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एक यूट्यूब वीडियो ने बदल दी गोंडा के शाकिर अली की किस्मत, शुरू किया मिट्टी का ये बिजनेस, सालाना कमाते हैं लाखों

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Gonda News: गोंडा के शाकिर अली जिन्होंने 8वीं तक की पढ़ाई करने के बाद YouTube से प्रेरित होकर मिट्टी के कुल्हड़ बनाने का बिजनेस शुरू किया. शुरुआत में मामूली संसाधनों के साथ शुरू हुए इस बिजनेस ने अब उन्हें लाखों…और पढ़ें

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कुल्हड़

कुल्हड़ का बिजनेस शुरू करने वाले शाकिर अली 

हाइलाइट्स

  • शाकिर अली ने यूट्यूब देखकर कुल्हड़ का बिजनेस शुरू किया.
  • शाकिर का सालाना टर्नओवर 22-25 लाख है.
  • शाकिर ने 10-15 लोगों को रोजगार दिया है.

गोंडा: उत्तर प्रदेश के गोंडा निवासी शाकिर अली की कहानी उन युवाओं के लिए प्रेरणा है जो कम पढ़ाई के बावजूद अपने सपनों को साकार करने की राह पर चलने की हिम्मत रखते हैं. शाकिर ने आठवीं तक की पढ़ाई की और फिर एक यूट्यूब वीडियो देखकर कुल्हड़ बनाने का बिजनेस शुरू किया. इस बिजनेस की आज जबरदस्त सफलता है, और वह सालाना लाखों का टर्नओवर कर रहे हैं. शाकिर ने अपने बिजनेस से न सिर्फ अपनी ज़िंदगी बदली, बल्कि करीब 10-15 लोगों को रोजगार भी दिया है.

कहा से आया बिजनेस शुरू करने का आइडिया
शाकिर अली बताते हैं कि एक यूट्यूब वीडियो ने उनकी जिंदगी बदल दी. उस वीडियो में कुल्हड़ के बिजनेस के बारे में जानकारी दी गई थी, जिसे देखकर उन्होंने सोचा कि क्यों न इस बिजनेस की शुरुआत की जाए, खासकर तब जब लोग आजकल कुल्हड़ में चाय पीना काफी पसंद कर रहे हैं. शुरुआत में शाकिर के पास ज्यादा संसाधन नहीं थे, लेकिन उन्होंने छोटे पैमाने पर कुल्हड़ बनाना शुरू किया. वक्त के साथ-साथ उन्हें ग्राहकों का अच्छा रिस्पॉन्स मिलना शुरू हो गया. साथ ही, पर्यावरण के लिए कुल्हड़ का इस्तेमाल भी फायदेमंद माना जाता है, जो इसकी मांग को बढ़ा रहा था.

एक दिन में कितने कुल्हड़ तैयार होते हैं?
शाकिर बताते हैं कि एक दिन में वह लगभग 20,000 से 25,000 कुल्हड़ तैयार कर लेते हैं. जबकि एक दिन में लगभग 12,000 से 15,000 कुल्हड़ की बिक्री होती है, जिनमें से डिमांड अधिकांश अयोध्या से आती है, उसके बाद गोंडा से इसके अलावा कुछ लोग उनके गोदाम से भी आकर कुल्हड़ ले जाते हैं.

शुरुआत में खर्चा और बढ़ती सफलता
शाकिर बताते हैं कि जब उन्होंने इस बिजनेस की शुरुआत की थी, तब दो से ढाई लाख रुपए का खर्चा आया था, क्योंकि शुरू में सिर्फ चार मशीनों का इस्तेमाल हो रहा था. लेकिन समय के साथ इस व्यापार को बढ़ाते हुए आज उनके पास कुल 14 मशीनें हैं. शाकिर का सालाना टर्नओवर लगभग 22 से 25 लाख रुपए तक पहुंच चुका है, जो उनके बिजनेस की सफलता का प्रमाण है. शाकिर अली की सफलता उन युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो कम पढ़ाई के कारण अपने सपनों को छोड़ देते हैं. उन्होंने यह साबित कर दिया कि अगर मेहनत, सही सोच और हौसला हो, तो कोई भी कामयाबी मिल सकती है.

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YouTube से लिया आइडिया, 8वीं पास इस शख्स ने मिट्टी से बना लिया लाखों का बिजनेस

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