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छतरपुर में एक दलित युवक ने पुलिस पर थाने में बंद कर बेल्ट और डंडों से पीटने का आरोप लगाया है। जिले के बड़ामलहरा में दो दिन पहले ट्रैक्टर दुर्घटना में एक युवक की मौत के बाद अस्पताल में डॉक्टर नहीं होने से 50-100 ग्रामीणों ने सड़क जाम कर प्रदर्शन किया
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इसी दौरान दलित समाज के प्रेमी अहिरवार नामक युवक को पुलिसकर्मी थाने ले गए और वहां बुरी तरह पीटा। युवक ने आरोप लगाया कि हथकड़ी पहनाकर, पैरों को बांधकर, बेल्ट और डंडों से दो घंटे तक पीटा गया।
पीड़ित प्रेमी अहिरवार ने सोमवार को एसपी कार्यालय में शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि 10 मई को सुबह करीब 8:30 बजे ट्रैक्टर से एक युवक की मौत हो गई थी। आक्रोशित ग्रामीणों के साथ वह भी बड़ामलहरा पहुंचे और सड़क जाम कर दिया। जाम के दौरान वह पूछ रहा था कि पुलिस बालू ट्रैक्टरों पर कार्रवाई क्यों नहीं करती, जबकि लगातार हादसे हो रहे हैं। इसी पर पुलिस नाराज हुई और सुबह 11 बजे उसे थाने ले जाया गया।
थाने में बेल्ट और डंडों से पीटने का आरोप
प्रेमी ने बताया कि एसडीओपी कार्यालय ले जाकर पुलिसकर्मियों ने उसे हथकड़ी लगाई, पैर बांधे और करीब दो घंटे तक बेल्ट और डंडों से पीटा। उसका आरोप है कि गुलगंज थाना प्रभारी गुरूदत्त शेशा, चरण यादव, भारत यादव और अन्य पुलिसकर्मियों ने उसे पीटा। युवक ने अजाक थाने में मामला दर्ज करवाया है और एसपी कार्यालय में शिकायत दी है। युवक ने अपने शरीर पर चोट के निशान भी दिखाए है।
एसडीओपी बोले- युवक आपराधिक प्रवृत्ति का है
इस मामले में एसडीओपी रोहित अलावा का कहना है कि प्रेमी अहिरवार आपराधिक प्रवृत्ति का व्यक्ति है, जिस पर पहले से 3-4 केस दर्ज हैं। वह लोगों को उकसाकर जाम करवा रहा था, इसलिए उसे थाने लाया गया था, जहां सिर्फ समझाइश दी गई।
युवक का दावा- सवाल उठाने का कारण टारगेट किया गया
पीड़ित युवक प्रेमी ने कहा पुलिस उसे इसलिए निशाना बना रही है क्योंकि उसने खुलकर सवाल उठाया था। उसके पूछा था कि आखिर पुलिस बालू ट्रैक्टरों को क्यों नहीं रोकती जबकि पहले भी कई हादसे हो चुके हैं। उसने बताया कि वह तीन दिनों से मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान है और एसपी कार्यालय में अजाक थाने में शिकायत दर्ज करवा चुका है।
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