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क्राइम फाइल्स के पहले पार्ट में आपने पढ़ा की श्रीनगर मेन इंदौर में किराए से रहने वाले निरंजय देशपांडे की पत्नी मेघा, बेटी अश्लेषा और सास रोहिणी की खून से लथपथ बॉडी बेडरूम में मिली थी। निर्मम तरीके से उनकी हत्या की गई थी। मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच श
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हत्या किसने और क्यों की? पुलिस को न तो ये पता चल पा रहा था और न ही आरोपियों के बारे में कोई ठोस सुराग मिल रहा था। इन सभी सवालों के जवाब पुलिस तलाशने में जुटी थी। इस बीच एमआईजी थाना पुलिस को सूचना मिली कि एमआईजी चौराहे पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम के बाहर एक लड़की संदिग्ध स्थिति में खड़ी है।
पुलिस मौके पर पहुंचती है और उसे पकड़ लेती है। तलाशी के दौरान उसके पास से मृतक अश्लेषा का एटीएम कार्ड जब्त होता है। अब पढ़िए आगे की कहानी…
पूछताछ में लड़की ने अपना नाम नेहा वर्मा बताया एटीएम के बाहर से पकड़ाई युवती ने पूछताछ में अपना नाम नेहा वर्मा और उम्र 23 साल बताया। तलाशी में उसके पास से एटीएम जब्त हुआ, जिस पर इंजीनियरिंग की छात्रा मृतक अश्लेषा देशपांडे का नाम लिखा था। पुलिस ने नेहा वर्मा को गिरफ्तार किया और थाने ले आई।
इस बीच पुलिस ने निरंजय देशपांडे के साले डॉ. दीपक हरि रानाडे को फोन कर बताया कि एक लड़की को पकड़ा है जिसके पास से अश्लेषा का एटीएम बरामद हुआ है। डॉ. दीपक थाने पहुंचे। तब तक नेहा पूछताछ में जेवर और सामान के बारे में पुलिस को बता चुकी थी, जो उसने निरंजय देशपांडे के घर से चुराए थे।
डॉ. दीपक ने भी इन जेवर को देखकर कन्फर्म किया कि ये उनकी मां और बहन के है। पुलिस ने नेहा से उसका पता ठिकाना जाना। वह अन्नपूर्णा रोड स्थित देवेंद्र नगर में रहती थी। पुलिस उसे लेकर घर पहुंची। आरोपी नेहा ने घर में ड्रेसिंग टेबल से निकालकर दो सोने की चूड़ी, एक सोने का पैंडल, टूटा हुआ मंगलसूत्र, एक एटीएम जिस पर मेघा देशपांडे लिखा था पुलिस के सुपुर्द कर दिया।

नेहा ने बताए दो साथियों के नाम आरोपी नेहा ने अपने दो अन्य साथियों के बारे में पुलिस को जानकारी दी। उसके बताने पर पुलिस घनश्यामदास नगर गई, वहां आरोपी राहुल उर्फ गोविंद मिला। उसे गिरफ्तार किया। उसके घर की अलमारी से पुलिस ने दो नग सोने की चूड़ी, एक सोने का टूटा मंगलसूत्र, एक पिस्टल बरामद की।
इसके बाद पुलिस आरोपी नेहा और राहुल को लेकर तीसरे आरोपी मनोज पिता नानूराम के सपना-संगीता टॉकिज के पीछे विद्यानगर स्थित घर पहुंची। पुलिस ने मनोज को भी गिरफ्तार किया और उसकी निशानदेही पर बिस्तर के नीचे दो सोने की चूड़ी, एक सोने का मंगलसूत्र, एक चाकू जब्त किया।
आरोपी मनोज ने अपने कपड़े-जूते पिता के सिंधी कॉलोनी स्थित घर की अलमारी में छुपाए थे जिसे पुलिस ने बरामद किया। उसने बताया कि मोबाइल उसने राऊ की तरफ मारुति शोरुम के पास फेंका था। पुलिस ने आरोपी राहुल के बताए अनुसार आईआईएम कॉलेज के आगे पीथमपुर रोड पर बनी पुलिया के नीचे से एक बाइक जब्त की। राहुल ने ये बाइक भंवरकुआं थाने से चोरी की थी।

पहली बार मॉल में हुई नेहा और मेघा की मुलाकात
पुलिस तीनों आरोपियों तक पहुंच चुकी थी, लेकिन ये सवाल अभी भी बना हुआ था कि आखिर नेहा वर्मा ने तीन महिलाओं की हत्या क्यों कर दी। नेहा जितनी खूबसूरत थी, उतनी ही महत्वाकांक्षी भी थी। मिडिल क्लास से ताल्लुक रखती थी और अमीर बनने के सपने देखती थी। वो ढेर सारा पैसा कमाना चाहती थी और अपने बॉयफ्रेंड राहुल के साथ सेटल होने की प्लानिंग कर रही थी।
इस बीच एक दिन एक मॉल में वो एक महिला से टकरा गई। नेहा ने तुरंत कहा ‘आंटी सॉरी मैंने आपको देखा नहीं’। माफी मांगते हुए नेहा जमीन पर महिला का गिरा सामान उठाकर देने लगी। महिला ने काफी ज्वेलरी पहने थे। नेहा और महिला दोनों में बातचीत होने लगी। फिर नेहा महिला को कार तक छोड़ने आ गई। जाते-जाते महिला ने अपना नाम मेघा देशपांडे बताया।
नेहा ने भी मेघा को अपना परिचय दिया। मेघा ने नेहा को अपने घर आने के लिए कहा। बाद में नेहा एक-दो बार मेघा के घर गई।

बॉयफ्रेंड से शादी की प्लानिंग कर रही थी नेहा नेहा का लंबे समय से राहुल के साथ अफेयर चल रहा था। दोनों शादी करना चाहते थे, लेकिन दोनों के पास पैसे नहीं थे। शादी से पहले दोनों जल्द से जल्द ज्यादा पैसा कमाना चाहते थे। नेहा ने राहुल के साथ मिलकर मेघा के घर लूट की प्लानिंग की। इस काम में राहुल ने अपने साथ मनोज को भी जोड़ लिया। मेघा नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी का काम करती थी।
19 जून 2011 को नेहा ब्यूटी प्रोडक्ट्स के बहाने मेघा से मिलने उसके घर गई। लिविंग रूम में मेघा और नेहा बात करने लगे। इस बीच नेहा ने मेघा से प्रोडक्ट्स में कन्फ्यूजन की बात कहते हुए अपने बॉयफ्रेंड राहुल को फोन कर मेघा के घर बुलाया। इधर, राहुल पहले से नेहा के फोन का इंतजार कर रहा था। फोन आते ही वो साथी मनोज के साथ मेघा के घर पहुंचा।
मेघा ने घर का दरवाजा खोला और राहुल को अंदर बैठने के लिए कहा। तुरंत मौका पाकर उन्होंने पिस्टल निकालकर फायर कर दिया। गोली मेघा के सिर में लगी। दूसरी गोली गलती से राहुल के पैर में लग गई। आवाज सुन अंदर से बेटी अश्लेषा और मेघा की मां रोहिणी बाहर आई तो चाकू से गोदकर आरोपियों ने दोनों की हत्या कर दी।
नेहा ने तीनों महिलाओं की लाश से ज्वेलरी निकाली। नकदी सहित अन्य सामान भी चुरा लिए।

तीनों को पहले फांसी की सजा, बाद में 25 साल की सजा कोर्ट ने माना कि एक ही परिवार की तीन पीढ़ी बेटी, मां और उसकी मां की हत्या की गई। ये तीनों महिलाएं थी। बिना किसी विद्वेष या आपराधिक जीवन के अपनी जिंदगी जी रही थीं। चंद रुपए के लालच में आकर बड़े ही क्रूर तरीके से गोली मारकर और शरीर के लगभग हर हिस्से पर चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई।
ऐसी स्थिति में आरोपी दया के पात्र नहीं है। अपराध नृशंस प्रकृति का है। फैसला सुनाते समय विशेष अपर सत्र न्यायाधीश डीएन मिश्र ने कहा था कि तीन असहाय महिलाओं की हत्या हुई है। इस तरह यह मामला विरल से विरलतम (रेयरेस्ट ऑफ रेयर) अपराध की श्रेणी में आता है। आरोपियों के लिए नरम रुख रखना उचित नहीं है। ये दया के पात्र नहीं हैं। कोर्ट ने तीनों आरोपी नेहा, राहुल और मनोज को फांसी की सजा सुनाई।
फांसी की सजा के खिलाफ तीनों हाई कोर्ट गए। हाई कोर्ट ने भी फांसी की सजा को बरकरार रखा। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। जेल में रहते हुए नेहा ने जरदौजी की कला सीखी और सिखाई। इसके अलावा ब्यूटी पार्लर का कोर्स सीखा और दूसरी महिला बंदियों को साफ सुथरा रहने के लिए जागरूक किया। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने तीनों की फांसी की सजा को 25 साल की सजा में बदल दिया।

पहला पार्ट भी पढ़िए….

इंदौर की पॉश कॉलोनियों में से एक श्रीनगर मेन के एक मकान में 14 साल पहले एक 23 साल की युवती, उसकी मां और नानी की खून से सनी लाशें मिली थीं। तलाशी में पुलिस को पता चला था कि घर से सोने के गहने और कीमती सामान चोरी हुआ था। पुलिस के सामने कई सवाल थे। क्या हत्यारा पहले से महिलाओं को जानता था? बदमाश चोरी की नीयत से घर में दाखिल हुए थे तो हत्या की नौबत कैसे आ गई? पढ़ें पूरी खबर…
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