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आगर मालवा में नारद जयंती के मौके पर बुधवार को विश्व संवाद केंद्र मालवा की ओर से स्थानीय गार्डन में विचार गोष्ठी हुई। कार्यक्रम में उज्जैन से आए प्रकाश त्रिवेदी ने राष्ट्रहित में पत्रकारिता के योगदान पर अपने विचार रखे।
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त्रिवेदी ने कहा कि राष्ट्रवाद पत्रकारिता की आत्मा है। उन्होंने पत्रकारिता को विचारधारा की साधना बताया। उनके अनुसार वर्तमान समय भीड़ का नहीं, बल्कि विवेकशील संवादकर्मियों का है।
पत्रकारों से विचारधारा आधारित इकोसिस्टम बनाने की अपील
त्रिवेदी ने पत्रकारिता को समाधानकारी बनाने पर जोर दिया। नारद परंपरा का उल्लेख करते हुए उन्होंने संवाद में सुधार को प्राथमिकता देने की बात कही। डिजिटल मीडिया की चुनौतियों और संभावनाओं पर चर्चा की। उन्होंने पत्रकारों से विचारधारा आधारित इकोसिस्टम बनाने का आग्रह किया।
त्रिवेदी ने कॉपी-पेस्ट पत्रकारिता को जिज्ञासा का नाशक बताया। उन्होंने प्रेस की स्वतंत्रता को अधिकार नहीं, बल्कि उत्तरदायित्व माना।
कार्यक्रम में नंदकिशोर कारपेंटर, राजेश अजनबी, राजेश कुमरावत और राकेश बिकुंदिया सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।
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