार जनरल से जानकारी प्राप्त करते थे। अधिकांश प्रोजेक्ट पूर्ण हो गए हैं या पूर्ण होने की स्थिति में हैं। इंदौर जिला न्यायालय की बिल्डिंग का निर्माण कार्य भी दो शिफ्ट में जारी है।
चीफ जस्टिस ने कहा कि वह जिस गांव में पढ़े, उसका नाम गूगल पर सर्च करने पर ऑस्ट्रेलिया में बताया जाता है। उनके गांव में आठ तालाब और एक नहर है। जिस स्कूल में कमरे कम थे, वहां दसवीं तक उन्होंने पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ाई की। दिल्ली सेंट्रल लॉ यूनिवर्सिटी में दाखिला पाना उनके परिवार के लिए गर्व की बात थी। उन्होंने दिल्ली की पटियाला कोर्ट में अधिवक्ता वतन सिंह के मार्गदर्शन में वकालत प्रारंभ की। हाईकोर्ट में वे तत्कालीन सांसद रामनाथ कोविंद के लिए उपस्थित हुए थे।
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उन्होंने कहा कि देश में पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के बेटे ने भी उनके साथ हाईकोर्ट जज के रूप में शपथ ली थी। वह किसान परिवार से आते हैं। यह भारतीय संविधान की खूबसूरती है, जो लोगों को समानता का अधिकार प्रदान करता है। चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने संविधान में देश के सभी नागरिकों को यह अधिकार दिया है। उन्होंने कहा कि उनके परिवार के सभी सदस्य समानता में विश्वास रखते हैं। उनके परिवार के 18 सदस्यों ने लव मैरिज की है।