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Rules are meaningless, 100 officers are stuck on important posts for years | प्रतिनियुक्ति में मनमानी…: नियम बेमानी, सालों से अहम पदों पर जमे 100 अफसर – Bhopal News

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श्रीमती किरण दुबे के पुत्र संजय दुबे की रिपोर्ट

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प्रतिनियुक्ति की अवधि 3 साल से ज्यादा नहीं हो सकती, लेकिन ये 8-10 सालों से मंत्रालय और संचालनालयों में

सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों के भीतर निहित स्वार्थ न पनपें। इसलिए नियम है कि उनका तीन साल के भीतर तबादला कर दिया जाए। दूसरी ओर, प्रतिनियुक्ति पर जमे अफसरों के मामले कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं। प्रदेश में ऐसे 100 से ज्यादा अफसर हैं, जो 10-15 साल से मंत्रालय और सतपुड़ा-विंध्याचल (संचालनालयों) में अहम पदों पर प्रतिनियुक्ति पर जमे हैं।

यहां ये अपना मूल काम छोड़कर स्थापना और ट्रांसफर के काम देख रहे हैं। वैसे, नियम तो प्रतिनियुक्ति के लिए भी है। जीएडी के नियमों के अनुसार, प्रतिनियुक्ति की अवधि एक साल रहेगी। जरूरत पड़ने पर मूल विभाग और जहां प्रतिनियुक्ति है, दोनों की सहमति से ये अवधि तीन साल तक बढ़ाई जा सकती है। इसके बाद हटाना जरूरी है।

लेकिन यहां आलम यह है कि प्रतिनियुक्ति के लिए ओएसडी के साथ सहायक ओएसडी के नए पद निर्मित किए जा रहे हैं। उच्च शिक्षा विभाग में प्रोफेसर डॉ. मनोज अग्निहोत्री, डॉ. अनिल पाठक, डॉ. जीआर गंगेले और रामकुमार यादव मंत्रालय में ओएसडी हैं। सुदीप साकेत और एपी सिंह सहायक ओएसडी हैं।

किस विभाग के कितने अफसर

  • 50 स्कूल शिक्षा, राजस्व और ऊर्जा विभाग के
  • 15 से ज्यादा उच्च शिक्षा के
  • 40 पीडब्ल्यूडी, खनिज, वन, तकनीकी शिक्षा आदि

एक नजर... कोई सचिव तो कोई उपसचिव

{एमके द्विवेदी कौशल विकास और रोजगार विभाग में सहायक संचालक हैं। ये 2016 से उद्योग संचालनालय में प्रभारी उप संचालक के पद पर प्रतिनियुक्ति पर हैं, जहां लगातार अधोसंरचना विकास कक्ष का सबसे अहम काम देख रहे हैं। {मुकुंद शर्मा कौशल विकास एवं रोजगार विभाग में उप संचालक हैं। ये 2016 से उद्योग विभाग में प्रतिनियुक्ति पर स्वरोजगार योजनाओं का काम देख रहे हैं। {ओएल मंडलोई स्कूल शिक्षा में ज्वाइंट डायरेक्टर हैं। पिछले 5 साल से विभाग में उप सचिव के पद पर हैं और स्थापना का काम देख रहे हैं। {एमआर धाकड़ तकनीकी शिक्षा विभाग में पिछले 15 साल से अपर सचिव हैं। मूल पद संचालनालय तकनीकी शिक्षा में संयुक्त संचालक है। {सीसीएफ अतुल मिश्रा वन विभाग में पिछले 10 सालों से सचिव हैं। {मनोज सिन्हा सहकारिता में 15 साल से उप सचिव हैं। मूल पद सहकारिता में संयुक्त पंजीयक है। {चिकित्सक बीके दुबे चिकित्सा शिक्षा विभाग में 8 साल से उप सचिव हैं। वित्त सेवा के अधिकारी पीके श्रीवास्तव वित्त विभाग में 8 साल से उप सचिव हैं।

लोकायुक्त भी इससे अछूता नहीं {पीडब्ल्यूडी में सहायक यंत्री केएल मोदी लोकायुक्त की तकनीकी विंग में 2013 से 2024 तक सहायक यंत्री रहे और वहीं से रिटायर हुए। {पीडब्ल्यूडी में सहायक यंत्री आरके रावत 2013 से लोकायुक्त की तकनीकी विंग में सहायक यंत्री हैं।

विभागों को नियमों का पालन करना चा​हिए ^जीएडी ने प्रतिनियुक्ति के नियम जारी किए हैं। कितनी अवधि तक प्रतिनियुक्ति रहेगी, किसे प्रभार दिया जा रहा है, ये स्पष्ट है। इसका विभागों को पालन करना चाहिए। -अनिल सुचारी, सचिव, जीएडी

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