[ad_1]
अलीराजपुर में यातायात पुलिस ने बस चेकिंग अभियान चलाया। यह अभियान भोपाल में हुए स्कूल बस हादसे के बाद शुरू किया गया। पुलिस ने जिले के सभी थानों में वाहनों की जांच की।
.
अभियान में 25 स्कूल बसें और 70 लोक परिवहन बसों की जांच की गई। बिना फिटनेस वाली एक बस पर 5,000 रुपए का जुर्माना लगाया गया। बिना परमिट के चल रही दो बसों पर 20,000 रुपए का जुर्माना लगा। 12 बसों में सुरक्षा उपकरण जैसे अग्निशामक यंत्र और फर्स्ट एड बॉक्स नहीं मिले, जिन पर 6,000 रुपए का जुर्माना लगाया गया।
पुलिस ने बसों में गति नियंत्रक, लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस, इमरजेंसी डोर और वाहन दस्तावेजों की जांच की। कुल 135 वाहनों पर कार्रवाई करते हुए 1,01,100 रुपए का जुर्माना वसूला गया।
पुलिस स्कूल बसों के लिए निर्धारित मानकों की भी जांच कर रही है। इनमें पीला रंग, स्कूल बस का लेबल, स्कूल का नाम और संपर्क विवरण, खिड़कियों पर सुरक्षा ग्रिल, प्राथमिक चिकित्सा किट और अग्निशामक यंत्र शामिल हैं। साथ ही प्रशिक्षित सहायक की उपस्थिति और चालक का पांच साल का अनुभव भी जरूरी है।
छात्रों के अलावा, स्कूल बस को केवल छात्रों के अभिभावकों या शैक्षणिक संस्थानों के शिक्षकों को ले जाने की अनुमति है, जो सुरक्षा मानदंडों की जांच के लिए यात्रा कर सकते हैं।किसी अन्य व्यक्ति को ऐसी बसों में यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
देखिए चैकिंग अभियान के फोटो…



इन नियमों का करना होगा पालन
- बच्चों के बस्ते रखे जाने के लिये सीटों के नीचे जगह की व्यवस्था की जानी चाहिये।
- स्कूल बसे/ शिक्षण संस्थान के वाहनों एवं लोकपरिवहन के वाहन निर्धारित गति सीमा के भीतर चलेंगे। प्रत्येक बस में स्पीड गवर्नर लगाया जाएगा ।
- प्रत्येक बस में एक आपात कालीन दरवाजा होगा जो केवल आपात कालीन स्थिति में ही खोला जाएगा ।
- स्कूल बमों/ शिक्षण संस्थान के बाहनों के दरवाजों में विश्वसनीय लॉकिंग प्रणाली लगाई जाएगी।
- स्कूल बसों/ शिक्षण संस्थान के वाहनों की खिड़कियों पर रंगीन फिल्म एवं पदों का प्रयोग नहीं किया जायेगा। इस संबंध में मोटर व्हीकल एक्ट 1989 के नियम 100 का पालन सुनिश्चित किया जाये । स्कूल बसो/ शिक्षण संस्थान के वाहनों एवं लोक परिवहन में कोई प्रेशर हॉर्न नहीं लगाया जाएगा।
- विद्यालय बसों/ शिक्षण संस्थान के वाहनों को नियमित रुप से स्कूल प्रबंधन चैक करेगा कि स्कूल बस में ब्रेक हॉर्न, गेयर बॉक्स, टायर, अन्य आवश्यक कल पुर्जे ठीक स्थिति में है या या नही, इसका परिक्षण समय समय पर परिवहन एवं पुलिस विभाग के अधिकारी करेंगे।
- अनुबंधित वाहनों के लिए मोटर वाहन अधिनियम की धारा 56 के तहत वैध फिटनेस
- प्रमाण पत्र आवश्यक है ।
- प्रत्येक स्कूल बस / शिक्षण संस्थान के वाहनों एवं लोक परिवहन के बाहनों के पास वैध बीमा प्रमाणपत्र, प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र आदि होना चाहिये ।
- कोई भी स्कूल बस 12 वर्ष में अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिये ।
- ऑटो रिक्शा में ड्रायवर के साथ 3 ही अधिकतम विद्यार्थी ही बैठ सकते है ।
- प्रत्येक स्कूल मेमेजमेंट एक सीनियर स्टाफ को व्हीकल इंचार्ज नियुक्त करेगा जो कि वाहन का 70 रजिस्ट्रेशन सुरक्षा मापदण्डों और रूट आदि सबंधी कार्यवाही को सुनिश्चित करवायेगा और वह व्हीकल इंचार्ज भी स्कूल प्रबंधन के माथ उत्तरदायी रहेगा।
- 18. प्रत्येक बस में जीपीएस ट्रेकिंग सिस्टम और सीसीटीव्ही लगायेंगे, ताकि व्हीकल की ट्रेकिंग अभिभावक मोबाईल एप के माध्यम से कर सकेंगे ।
- 19. प्रत्येक स्कूल बस में स्कूल प्रबंधक एक महिला/पुरूष टीचर को पाबंद करेंगे जो कि बस के पहले स्टॉप से लेकर अंतिम स्टॉप तक वाहन के साथ रहेंगे ।
- 20. ड्राईवर एवं कंडेक्टर का मेडिकल चेकअप सतत किया जावे एवं चालक एवं कंडेक्टर का चरित्र सत्यापन भी सुनिश्चित करें ।
[ad_2]
Source link



