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रीवा में प्रभारी मंत्री की बैठक में सेमरिया से कांग्रेस विधायक को नो एंट्री कर दी गई। इस बैठक के लिए उन्हें आमंत्रण नहीं दिया गया। यह बैठक रविवार शाम सर्किट हाउस में आयोजित की गई थी, जिसमें भाजपा के सभी विधायक और जिलाध्यक्ष समेत,प्रशासनिक अधिकारी शाम
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इसके बाद सर्किट हाउस के सामने अभय मिश्रा कांग्रेस जिलाध्यक्ष राजेंद्र शर्मा और अन्य पदाधिकारियों के साथ जमीन पर बैठ गए।
ऐसे में बैठक के बीच विधायक सर्किट हाउस तो पहुंचे लेकिन वे मैदान पर बाहर ही बैठे रहे। जहां विधायक ने विधायकों की बैठक में खुद को शामिल न करने का आरोप लगाया। वहीं पूरे मामले प्रभारी मंत्री प्रहलाद पटेल ने सफाई दी और बैठक को भाजपा की कोर कमेटी की बैठक बताया।

बैठक स्थल के बाहर पुलिस बल तैनात मिला।
विधायक बोले- जनता की बात रखने जनप्रतिनिधि होना जरूरी पूरे मामले में अभय मिश्रा ने कहा कि सरकार ने हमें यह अधिकार दिया है कि जनता के चुने हुए जनप्रतिनिधि होने के नाते हम जनता की बात को सरकार के समक्ष रखें। शासकीय कार्यों और बैठकों में पक्ष और विपक्ष दोनों का होना बहुत जरूरी है।
अगर प्रदेश के स्थानांतरण नीति पर बात हो रही है तो उसमें किसी पार्टी विशेष की उपस्थिति नहीं बल्कि सभी विधायकों की उपस्थिति होनी चाहिए। क्या रीवा के प्रभारी मंत्री होने के नाते प्रहलाद पटेल सेमरिया के प्रभारी मंत्री नहीं है।
अगर सेमरिया के भी प्रभारी मंत्री हैं तो फिर सेमरिया के चुने हुए जनप्रतिनिधि को बैठक में शामिल क्यों नहीं किया जा रहा। उन्होंने कहा मेरी कलेक्टर से बात हुई तो उन्होंने यह कहने की कोशिश की कि इसमें मेरी कोई भूमिका नहीं है। जैसा ऊपर से आदेश है ,उसी तारतम्य में कार्य किया जा रहा है।
लोकतंत्र और विपक्ष की हत्या की जा रही है। विपक्ष के प्लेटफॉर्म को भी छीनने का प्रयास किया जा रहा है।

जमीन पर ही बैठ गए विधायक और नेता।
वहीं पूरे मामले में प्रभारी मंत्री ने कहा कि ये बैठक भाजपा के कोर कमेटी की बैठक थी। इसलिए कांग्रेस विधायक को शामिल नहीं किया गया। आरोप पूरी तरह से झूठे हैं।

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