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शिवपुरी जिले के बदरवास थाना क्षेत्र में मंगलवार सुबह एक कार हादसे में हैदराबाद के एक ही परिवार के तीन लोग घायल हो गए। ये परिवार अयोध्या से उज्जैन महाकाल दर्शन के लिए जा रहा था। हादसा मांगरोल गांव के पास हुआ। ओवरटेक करते वक्त कार के सामने गाय आ गई। का
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परिवार के तीन सदस्य घायल
कार में सवार अरुण कश्यप, उनकी पत्नी मल्लिका कश्यप और 19 साल की बेटी चारवी कश्यप गंभीर रूप से घायल हो गए। कार चला रहे अरुण के भाई मुरली कश्यप को हल्की चोटें आईं। मुरली ने बताया कि 19 मई को चारवी का जन्मदिन मनाकर परिवार अयोध्या से उज्जैन दर्शन के लिए निकला था।
पूरा परिवार तीन दिन पहले ही घर से निकला था और 19 तारीख को अयोध्या में बेटी का जन्मदिन मनाया। इसके बाद उज्जैन दर्शन के लिए जा रहे थे, और आगे अयोध्या लौटने की योजना थी। लेकिन बदरवास क्षेत्र में ये हादसा हो गया।
राहगीरों ने घायलों को बाहर निकाला
हादसे के बाद घायलों को राहगीरों की मदद से कार से बाहर निकाला गया। सूचना पर पहुंची हाईवे एम्बुलेंस ने उन्हें बदरवास स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, जहां से प्राथमिक इलाज के बाद तीनों घायलों को जिला अस्पताल रेफर किया गया। अरुण और उनकी पत्नी को 108 एम्बुलेंस से शिवपुरी मेडिकल कॉलेज भेजा गया, जबकि चारवी और मुरली को हाईवे एम्बुलेंस के जरिए जिला अस्पताल लाया गया।

एम्बुलेंस पायलट रामकुमार रघुवंशी ने स्टाफ से बहस की तब जाकर एमआरआई किया जा सका।
अस्पताल में लापरवाही, पायलट ने की मदद
जिला अस्पताल में 19 वर्षीय चारवी की गंभीर हालत को देखकर डॉक्टरों ने उसे तत्काल एमआरआई कराने के लिए कहा, लेकिन अस्पताल स्टाफ की लापरवाही देखने को मिली। हाईवे एम्बुलेंस पायलट रामकुमार रघुवंशी ने जब चारवी को दर्द से तड़पते देखा तो संवेदनशीलता दिखाते हुए खुद जिम्मेदारी ली और मरीज को एमआरआई यूनिट तक लेकर पहुंचे।
यहां रामकुमार और मुरली कश्यप को स्टाफ की उपेक्षा का सामना करना पड़ा। स्टाफ की कमी और दस्तावेजों के अभाव का हवाला देकर मरीज को करीब आधे घंटे तक लटकाया गया। इस दौरान रामकुमार को स्टाफ से बहस करनी पड़ी, तब जाकर एमआरआई के लिए राजी हुए।
डॉक्टरों ने चारवी को प्राथमिक इलाज करने का बाद उसकी हालत देखते हुए ग्वालियर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। वहीं उसके माता-पिता का इलाज शिवपुरी मेडिकल कॉलेज में जारी है।
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