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ड्यूटी के दौरान गोली लगने से घायल हुए जैतवारा थाने के प्रधान आरक्षक प्रिंस गर्ग आखिरकार जिंदगी की जंग हार गए। शुक्रवार सुबह उन्होंने दिल्ली के मैक्स अस्पताल में अंतिम सांस ली। 11 दिन तक चले इलाज के बाद भी डॉक्टर उन्हें नहीं बचा सके।
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शनिवार सुबह 6 बजे उनका पार्थिव शरीर सतना के महदेवा स्थित उनके निवास पर लाया गया, जहां महदेवा मुक्तिधाम में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनके चचेरे छोटे भाई कपिल गर्ग ने मुखाग्नि दी।
राजकीय सम्मान से अंतिम विदाई अंतिम यात्रा में सतना कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार, एसएसपी आशुतोष गुप्ता, एएसपी शिवेश सिंह, नगर पुलिस अधीक्षक, आरआई देविका सिंह, जिले के तमाम थाना प्रभारी और सैकड़ों की संख्या में पुलिसकर्मी शामिल हुए। साथी जवानों ने उन्हें कंधा दिया और पुलिस विभाग ने गार्ड ऑफ ऑनर देते हुए सलामी दी। मुखाग्नि छोटे भाई कपिल गर्ग ने दी।
दो मासूम बच्चों को छोड़ गए पीछे प्रिंस गर्ग अपने पीछे पत्नी, 8 साल का बेटा और 6 साल की बेटी छोड़ गए हैं। वे अपने माता-पिता अवध बिहारी गर्ग और मालती देवी के इकलौते बेटे थे। बेटे की शहादत ने बुढ़ापे का सहारा छीन लिया। मासूम बच्चों की नाम आंखें, डरी सहमी नजरें और घर में पसरा सन्नाटा हर किसी का दिल चीरने वाला था।
11 दिन तक लड़ी जिंदगी की जंग घटना 28-29 अप्रैल की रात की है, जब आरोपी अच्छू शर्मा ने थाना परिसर के बैरक में घुसकर प्रिंस गर्ग को गोली मार दी थी। गोली कॉलर बोन के नीचे से आर-पार हो गई। पहले जिला अस्पताल सतना, फिर मेडिकल कॉलेज रीवा और अंत में 7 मई को हालत बिगड़ने पर एयरलिफ्ट कर दिल्ली के मैक्स हॉस्पिटल ले जाया गया। लगातार कोशिशों के बावजूद 10 मई को सुबह 8 बजे उन्होंने दम तोड़ दिया।
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