नौगांव । शहर के बस स्टैंड से मानवता को शर्मसार कर देने वाली तस्वीरे सामने आई है । जहा एक मां अपने बेटे के शव को गोद में लिए दो घंटे भीषण गर्मी में बैठी रही। आंखों से बहते आंसू, गोद में बेजान पड़ा उसके जिगर का टुकड़ा और चेहरे पर बेबसी यह मंजर जिसने भी देखा,उसकी आंखें नम हो गईं। टीबी से पीडि़त बेटे का इलाज कराने चौहान अस्पताल आई थी, लेकिन इलाज से पहले ही बेटे की मौत हो गई। उत्तरप्रदेश फतेहपुर जिले के थाना पंचमपुर अन्तर्गत के जगदीशपुर गांव निवासी 60 वर्षीय मीना पति रामजीवन रैदास ने बताया की वह अपने 40 वर्षीय पुत्र पप्पू रैदास का इलाज कराने डॉ चौहान के अस्पताल सोमवार की देर शाम आई थी लेकिन डाक्टर साहब नही मिले जिस कारण रात भर रुकी रही सुबह मंगलवार को डॉक्टर ने पर्चा बनाया और मेडिकल से दावा खरीदकर लाए तब कंपोटर ने देखा और इंजेक्शन लगाकर दवाई खिलाने को कहा लेकिन मेरे बेटे की तबियत और खराब हो गई तब रैफर के लिए कहा गया तो बेटे को लेकर बस स्टैंड पर आई इसी दौरान उसकी मौत गई बेबस मां के पास शव ले जाने के लिए पैसे नहीं थे जिस कारण बेटे का शव गोद रखे दो घंटे बस स्टैंड पर बैठी रोती बिलखती रही।
मानवता के बढ़े हाथ चंदा किया इक्कठा
बेटे के शव को गोद में रखे रोती बिलखती वृद्ध महिला को देख बस स्टैंड पर भरी भीड़ एकत्रित हो गई और यह दृश्य सोसल मीडिया पर वायरल हुआ, तो लोगो में इंसानियत जागी। वहां मौजूद लोगों ने चंदा इक_ा करना शुरू किया। और करीब पांच हजार से अधिक रुपए जुटाए तब कही जाकर बेबस मां अपने बेटे का अंतिम संस्कार करने अपने गांव लौट सकी। यह घटना न सिर्फ स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलती है, बल्कि समाज के उस इंसानी चेहरे को भी सामने लाती है, जो दुख की घड़ी में किसी अजनबी के लिए भी खड़ा हो जाता है।
क्या डॉक्टरों की संवेदनाएं सिर्फ फीस तक सीमित हो गई हैं?
डॉ. चौहान का कहना है कि महिला अपने बेटे को गंभीर हालत में लेकर एक घंटे पहले आई थी उसके फेफड़े खबर थे उसे मेडिकल या कानपुर ले जाने को कहा था फीस और दवा के पैसे भी वापस कर दिए गए। लेकिन सवाल ये नहीं है कि पैसे लौटाए गए या नही सवाल यह है की क्या उसे इंसान समझा गया? फिर भी इस अंधेरे में एक उम्मीद थी इंसानियत की लेकिन वह मदद उस मां को डॉक्टर या सिस्टम से नहीं मिली वो आम लोगों से मिली। वही मृतक की मां ने आरोप लगाते हुए कहा कि सोमवार की शाम आ गई थी लेकिन डॉक्टर साहब नही मिले कंपोटर ने दवाई और इंजेक्शन लगा दिया और तबियत ज्यादा खराब होने पर कहा कि इसे बाहर दिखा लो तब घबराती हुए बेबस मां बेटे को लेकर बस स्टैंड पहुंची जहा उसकी मौत हो गई । पुलिस ने पंचनामा बनाते हुए जांच शुरू की है।



