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Transgender success story: चेन्नई की ट्रांसजेंडर पूजा ने मवेशी फार्म शुरू कर आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश की. समाज की बेरुखी झेलने के बावजूद उन्होंने मेहनत और आत्मविश्वास से पहचान बनाई और आज लोगों का नजरिया बदलने …और पढ़ें
ट्रांसजेंडर सफलता की कहानी
चेन्नई के रेड हिल्स इलाके में रहने वाली ट्रांसजेंडर पूजा आज हजारों लोगों के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं. पूजा ने समाज की सीमाओं को तोड़ते हुए खुद का मवेशी फार्म शुरू किया है और अब वे इसी के जरिए अपनी पहचान और रोज़ी-रोटी बना रही हैं. जहां एक ओर अधिकतर ट्रांसजेंडर समुदाय पारंपरिक कामों या सीमित विकल्पों में फंसे रहते हैं, वहीं पूजा ने स्वरोजगार को अपनाकर एक नई राह बनाई है.
कूवगम उत्सव में दिखेगा ट्रांसजेंडर समुदाय का रंग
हर साल की तरह इस बार भी तमिलनाडु के प्रसिद्ध कूवगम कूथंडावर मंदिर उत्सव में लाखों ट्रांसजेंडर शिरकत करने वाले हैं. यह उत्सव न सिर्फ धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि ट्रांसजेंडर समुदाय के आत्मसम्मान और उनके सामाजिक योगदान को भी सामने लाता है. इस बार उत्सव की शोभा बढ़ाने के लिए दक्षिण भारतीय ट्रांसजेंडर फेडरेशन अपनी 25वीं सालगिरह मना रहा है और इसके तहत कई जागरूकता कार्यक्रमों व प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा.
मिस गूवगम में दिखेगा ट्रांसजेंडर महिलाओं का आत्मविश्वास
12 तारीख को होने वाली सौंदर्य प्रतियोगिता ‘मिस गूवगम’ इस बार खास चर्चा में है. इसका पहला राउंड सुबह 10 बजे विल्लुपुरम के अंजनेया वेडिंग हॉल में होगा और फाइनल राउंड शाम 7 बजे नगरपालिका मैदान में. इस प्रतियोगिता में जीतने वाली ट्रांसजेंडर महिलाओं को सम्मानित किया जाएगा, ताकि वे औरों के लिए मिसाल बन सकें.
सिर्फ 11वीं पास पूजा ने तोड़ी समाज की बेड़ियां
पूजा कहती हैं कि वे सिर्फ 11वीं कक्षा तक ही पढ़ पाईं, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी. पूजा आज 10 ट्रांसजेंडर महिलाओं के साथ मिलकर एक समूह बनाकर काम कर रही हैं. उनका मानना है कि ट्रांसजेंडर होने का मतलब यह नहीं कि हमें सेक्स इंडस्ट्री में ही जाना पड़े, बल्कि हम भी आम लोगों की तरह आत्मनिर्भर बन सकते हैं.
सरकारी मदद और समाज का मिला साथ
पूजा ने बताया कि उन्हें सरकार की तरफ से कुछ कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिला, जिससे उन्होंने अपने मवेशी फार्म की शुरुआत की. शुरुआत में जब उन्होंने दूध बेचना शुरू किया तो लोग उनसे दूध लेने में हिचकिचाते थे. लेकिन पूजा ने हार नहीं मानी और धैर्य के साथ अपने काम को जारी रखा.
अब पूजा ही इलाके में बांटती हैं दूध
आज वही लोग, जो कभी उनसे दूध लेने से कतराते थे, अब पूजा के ग्राहक बन चुके हैं. पूजा पूरे आत्मविश्वास के साथ इलाके में दूध बांटती हैं. उन्होंने बताया कि अब उन्हें समाज का सहयोग मिलने लगा है, और वे तनावमुक्त होकर अपने काम में जुटी हैं. इससे उन्हें सम्मान के साथ अच्छी आय भी हो रही है.
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