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बीते दिन भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष के दौरान तुर्किए द्वारा पाकिस्तान की मदद किए जाने के बाद वहां की कंपनियों का विरोध शुरू हो गया है। मप्र सरकार के केबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि भोपाल और इंदौर मेट्रो परियोजनाओं में ‘असिस गार्ड’ कंपन
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इन परियोजनाओं में मेट्रो स्टेशनों पर लगे एफसी (ऑटोमैटिक फेयर कलेक्शन) गेट्स भी इसी कंपनी द्वारा लगाए गए हैं। इस कंपनी को लेकर अधिकारियों को जांच के आदेश दिए हैं। यदि कंपनी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भारत विरोधी तत्व है तो इसे प्रतिबंधित किया जाएगा।
मंत्री विजयवर्गीय ने अपने X अकाउंट पर ये लिखा है
“राष्ट्र सर्वोपरि…भारत विरोधी मानसिकता का कोई स्थान नहीं” हमारे लिए राष्ट्रधर्म सर्वोपरि है। जो भी भारत की संप्रभुता के विरुद्ध खड़ा होगा, वह चाहे कोई भी क्यों न हो, उसके साथ किसी भी प्रकार की सहानुभूति या सहयोग असहनीय है। तुर्किये की कंपनी “असिस गार्ड”, जो ड्रोन निर्माण में संलग्न है, उस पर आरोप है कि उसके बनाए गए ड्रोन हाल ही में भारत विरोधी गतिविधियों में प्रयोग किए गए। गंभीर तथ्य यह है कि यही कंपनी “असिस” वर्तमान में भोपाल और इंदौर मेट्रो परियोजनाओं में डिजिटल प्रणाली के कार्य हेतु अनुबंधित है। इस संदर्भ में अधिकारियों को तथ्यों की गहन एवं निष्पक्ष जाँच के निर्देश दिए हैं। यदि यह पाया जाता है कि कंपनी का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भारतविरोधी तत्वों से संबंध है अथवा इसके उत्पादों का उपयोग भारत की सुरक्षा के विरुद्ध हुआ है तो कंपनी का अनुबंध समाप्त कर दिया जाएगा। हम राष्ट्र के सम्मान, सुरक्षा और आत्मगौरव के साथ कोई समझौता नहीं करेंगे

कैलाश विजयवर्गीय ने एक्स पर ट्वीट किया।
असिस गार्ड कंपनी के बने ड्रोन से ही पाकिस्तान ने भारत पर हमला किया था
कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि सूत्रों के अनुसार, ‘असिस गार्ड’ के ड्रोन कथित तौर पर पाकिस्तान द्वारा भारत विरोधी गतिविधियों में इस्तेमाल किए गए थे। मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने असिस गार्ड से यह अनुबंध पिछले साल जून में किया था।
मंत्री विजयवर्गीय ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि कंपनी की भूमिका की गहन जांच की जाए। यदि यह साबित होता है कि कंपनी या उसके उत्पाद भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं, तो उसका अनुबंध तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया जाएगा।
ड्रोन और कई सुरक्षा उपकरण बनाती है असिस गार्ड कंपनी

तुर्की की कंपनी असिस गार्ड ड्रोन सहित कई तरह के उपकरण बनाती है। ये बॉर्डर पर सुरक्षा के काम भी आते हैं। ASİSGUARD रक्षा उद्योग के क्षेत्र में तकनीकी आवश्यकताओं के समाधान विकसित करने के लिए रोटरी विंग सशस्त्र/निरस्त्र ड्रोन सिस्टम, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल विजन और सीमा सुरक्षा प्रणाली और सैन्य वाहन इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम विकसित करती है। यह कंपनी अनुकूलित और संशोधित डिजाइन आवश्यकताओं के लिए इंजीनियरिंग सॉल्यूशन देती है।
सोंगर ड्रोन 5 किमी के दायरे में काम करता है
पाकिस्तानी सेना ने 9 और 10 मई को भारत पर तुर्की निर्मित ‘सोंगर’ सशस्त्र ड्रोन लॉन्च किया था। केंद्र सरकार ने भी कहा था कि यह अंकारा स्थित रक्षा कंपनी असीसगार्ड द्वारा विकसित सोंगर ड्रोन है। यह तुर्की सेना का पहला सशस्त्र ड्रोन है। पाकिस्तानी ड्रोन भारत की सीमा के बहुत नज़दीकी इलाकों से लॉन्च किए गए थे।
एसिसगार्ड की वेबसाइट पर उत्पाद पोर्टफोलियो पृष्ठ पर दी गई जानकारी के अनुसार, सोंगर पांच प्रकारों में उपलब्ध है, जिसमें एक गैर-घातक भूमिका वाला भी शामिल है। पांचों वैरिएंट में उनके हथियारों के आधार पर अंतर किया गया है। 5.56 x 45 मिमी असॉल्ट राइफल, 2 x 40 मिमी ग्रेनेड लांचर, 6 x 40 ड्रम-प्रकार ग्रेनेड लांचर, और 3 x 81 मिमी मोर्टार ग्रिपर। गैर-घातक संस्करण में आठ आंसू गैस या धुंआ गैस के कनस्तर तक ले जाया जा सकता है।
ग्रेनेड-लॉन्चर संस्करण में नजदीकी हवाई सहायता क्षमता है और यह दो ग्रेनेड तक दाग सकता है। इनकी प्रभावी रेंज 400-450 मीटर है।

असिसगार्ड का कहना है कि यह सिस्टम वास्तविक समय में वीडियो प्रसारित कर सकता है और 5 किलोमीटर तक के मिशन दायरे में काम कर सकता है।
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