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नियम-कायदों को लेकर ट्रस्ट और कलेक्टर ने एमओयू साइन किया।
श्री दादाजी मंदिर के निर्माण को लेकर गुरुपूर्णिमा से पहले भूमिपूजन करने की तैयारी है। 16 सदस्यीय निर्माण समिति का गठन मंदिर ट्रस्ट की तर्ज पर किया गया है। यानी समिति में कोई प्रमुख नहीं है, सभी बतौर सदस्य की भूमिका में रहेगें। वहीं निर्माण समिति किसी
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3 जून को मंदिर निर्माण समिति की बैठक होगी। इस दौरान भूमिपूजन के शुभ मुहूर्त की तारीख तय होगी। मंदिर का निर्माण मकराना मार्बल से लगभग 60 से 100 करोड़ में तीन साल में पूरा होगा। निर्माण समिति के खाते में कुल लागत राशि की 25 प्रतिशत जमा होने पर काम शुरू होगा। निर्माण व समिति संबंधी नियमावली व अन्य मामलों को लेकर कलेक्टर एवं ट्रस्ट के सात सदस्यों ने एमओयू साइन किया। इसकी प्रति दादाजी महाराज के चरणों में अर्पित की गई।
निर्माण समिति का अकाउंट नंबर अलग, क्यूआर कोड सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने बताया, मंदिर के निर्माण के लिए ट्रस्ट किसी से चंदा नहीं मांगेगा। हालांकि समिति के नाम पर खुले बैंक अकाउंट में दान के लिए श्री दादाजी मंदिर परिसर में दान पात्र के साथ ही अकाउंट नंबर का क्यूआर कोड जारी किया जाए। कलेक्टर कार्यालय में भी यह व्यवस्था रहेगी।
मंदिर निर्माण समिति के नाम से खोले गए बैंक अकाउंट से निकासी के लिए एसडीएम व समिति के अधिकृत प्रतिनिधि शांतनु दीक्षित का नाम जोड़े जाने के बाद उसे जारी किया जाएगा। समिति में भक्तों के साथ श्री दादाजी में श्रद्धा रखने वाले भक्तों के साथ संतों को शामिल किया गया है।
समिति में दोनों पक्ष, संत, श्रद्वालु और जनप्रतिनिधि समिति में कुल 16 सदस्य है, पांच पदेन और 11 नामांकित सदस्य हैं। कलेक्टर खंडवा, सांसद खंडवा, विधायक खंडवा, महापौर खंडवा और एसडीएम खंडवा पदेन सदस्य हैं। वहीं नामांकित में ट्रस्ट की ओर से धर्मेंद्र बजाज, शांतनु दीक्षित, नितिन श्रीमाली (तकनीकी सलाहकार) काे शामिल किया गया है।
वहीं छोटे सरकार की ओर से तपन डोंगरे, पटेल सेवा समिति से मदन ठाकरे, श्रद्धालु प्रतिनिधि में गणेश कानडे, चार्टड एकाउंटेंट भरत झंवर, व्यापारी राकेश बंसल, रिटायर्ड इंजीनियर सतीश कोटवाले, संत समाज से उत्तम स्वामी एवं स्वामी विवेकानंद पुरी को शामिल किया गया है।
अंतिम चरण में श्री दादाजी की समाधि के पास होगा निर्माण
- मंदिर नव निर्माण समिति के लिए 14 बिंदुओं की नियमावली तय की गई है। समिति द्वारा ट्रस्ट द्वारा की जा रही पूजा व अन्य निर्माण कार्यों में किसी भी प्रकार का व्यवधान नहीं किया जाएगा।
- समिति का कोई अलग से पंजीयन नहीं होगा, यह ट्रस्ट के अधीन ही संचालित होगी।
- मंदिर निर्माण के लिए दान देने वाले दानदाताओं के नाम को सार्वजनिक नहीं किया जाएगा। मंदिर में नाम पट्टिका नहीं लगाई जाएगी।
- सशर्त दान नहीं लिया जाएगा। समिति की बैठक का ब्योरा ट्रस्ट को अनिवार्यतः देना होगा।
- मंदिर के लिए श्री 1008 श्री हरिहर भोले भगवान श्री छोटे दादाजी द्वारा बनाए गए नियमों का अक्षरशः पालन करना होगा।
- मंदिर के अंतिम चरण में श्री दादाजी की समाधि के पास निर्माण होगा।
- मंदिर में श्री दादाजी महाराज के पूजन-अर्चन के दौरान किसी भी प्रकार काम नहीं होगा।
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