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राजगढ़ में शुक्रवार शाम 7:30 बजे जैसे ही सायरन बजा, पूरा शहर अंधेरे में डूब गया। सायरन की आवाज सुनते ही गली-मोहल्लों से लेकर बाजार और मुख्य मार्गों तक लाइटें बंद हो गईं, दुकानों के शटर गिर गए और सड़क पर चल रहे वाहन थम गए। यह सब कुछ नगर पालिका और प्रश
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आज सुबह से ही प्रशासन और नगर पालिका की टीमों ने शहरभर में लोगों को मॉक ड्रिल की जानकारी दी। मोहल्लों में समितियां बनाई गईं, लोगों से कहा गया कि जैसे ही सायरन बजे, सभी घरों के अंदर रहें और बिजली से जुड़े उपकरणों का इस्तेमाल न करें। सायरन दोबारा बजने तक संयम बरतने की अपील की गई।

कुछ इलाकों में जलती रही लाइटें, लोगों ने उठाए सवाल हालांकि मॉक ड्रिल के दौरान शहर के कुछ खास इलाकों और घरों में लाइटें जलती रहीं। इससे लोगों में नाराजगी देखी गई। स्थानीय नागरिकों ने सवाल उठाए कि जब यह मॉक ड्रिल पूरे शहर के लिए थी, तो कुछ जगहों को इससे अलग क्यों रखा गया? लोगों ने नियमों का समान रूप से पालन कराने की मांग की।
प्रशासन का कहना है कि यह मॉक ड्रिल आपातकालीन स्थिति में शहर और लोगों की तैयारियों को परखने के लिए की गई थी। ऐसे अभ्यास समय-समय पर जरूरी हैं, ताकि किसी भी आपदा की स्थिति में त्वरित और सही प्रतिक्रिया दी जा सके।
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